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कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है? Computer kitne prakar ke hote hai?

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है? Types of computer in hindi? आइये जानते है कंप्यूटर के प्रकारों के बारे में सरल भाषा हिंदी में?

फ्रेंड्स हम सभी जान रहे है की आज कंप्यूटर का युग है और इस युग में हर एक इंसान हमेशा किसी न किसी तरह कंप्यूटर से जुड़ा रहता है. आज हमलोग अपने इर्द-गिर्द कई तरह के कंप्यूटर देखते है जैसे- लैपटॉप, डेस्कटॉप, स्मार्टफोन, टेबलेट, इत्यादि. पर ये सभी केवल हमारी सामान्य जरुरत को पूरा करने के लिए होते है. जिसकी क्षमता सिमित होती है. पर क्या आपने कभी सोचा है की क्या एक साधारण कंप्यूटर का ही उपयोग मोसम की भविष्यवाणी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, बड़ी डेटाबेस मैनेजमेंट, ऑटोमेशन, इंजीनियरिंग इत्यादि क्षेत्र में किया जाता होगा, तो इसका जबाब है नहीं क्योंकि कंप्यूटर की दुनियां यहाँ तक ही सिमित नहीं है, इसकी दुनियां बहुत ही बड़ी है.
हम सभी को पता होना चाहिए की जरुरत के अनुसार अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग तरह के कंप्यूटर का निर्माण किया जाता है जिसकी ताकत तथा कार्य कुशलता भी अलग-अलग तरह के होते है. ऐसे में इन्ही सवालों को ध्यान में रखते हुए आज हमलोग इस टॉपिक में कंप्यूटर के प्रकारों के बारे में विश्लेषण करने जा रहे है इसलिए आपसे आग्रह है की पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें....

Computer kitne prakar ke hote hai?

कंप्यूटर के प्रकारों के बारे में चर्चा करने से पहले हमलोग संक्षेप में जानते है की कंप्यूटर क्या है?
साधारण शब्दों में कहें तो कंप्यूटर एक Programmable Electronics Machine है जो हमारे द्वारा दिए इनपुट के आधार पर उसपर मैथमेटिकल अथवा लॉजिकल गणना करके आउटपुट देने का काम करता है, अर्थात कंप्यूटर को जो भी हम इनपुट देंगे उसके आधार पर मैथमेटिकल अथवा लॉजिकल जैसा जरुरत हो, गणना करके आउटपुट देने का काम करता है.

कंप्यूटर कोई भी कार्य स्वतः ही नहीं करता है बल्कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देश के आधार पर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की मदद से किसी कार्य को पूर्ण करता है. कंप्यूटर से हर एक अलग-अलग तरह के कार्यों को करवाने के लिए अलग-अलग तरह के सॉफ्टवेयर को डेवलप किया जाता है जिसमे उस कार्य के अनुकूल बहुत सारे Instruction तथा Program पहले से सेट किये गए होते है. साथ ही कार्य के अनुकूल अलग-अलग तरह के सॉफ्टवेयर को रन कराने के लिए उसके अनुकूल हार्डवेयर की भी आवश्यकता होती है, यही कारण है की हमारे कंप्यूटर की दुनिया में कई प्रकार के अलग-अलग क्षमता वाले कंप्यूटर पाए जाते है. 
आइये आब जानते है कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है....

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है? Computer kitne prakar ke hote hai?

कार्यप्रणाली, उद्शेय तथा आकर के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है:-

➤कार्यप्रणाली के आधार पर ( Based on work process) :-

➤कार्यप्रणाली के आधार पर कंप्यूटर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है....
  1. Analog Computer
  2. Digital Computer
  3. Hybrid Computer

Analog Computer :

Analog computer
जैसा की नाम से ही पता चलता है “Analog” यानि वैसा कंप्यूटर जो लगातार बदलनेवाली Signal (Analog Signal) पर काम करता हो अर्थात एनालॉग कंप्यूटर वे मशीन होते है जो लगातार बदलनेवाली भौतिक मात्रा (डाटा) जैसे- द्रव दाब, यांत्रिक गति, विद्युत मात्रा, तापमान इत्यादि को Calculate करके अंकों में व्यक्त करने का काम करता है वे कंप्यूटर Analog Computer की श्रेणी में आते है। कुछ एनालॉग कंप्यूटर के उदहारण है जैसे- थर्मामीटर जो की लगातार बदलनेवाली तापमान को मापने का कार्य करता है , कार की स्पीडोमीटर जो गाड़ी की चाल बताता है , एनालॉग मल्टीमीटर जिसमे सुई मूवमेंट करके कोई भी वैल्यू बताता है। ये सभी एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण है। आजकल इस कंप्यूटर का उपयोग केवल कुछ ही विशेष कार्य के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें इनफार्मेशन स्टोर करके नहीं रखे जा सकते है साथ ही इसकी परिणाम की Accuracy डिजिटल कंप्यूटर के तुलना में कम है।

Digital Computer :

Digital computer
Digital शब्द “Digit” से बना है जिसका अर्थ होता है “अंक” यानि वैसा कंप्यूटर जो अंकीय डाटा पर आधारित होकर कार्य करता हो अर्थात डिजिटल कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते है जो Input डाटा Digit के रूप में लेता है और यह Digit 0 और 1 से बना होता है जिसे Binary Number तथा Bit कहते है। यह कंप्यूटर Input 0 और 1 के फॉर्म में लेता है परन्तु Output Multiple फॉर्म में देने की क्षमता रखता है इसका आउटपुट हमें Digit, Graphic, Sound इत्यादि रूपों में प्राप्त होता है। इस कंप्यूटर में इनफार्मेशन कई सालों तक स्टोर रखा जा सकता है। Digital Computer “Mathematical तथा Logical” दोनों प्रकार के कैलकुलेशन बिलकुल सही-सही व शुद्धता के साथ करने में सक्षम है। इस कंप्यूटर से प्राप्त हुई परिणाम की विश्वसनीयता काफी ज्याद होती है तथा इसमें गलती होने की संभावना बहुत ही कम रहती है। यह कंप्यूटर अनेक समस्याओं के समाधान के लिए उपयुक्त है साथ ही इस कंप्यूटर के कार्य करने का दायरा बहुत ही बड़ा है। उपयोग तथा आकर के आधार पर यह कंप्यूटर चार प्रकार के होते है जिसे Micro, Mini, Mainframe तथा Super Computer कहते है।

Hybrid Computer :

Hybrid computer
यह वैसा कंप्यूटर होता है जो Analog तथा Digital दोनों Type के कैलकुलेशन करने की क्षमता रखता है इस कंप्यूटर को Analog तथा Digital दोनों Technology के आधार पर बनाये जाते है ताकि यह कंप्यूटर जटिल से जटिल गणनाएं क्षण मिनटो में करने में सक्षम हो सकें और वास्तव में इस कंप्यूटर का उपयोग वैसे स्थानों पर किया जाता है जहाँ दोनों प्रकार के कैलकुलेशन की जरुरत होती है। इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग मुख्य रूप से विज्ञानं तथा प्रद्योगिकी के क्षेत्र में किया जाता है। Hybrid Computer का एक छोटा सा नमूना है- कार में लगा Digital Speedometer तथा पेट्रोल पंप पर लगा Digital Petrol Vendor Machine, यह दोनों Device लगातार बदलनेवाली भोतिक मात्रा के परिणाम को हमारे समने Digital रुप मे प्रस्तुत करते है।

इन्हें भी पढ़ें:→

➤उपयोग तथा आकर के आधार पर ( Based on use and size) :-

➤उपयोग, आकर तथा स्पीड के आधार पर कंप्यूटर मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है....
  1. Micro Computer
  2. Mini Computer
  3. Mainframe Computer
  4. Super Computer
  5. Workstation Computer

Micro Computer:
Micro computer

यह वही कंप्यूटर है जिसे हमलोग हर जगह अपने इर्द-गिर्द हमेशा देखते है। यह वैसा कंप्यूटर होता है जो आम लोगो की पहुँच तक होने के साथ-साथ सामान्य रूप से लगभग सभी कार्य कार्य करने की क्षमता रखता है। यह कंप्यूटर आकर में सबसे छोटे होते है तथा यह मुख्य रूप से Single User System के आधार पर बनाये गए होते है जिसपर एक साथ एक ही यूजर कार्य कर सकते है परन्तु जरुरत के अनुसार इसे भी Multiple User System बनाया जा सकता है और वृहत पैमाने पर उपयोग में लाया जा सकता है। इस कंप्यूटर पर घर, स्कूल, कॉलेज, ऑफिस तथा छोटे व्यवसाय के वो सारे कार्य कर सकते है जो ऐसे स्थानों पर जरुरत पड़ती है तथा माइक्रो कंप्यूटर को इन्ही सब कार्यों को ध्यान में रखकर बनाया गया होता है। यह कंप्यूटर भी कई प्रकार के क्षमता में आते है परन्तु कार्य एवं जरुरत के अनुसार ही इसकी क्षमता का चयन करते है और उपयोग में लाते है। इस कंप्यूटर में ज्यादातर Single CPU (Microprocessor) का उपयोग किया गया होता है। माइक्रो कंप्यूटर का उदाहरण है- Desktop, Laptop,Tablet, Smartphone इत्यादि. 

Mini Computer:

Mini computer
मिनी कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर से अधिक Powerful बनाया गया होता है क्योंकि इस टाइप के कंप्यूटर को छोटे-छोटे व्यवसायिक कार्यों को देखकर ही बनाया गया है जहाँ Micro Computer उस कार्य को नहीं कर सकते, ऐसे स्थानों पर Mini Computer का उपयोग किया जाता है। ये कंप्यूटर Multiple User System होते है तथा इसपर एक साथ 100 - 200 यूजर कार्य कर सकते है। इस कंप्यूटर को ज्यादातर ऐसे स्थानों पर उपयोग किया जाता है जहाँ एक साथ बहुत सारे यूजर के कार्य करने की जरुरत हो जैसे- Railway, Banking, University....

Mainframe Computer:

Mainframe computer
यह कंप्यूटर अन्य सभी कंप्यूटरों से आकार में बहुत बड़ी तथा अधिक शक्तिशाली होता है। इस कंप्यूटर का उपयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है जहाँ कई अलग-अलग Location पर किये जा रहे कार्यों का निष्पादन करना हो तथा बड़ी मात्राओं में Calculations तथा Data Management करने की आवश्यकता हो। यह कंप्यूटर Network में कई अलग -अलग Location के हजारों Workstation पर किये जा रहे कार्यो को Same Time में तीव्र गति से Access करने की अनुमति दे सकता है तथा उससे प्राप्त होनेवाली Data या Information को अपनी DBMS (Database Management System) में Store रख सकता है। इसकी Processing Speed बहुत ज्यादा (MIPS-Million Instructions Per Second) होती है तथा इसकी Storage Capacity भी बहुत ज्यादा रहती है। मेनफ़्रेम कंप्यूटर को बड़ी मात्राओं में डाटा का संस्करण तथा भण्डारण करना पड़ता है।
इस कंप्यूटर का उपयोग ज्यादातर बड़े बड़े व्यावसायिक संगठनों के द्वारा Centerlised Computer के रूप में किया जाता है।
इस कंप्यूटर के उपयोग अवं क्षमता का अंदाजा हम ATM Transaction या Net Banking Transaction को समझकर लगा सकते है क्योंकि इसमें एक बार में Same Time पर कई एक Location में एक साथ पैसे का लेन-देन किया जा रहा होता है और इन सारी जगहों की लेन-देन का Calculation एवं Information Store किसी अलग एक Server Room में लगे कंप्यूटर के द्वारा किया जा रहा होता है और ये कंप्यूटर Mainframe Computer होते है।
IBM 4381, ICL 39 Series तथा CDS Cyber series ये सभी मेनफ़्रेम कंप्यूटर के उदहारण है।

Super Computer:

Super computer
इस कंप्यूटर को हिंदी में महासंगणक कहते है ये कंप्यूटर आकार में Mainframe के सामान ही होते है परंतु इसकी क्षमता दुनिया की सभी कंप्यूटरों में से बहुत ही ज्यादा होती है। इस कंप्यूटर में हजारों Processor लगे होते है जो एक साथ मिलकर कार्य करते है। इसकी Processing Speed MIPS में नहीं बल्कि FLOPS (Floating Point Operations Per Second) में होती है ये एक सेकंड में अरबों कैलकुलेशन कर सकता है। ये कंप्यूटर Serial Processing के बजाय Perelal Processing पर किसी भी कार्य को पूरा करता है। Super Computer के द्वारा जटिल से जटिल Computational Operations को कुछ ही सेकंड में किया जा सकता है। यह कंप्यूटर आम लोगों की पहुँच से दूर है क्योंकि इसकी कीमत बहुत ही ज्यादा होती है। इस कंप्यूटर का उपयोग ऐसे कार्यों में किया जाता है जहाँ काम समय में Real Time में बहुत बड़ी कैलकुलेशन करके परिणाम दिखना होता है जैसे- Scientific Research, Weather Forecasting, Molecular Modeling, Oil Gas Exploring Etc.
Pratyush तथा Mihir वर्तमान में भारत की सबसे अधिक शक्तिशाली कंप्यूटर है।

Workstation Computer:

वर्कस्टेशन एक सामान्य कंप्यूटर की तरह ही होता है परन्तु इसकी कुछ अलग उपयोग तथा विशेषताएं होती है जिस कारण इसे एक विशेष कंप्यूटर के रूप में भी जाना जाता है. वर्कस्टेशन कंप्यूटर को तकनीकी, वैज्ञानिक या जटिल अनुप्रयोगों के लिए जहाँ उच्च क्षमताओं के कंप्यूटिंग सिस्टम की जरुरत हो, के आधार पर डिज़ाइन किया गया होता है. इसकी मुख्य विशेषता होती है की इसकी सामान्य कंप्यूटर से Performance, Reliability, Storage, Expendability उच्च होती है. इसे सिंगल तथा मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ चलाए जा सकते है.

➤उद्देश्य के आधार पर ( Based on purpose) :-

➤उदेश्य के आधार पर कंप्यूटर को दो भागों में बांटा गया है....
  1. General Purpose Computer
  2. Special Purpose Computer

General Purpose Computer:

General Purpose Computer
जनरल पर्पस कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते है जिसको सामान्य कार्यों को करने के लिए बनाया गया होता है । इस कंप्यूटर पर Home, Office, School, Collage इत्यादि के कार्यों को बड़े आसानी से किया जा सकता है। परंतु इसकी क्षमता सामान्य ही होती है जिस कारण इस कंप्यूटर पर कोई विशिष्ट कार्य नहीं किया जा सकता है। ये कंप्यूटर आम लोगों के बजट में होते है। हमलोगों के रोजमर्रा के कार्यों को करनेवाले पर्सनल कंप्यूटर General Purpose Computer की श्रेणी में आते है।

Special Purpose Computer:

Special purpose computer
ये कंप्यूटर किसी खास कार्यों के लिए Design किये जाते है जिससे इसकी कार्य क्षमता उस कार्य के अनुकूल होता है। ये कंप्यूटर अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग क्षमता तथा आकार के बनाये जाते है। इसके Hardware तथा Software भी जरुरत के अनुसार बनाये जाते है। इस कंप्यूटर के साथ कई अलग-अलग प्रकार के Device Interconnect रहते है। Special Purpose Computer के उदाहरण है - ATM Machine, CT Scan Machine, Petrol Vendor Machine Etc.

इन्हें भी पढ़ें:→

Conclusion:
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा कंप्यूटर के प्रकारों के बारे में लिखी गयी इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे की कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है और अलग - अलग प्रकार के कंप्यूटर की जरूरत तथा विशेषताएं क्या होती है. फिर भी किसी प्रकार की कोई कंफ्यूजन रह गयी हो तो कमेंट के माध्यम से बेझिझक पूछ सकते है. यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरुर दें क्योंकि आपकी फीडबैक ही हमारे द्वारा आपके सामने प्रस्तुत की गयी कंटेंट के बारे में जानने में मदद करती है. साथ ही अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में अधिक से अधिक शेयर करें. इसी तरह की कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी से सम्बंधित आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए Comtechinhindi.IN से जुड़े रहें. धन्यवाद!
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5 Comments
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  1. Very nice information

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  2. I will be able to say THANKYOU to all the team of Google who bring this important information to us.

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  3. It's very important information for us but you don't tell about work station computer 🖥️

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