AC और DC क्या है तथा दोनों में क्या अंतर है?
हम में से सभी लोग आज इलेक्ट्रिसिटी पर निर्भर है क्योंकि ये आज हमारी विशेष जरुरत बन गई है । चाहे रौशनी की बात हो या घर में उपयोग किये जानेवाले उपकरण की ये सभी इलेक्ट्रिसिटी के बगैर नहीं चल सकते, इन सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए हमलोगों के घर में पावर स्टेशन से बिजली भेजी जाती है जिसमे करंट होती है जिससे हमलोग बल्ब, मोटर, पंखा, AC, फ्रिज इत्यादि चलाते है।
ऐसे में क्या आपको पता है कि करंट भी दो तरह के होते है और दोनों करंट में क्या अंतर होता है तथा हमलोगों के घरों में आनेवाले बिजली में कौन सी करंट होती है। इन्ही सारे सवालों के बारे में आज हमलोग चर्चा करनेवाले है तो चलिए शुरू करते है।
ऐसे में क्या आपको पता है कि करंट भी दो तरह के होते है और दोनों करंट में क्या अंतर होता है तथा हमलोगों के घरों में आनेवाले बिजली में कौन सी करंट होती है। इन्ही सारे सवालों के बारे में आज हमलोग चर्चा करनेवाले है तो चलिए शुरू करते है।
करंट दो तरह के होते है:-
AC(Alternating Current)-
AC |
नोट- AC की Sine Wave तस्वीर को ऊपर दिखाया गया है.
Alternating Current में कोई भी निश्चित कोई पोल नहीं होती है अर्थात इसमें Positive तथा Negative नहीं होती है इसके बदले इसमें Phase तथा Neutral होती है. हमलोगों के घरों में आनेवाली बिजली में 220 Volt AC होती है।
भारत में उत्पादन किये जानेवाले Alternating Current में 50Hz की फ्रीक्वेंसी होती है कुछ देशों में यह फ्रीक्वेंसी 60Hz होती है. इसलिए हमलोगों को ज्यादातर Electric उपकरण में AC 220V 50-60Hz की Rating लिखी हुई देखने को मिलता है अर्थात यह दोनों तरह के फ्रीक्वेंसी वाले इलेक्ट्रिसिटी पर चल सकता है।
AC का वृहत पैमाने पर उत्पादन करना बहुत ही आसन है और बहुत ही कम हानि पर High Voltage के साथ बहुत ही दूर तक भेजा जा सकता है।
AC को Transformer की मदद से High तथा Low करना बहुत ही आसन है।
AC की Voltage Range हजारो लाखों में होती है जो ट्रांसमिशन लाइन में पाया जाता है. इन बड़ी वोल्टेज को Step Down Transformer की मदद से Low करके हमलोगों के घरों तक पहुँचाया जाता है।
AC में वोल्टेज ज्यादा रहने के कारण इसे छूने पर बहुत ही तगड़े झटके महसूस होते है यहाँ तक की इसकी झटके से मोत तक हो जाती है इसलिए बिजली से सम्बंधित कोई भी कार्य Self Protection के साथ तथा बड़े ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए।
DC (Direct Current):-
DC |
DC में एक निश्चित Positive तथा Negative पोल होती है।
इसका वृहत पैमाने पर उत्पादन करना बहुत ही कठिन है परन्तु इसमें सबसे बड़ी विशेषता यह है की DC को Store करके रखा जा सकता है।
DC को दूर तक Transmission लाइन के माध्यम से भेजने में विधुत की बहुत ही ज्यादा हानि होती है. साथ ही इसको जरुरत के अनुसार High तथा Low करना बहुत ही कठिन होता है।
इस करंट से बड़ी मशीन को चलाना संभव नहीं हो पाता है।
AC की तुलना में DC कम खतरनाक होते है।
इन्हें भी देखें:→
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