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माइक्रोकंट्रोलर क्या है? Microcontroller kya hai? यहाँ जाने हिंदी में?

आइये जानते है माइक्रोकंट्रोलर के बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते है?

फ्रेंड्स हम सभी देखते है की आज कल के जितने भी इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट या डिवाइस इत्यादि आते है वो बहुत ही स्मार्ट होते है, क्योंकि ऐसे डिवाइस डिजिटल कण्ट्रोल के साथ तथा ऑटो ऑपरेटेड तकनीक के साथ आते है. वाशिंग मशीन, इंडक्शन कुक टॉप, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर इत्यादि जैसे डिवाइस में हम सभी देखते है की कई तरह के ऑप्शन दिए गए होते है वो भी रिमोट कण्ट्रोल के साथ. पर क्या आपको पता है की इन सभी डिवाइस को इतने स्मार्ट बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है "माइक्रो कंट्रोलर" की, जो एक छोटा सा कंप्यूटर के सामान कार्य करता है. वैसे बहुत से लोग होंगे जिन्हे माइक्रो कंट्रोलर के बारे में पता होगा की माइक्रो कंट्रोलर क्या होता है, परन्तु बहुत से लोग वैसे भी होंगे जो माइक्रो कंट्रोलर के बारे में जानना चाहते होंगे, अगर आप भी उन्ही में से एक है और माइक्रो कंट्रोलर के बारे में जानने के लिए यहाँ तक आये है तो आप सही जगह है क्योंकि आज हमलोग इस आर्टिकल में माइक्रो कंट्रोलर के बारे में ही चर्चा करने जा रहे है इसलिए आपसे आग्रह है की पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें....

माइक्रोकंट्रोलर क्या है? What is microcontroller in hindi?

Microcontroller kya hai?

सामान्य तौर पर माइक्रो कंट्रोलर एक IC (Integrated Chip) होती है जिसमे एक छोटी सी कंप्यूटर की सारी Functional Components समाहित होती है इसलिए इसे SOC (System On Chip) यानि एक चिप के अन्दर पूरी सिस्टम भी कहा जाता है. एक Microcontroller के अंदर कंप्यूटर के सभी मुख्य कॉम्पोनेन्ट जैसे-RAM, ROM, CPU, IO Port एम्बेड किये होते है जिस कारण यह सिर्फ एक माइक्रोप्रोसेसर की तरह केवल प्रोसेसिंग का कार्य ना करके बल्कि एक छोटी सी कंप्यूटर की तरह इनपुट से लेकर आउटपुट तक की सारी प्रक्रियाएँ पूरी करता है.
Microcontroller का उपयोग डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स के दुनिया में बहुत ही ज्यादा किया जाता है. माइक्रो कंट्रोलर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में स्पेसिफिक टास्क को परफॉर्म करने के लिए लगाया जाता है तथा यह इसके अन्दर डाले गए Program (Software) के आधार पर कार्य करता है. माइक्रोकंट्रोलर Task Specific Chip होता है अर्थात इससे अलग-अलग तरह के टास्क को परफॉर्म करवाने के लिए अलग-अलग तरह से डिज़ाइन किये जााते है.

माइक्रोकंट्रोलर कितने प्रकार के होते है? Types Of Microcontroller In Hindi?

Microcontroller के प्रकार की बात करें तो Bus Width (Bit), Memory, Instruction Set तथा Architecture के आधार पर माइक्रो कंट्रोलर का वर्गीकरण किया गया है जैसे-

According to Bit (Bit के आधार पर):-

बिट के आधार पर माइक्रो कंट्रोलर की क्लासिफिकेशन बात करें तो इससे इसका सीधा मतलब Data Transfer Width से है अर्थात Data Length, यानि यह एक समय में एक साथ कितनी बिट की डाटा के साथ डील (Fetch-Decode-Execute) कर सकता है. जिस माइक्रो कंट्रोलर की Data Transfer Width जितनी ज्यादा होगी वह उतनी तेजी से तथा अधिक मात्रा में डाटा एक्सेस करने में सक्षम हो पायेगा.
Bit के आधार पर यहाँ तीन प्रकार के माइक्रो कंट्रोलर का वर्णन किया गया है:-

8Bit Microcontroller:-

यह माइक्रो कंट्रोलर 8Bit डाटा के साथ डील कर सकता है अर्थात यह एक समय में एक साथ केवल 8Bit डाटा को Fetch - Decode - Execute कर सकता है. इस माइक्रो कंट्रोलर का यूज़ Simple Application में किया जाता है.

16Bit Microcontroller:-

यह माइक्रो कंट्रोलर 16Bit डाटा के साथ डील कर सकता है जो 8 Bit से बड़ी संख्यां है. यह 8Bit के तुलना में अधिक मात्रा में Accuracy के साथ डाटा एक्सेस कर सकता है इसलिए इस माइक्रो कंट्रोलर का यूज़ Higher Application में किया जाता है.

32Bit Microcontroller:-

यह माइक्रो कंट्रोलर 32Bit डाटा के साथ डील कर सकता है जो एक बड़ी संख्यां है. इसलिए इस माइक्रो कंट्रोलर का उपयोग वैसे मशीन में किया जाता है जिसमे ज्यादा तथा जल्दी Data Execute करने की जरुरत होती है.

According to Memory (Memory के आधार पर):-

Memory के आधार पर माइक्रो कंट्रोलर के प्रकार को जानने से पहले हमें पहले यह पता होना चाहिए की माइक्रो कंट्रोलर के अंदर दो तरह की मेमोरी होती है- पहला Program Memory (ROM) तथा दूसरा Data Memory (RAM)
Program Memory में Program स्टोर होते है तथा Data Memory में डाटा स्टोर होते है.
Memory के आधार पर माइक्रो कंट्रोलर को दो भागों में विभाजित किया गया है-

Embedded Memory Microcontroller- इस माइक्रो कंट्रोलर में एक कंप्यूटर की सभी functional कॉम्पोनेन्ट के साथ-साथ Program Memory भी इसके अंदर ही Embedded होते है जिस कारण इस टाइप के माइक्रो कंट्रोलर को Embedded Memory Microcontroller कहा जाता है.

External Memory Microcontroller- इस माइक्रो कंट्रोलर में Program Memory इसके अंदर Embedded नहीं होते है. इस माइक्रो कंट्रोलर को जिस भी डिवाइस में लगाया जाता है उस डिवाइस में Separate अलग से Program Memory लगायी जाती है जिस कारण इस टाइप के माइक्रो कंट्रोलर को External Memory Microcontroller कहा जाता है.

According to Instructions Set (Instruction Set के आधार पर):-

इंस्ट्रक्शन सेट के आधार पर माइक्रो कंट्रोलर को दो भागों में विभाजित किया गया है- 

CISC (Complex Instruction Set Computer)- इस टाइप के माइक्रो कंट्रोलर को इसलिए डिजाईन किया गया है कि इसमें किसी टास्क को परफॉर्म कराने के लिए Program में काम से कम Instruction की जरुरत हो और बहुत सारे इंस्ट्रक्शन लिखने के बजाय एक ही टाइप के इंस्ट्रक्शन Multiple Task को पूरा करवा सके. इसलिए ये CISC माइक्रो कंट्रोलर कहलाते है. CISC Microcontroller के उदहारण है- Intel 8080

RISC (Reduced Instruction Set Computer)- इस टाइप के इंस्ट्रक्शन सेट वाले माइक्रो कंट्रोलर के लिए प्रत्येक टास्क को परफॉर्म करवाने के लिए Separate Instruction की जरुरत होती है तथा यह Clock Cycle को कम करके टोटल ऑपरेशन को कम समय में पूरा करवा देते है इसलिए इसे RISC माइक्रो कंट्रोलर कहा जाता है.

According to Memory Architecture (Memory Architecture के आधार पर):-

Memory Architecture के आधार पर माइक्रो कंट्रोलर की बात करें तो बेसिकली किसी भी प्रोसेसर के लिए केवल दो टाइप के मेमोरी आर्किटेक्चर का यूज़ किया जाता है- पहला Von-Neumann Architecture और दूसरा Harvard Architecture...सबसे पहले Von-Neumann Architecture का विकास किया गया था उसके बाद Harvard Architecture का विकास हुआ.
इन दोनों आर्किटेक्चर को Memory Uses के आधार पर वर्गीकरण किया गया है.

Von-Neumann Architecture के मेमोरी यूज़ की बात करें तो यह Program तथा Data दोनों को स्टोर करने के लिए एक ही मेमोरी का यूज़ करते थे तथा दोनों को ट्रांसफर करने के लिए भी एक ही Buses (Data Lane) का यूज़ करते थे. इसलिए इसमें एक Instruction को Complete करने के लिए दो Clock Cycle की जरुरत पड़ती थी, पहली क्लॉक साइकिल के द्वारा इंस्ट्रक्शन को फेच किया जाता था तथा दूसरी क्लॉक साइकिल के द्वारा डाटा को. जिस कारण System की Performance कम हो जाती थी. उसके बाद Harvard Architecture का विकास किया गया.
Harvard Architecture में Program तथा Data के लिए Separate अलग-अलग मेमोरी कांसेप्ट का यूज़ किया गया तथा Instruction और Data को ट्रांसफर करने के लिए भी अलग-अलग Buses (Data Lane) का भी इस्तेमाल किया गया जिस कारण किसी भी इंस्ट्रक्शन को कम्पलीट करने के लिए केवल एक Clock Cycle का यूज़ होने लगा जिससे Operation Time Reduce हुआ और System की Performance भी Enhance हुआ.

माइक्रोकंट्रोलर के कार्य? Work Of Microcontroller In Hindi?

Microcontroller इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन में किसी खास कार्य को पूरा करने के साथ-साथ मेनेजर की तरह भी कार्य कर सकता है जो पूरी डिवाइस को Pre Loaded Program के आधार पर कण्ट्रोल तथा मैनेज करने का कार्य करता है.
इसके कार्य अलग-अलग डिवाइस में अलग-अलग हो सकते है तथा अलग-अलग प्रकार के डिवाइस के लिए अलग-अलग प्रकार के Program लिखे जाते है.
Microcontroller मुख्य रूप से प्राप्त इनपुट के आधार पर प्री लोडेड प्रोग्राम के अनुसार आउटपुट दिलवाने का कार्य करता है. 

जैसे- किसी मशीन में 10 मिनट बाद Off होने का टाइमर सेट कर दिया जाता है तो वह मशीन ठीक 10 मिनट बाद बंद हो जाता है.

जब AC को रिमोट के माध्यम से Temperature Low करने का सिग्नल भेजा जाता है तो At a time टेम्परेचर को और भी Low कर दिया जाता है. इस तरह की सभी कार्य Microcontroller के द्वारा मैनेज किये जाते है.

एक दूसरी उदहारण से इसके कार्यों को समझने के प्रयास करें, अगार किसी मशीन में 70 डिग्री सेंटीग्रेड के ऊपर टेम्परेचर पर मशीन ऑफ होने का लॉजिक हो तो वहाँ ऐसा हो सकता है की उसमे एक टेम्परेचर सेंसर लगा हो और यह टेम्परेचर सेंसर मोनिटरिंग करके माइक्रो कंट्रोलर को टेम्प्रेचर इनपुट देता हो और उसके अन्दर प्रोग्राम वैसा लिखा गया हो की जैसे ही 70+ डिग्री का इनपुट आवे तो आगे मशीन ऑफ कर दिया जाय. ऐसे में 70 डिग्री सेंटीग्रेड से टेम्परेचर ऊपर होने पर माइक्रो कंट्रोलर के द्वारा मशीन ऑफ होने का सिग्नल भेज दिया जायेगा और मशीन ऑफ हो जायेगा.
  

Block diagram of microcontroller?

Block diagram of microcontroller?

माइक्रोकंट्रोलर और माइक्रोप्रोसेसर के बीच क्या अंतर है? Different Between Microprocessor & Microcontroller In Hindi?

Microcontroller और Microprocessor के बीच अंतर की बात करें तो इन दोनों के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि....
  • Microprocessor केवल एक Dedicated CPU (Central Processing Unit) Chip होता है जिस कारण यह केवल Data Processing वर्क को ही मैनेज करने का कार्य करता है, जबकि Microcontroller के अंदर एक कंप्यूटर सिस्टम की सभी मुख्य कॉम्पोनेन्ट जैसे CPU, RAM, ROM, IO Port एम्बेडेड किया होता है जिस कारण यह डाटा इनपुट से लेकर आउटपुट तक की कार्य को मैनेज करता है.
  • भले ही Microprocessor केवल प्रोसेसिंग वर्क को पूरा करता हो पर यह जटिल से जटिल टास्क अर्थात बड़े-बड़े कार्यों को भी मैनेज करने की क्षमता रखता है, जबकि Microcontroller छोटी-छोटी टास्क को ही पूरा करने में सक्षम हो पाता है. वैसे दिन-प्रतिदिन बदलते टेक्नोलॉजी के इस दौर माइक्रो कंट्रोलर को भी काफी एडवांस बनाया जा रहा है.
  • Microprocessor के लिए RAM, ROM, IO Port इत्यादि सभी Dedicated अलग से लगे होते है तथा इनकी क्षमता का चयन भी जरुरत के अनुसार किया जा सकता है, जबकि Microcontroller के केस में ज्यादातर ये सभी अलग से ना होकर माइक्रो कंट्रोलर के अंदर ही एम्बेड किये होते है जिस कारण हम अपनी इच्छानुसार इसमें बदलाव नहीं कर सकते.
  • Microprocessor का उपयोग बड़े-बड़े कंप्यूटराइज्ड मशीन में किया जाता है जबकि Microcontroller का उपयोग छोटे से लेकर बड़े–बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन में भी किया जाता है.
  • केवल Microprocessor को लगाकर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट को कण्ट्रोल नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें और भी कॉम्पोनेन्ट को अलग से लगाने की जरुरत पड़ती है जबकि Microcontroller के पास खुद की अपनी सभी कॉम्पोनेन्ट पैकेज होती है जिस कारण इसको लगाकर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट को कण्ट्रोल किया जा सकता है.
  • Microprocessor Multi Tasking करने में सक्षम है जबकि Microcontroller किसी Specific Task को ही करने में सक्षम हो सकता है क्योंकि इसको डिज़ाइन ही एप्लीकेशन के आधार पर किया जाता है.
  • Microprocessor महँगी तकनीक है जबकि Microcontroller एक सस्ती तकनीक है.

माइक्रोकंट्रोलर का उपयोग कहाँ होता है? Application Of Microcontroller In Hindi?

वैसे सामान्य तौर पर माइक्रो कंट्रोलर का उपयोग आजकल लगभग हर एक इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस जैसे- TV, AC, Refrigerator, Microwave Oven, Induction Cook Top, Fire Alarm, Washing Machine, Remote Control इत्यादि में किया जा रहा है.
जिस भी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में प्रोग्रामिंग का कांसेप्ट होता है उस डिवाइस में माइक्रो कंट्रोलर का उपयोग किया गया होता है. ऐसे डिवाइस में हमें रिमोट कण्ट्रोल, टच बेस्ड कण्ट्रोल, टाइमिंग कण्ट्रोल के साथ-साथ विज़िबल डिस्प्ले इत्यादि फ़ीचर देखने को मिलता है जिस कारण इस प्रकार के डिवाइस बहुत ही ज्यादा User Friendly तथा Logically वर्क करने वाले होते है.

माइक्रोकंट्रोलर की विशेषताएं? Advantage Of Microcontroller In Hindi?

Microcontroller की विशेषताएं की बात करें तो इसकी सबसे बड़ी विषेशता यह है की....
  • Microcontroller की साइज़ छोटी होती है तथा यह सस्ती होती है जिस कारण इसका उपयोग छोटे मशीन में भी करना आसन होता है.
  • Microcontroller के द्वारा छोटी-छोटी कंप्यूटराइज्ड वर्क को बड़े ही आसानी से करवाया जा सकता है.
  • Microcontroller बहुत ही काम पावर Consume करती है.
  • Microcontroller के केस में बहुत ही बड़ी सर्किट बनाने की जरुरत नहीं पड़ती है.
  • Microcontroller को लगाकर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस को Smart Device बनाया जा सकता है.
  • जिस इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में Microcontroller का यूज़ किया गया होता है उस डिवाइस की Functionality को केवल Software की मदद से बदला जा सकता है.
  • कई ऐसे साधारण कार्यों के लिए जहाँ एक सामान्य कंप्यूटर की जरुरत हो वहां केवल एक Microcontroller की मदद से उस कार्य को पूरा किया जा सकता है.
Conclusion:
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की हमारे द्वारा माइक्रो कंट्रोलर के बारे में लिखी गई इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बहुत कुछ जानने को मिला होगा, फिर भी किसी प्रकार की कोई कन्फ्यूजन रह गयी हो तो कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है. यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक हमें कमेंट के माध्यम से जरूर दें ताकि इसकी गुणवत्ता का पता लगाया जा सके और जरूरत होने पर इसमें इम्प्रूवमेंट लाया जा सके. साथ ही यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में अधिक से अधिक शेयर करें. इसी प्रकार की और भी टेक्नोलॉजिकल आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए Comtechinhindi.IN से जुड़े रहें. धन्यवाद !

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