थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (बीमा) क्या होता है (Whiat is third party insurance in hindi), पूरी जानकारी हिंदी में....
जैसा की हम सभी जानते है की भारत में सड़क पर कोई भी मोटर वाहन चलाने के लिए अपने वाहन का इंश्योरेंस पालिसी खरीदना कानूनन अनिवार्य है वो अनिवार्य इंश्योरेंस पालिसी है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (3rd Party Insurance)।
पर क्या आपको पता है की ये थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की लायबिलिटी क्या होती है, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्यों जरुरी है, अगर हाँ तो बहुत अच्छा, अगर नहीं तो अभी आप जानने वाले है इसलिए आपसे आग्रह है की पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
हम सभी को पता होना चाहिए की भारत में किसी भी वाहन के लिए कोई भी बीमा कंपनी में मुख्य रूप से दो तरह के इंश्योरेंस पालिसी उपलब्ध कराती है जिनमे से एक है फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस और दूसरा है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस।
पर क्या आपको पता है की ये थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की लायबिलिटी क्या होती है, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्यों जरुरी है, अगर हाँ तो बहुत अच्छा, अगर नहीं तो अभी आप जानने वाले है इसलिए आपसे आग्रह है की पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
हम सभी को पता होना चाहिए की भारत में किसी भी वाहन के लिए कोई भी बीमा कंपनी में मुख्य रूप से दो तरह के इंश्योरेंस पालिसी उपलब्ध कराती है जिनमे से एक है फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस और दूसरा है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस।
हालाँकि फर्स्ट पार्टी के नाम से कोई इंश्योरेंस पालिसी नहीं होती है बल्कि यही पालिसी कांप्रिहेंसिव (Comprehensive) के नाम से जाना जाता है जिसमे फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी दोनों के हर तरह के जोखिमों को कवर किया जाता है। जबकि थर्ड पार्टी (Third-Party) इंश्योरेंस में केवल तीसरी पार्टी अर्थात आपके गाड़ी से जिसकी क्षति हुई है उसकी जोखिम को कवर किया जाता है। वैसे आज यहाँ हमलोग केवल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बारे में जानने वाले है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है? What is 3rd party insurance in hindi?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (बीमा) जिसे लाइबिलटी कवर के नाम से भी जाना जाता है, यह किसी भी वाहन के लिए कराये जाने वाला वह बीमा होता है जिसके अंतर्गत तृतीय पक्ष के वित्तीय जोखिमों को कवर किया जाता है, अर्थात इस इंश्योरेंस पालिसी के तहत क्लेम होने पर बीमा कंपनी आपके गाड़ी यानि बीमाधारक गाड़ी के द्वारा किसी दुसरे व्यक्ति की गाड़ी, जान-माल या संपत्ति के हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपनी दायित्व के आधार पर वित्तीय सहायता करती है।अगर कोई वाहन मालिक ने वाहन का थर्ड पार्टी बीमा कराया है और उस वाहन से कोई दुर्घटना होती है तो तीसरी पार्टी को बीमा कंपनी क्लेम देती है। यहाँ फर्स्ट पार्टी बीमा करवाने वाला होता है और दूसरी पार्टी बीमा करने वाली कंपनी और तीसरी पार्टी वो होती है जिसकी नुकसान आपके गाड़ी से हुआ है, इसलिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में बीमा कराने वाला तो फर्स्ट पार्टी ही होता है पर यह इंश्योरेंस जिसके क्षति की पूर्ति के लिए होता है वह होता है तीसरी पार्टी।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में बीमा कंपनी के द्वारा फर्स्ट पार्टी (वाहन मालिक) अर्थात बीमाधारक की किसी भी तरह की शाररिक अथवा आर्थिक नुकसान की भरपाई नहीं किया जाता है, परन्तु इस इंश्योरेंस के रहने पर आपकी गाड़ी किसी दुर्घटना का शिकार होने की स्थति में यह आपके वित्तीय बोझ को कम जरुर कर देता है क्योंकि कानूनन यह इंश्योरेंस आपके गाड़ी से किसी दुसरे के हुए शाररिक या आर्थिक नुकसान की भरपाई करने में बीमा कंपनी आपकी मदद करती है।
भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत हर एक मोटर वाहन का थर्ड पार्टी बीमा करना अनिवार्य है। बिना थर्ड पार्टी बीमा के रोड पर गाड़ी चलाना गैर-कानूनी है। जिसके तहत पकड़े जाने पर जुर्माना देय होता है।
वाहन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना क्यों जरुरी है?
हम सभी को पता है की जब गाड़ी रोड पर चलती है तो कभी भी किसी कारण किसी भी वजह से छोटी या बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकती है। ऐसे में ये भी हो सकता है की आपके गाड़ी से सामने वाले का कोई बड़ा आर्थिक या शाररिक नुकसान हो जाये और आप उसकी भरपाई करने में असमर्थ हो, इस कंडीशन में बहुत ही बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।
यहीं पर काम आता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, क्योंकि किसी भी एक्सीडेंट के मामले में पीड़ित को कानूनन यह अधिकार होता है की वह अपने शाररिक और आर्थिक नुकसान के लिए मुआवजा हेतु मामला दर्ज करे। ऐसे कंडीशन में यदि आपके गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है तो आपको सामने वाले के हुए शाररिक और आर्थिक नुकसान का भरपाई नहीं करना होगा बल्कि इस नुकसान की भरपाई आपकी थर्ड पार्टी बीमा कंपनी मुआवजा देकर करेगी।
इस मुआवजा की भी एक सीमा होती है। IRDAI- Insurance Regulatory and Development Authority of India (आईआरडीएआई- भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) के दिशा-निर्देशों के अनुसार थर्ड पार्टी कार बीमा के मामले में संपत्ति क्षति कवर 7.5 लाख रुपये तक सीमित है और दोपहिया बीमा के मामले में 1 लाख रुपये है और थर्ड पार्टी के मृत्यु के मामले में कोई सीमा नहीं है। हालाँकि यह न्यायिक विषय बन जाता है की थर्ड पार्टी को हुए नुकसान का मुआवजा कितना मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 1 सितंबर 2018 से सभी नए टू-व्हीलर ओनर्स के लिए 5 साल का तथा कार व अन्य कमर्शियल व्हीकल्स के लिए कम से कम 3 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है, इसके तहत दोषी पाए जाने पर जुर्माने का प्रावधान है।
यहीं पर काम आता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, क्योंकि किसी भी एक्सीडेंट के मामले में पीड़ित को कानूनन यह अधिकार होता है की वह अपने शाररिक और आर्थिक नुकसान के लिए मुआवजा हेतु मामला दर्ज करे। ऐसे कंडीशन में यदि आपके गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है तो आपको सामने वाले के हुए शाररिक और आर्थिक नुकसान का भरपाई नहीं करना होगा बल्कि इस नुकसान की भरपाई आपकी थर्ड पार्टी बीमा कंपनी मुआवजा देकर करेगी।
इस मुआवजा की भी एक सीमा होती है। IRDAI- Insurance Regulatory and Development Authority of India (आईआरडीएआई- भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) के दिशा-निर्देशों के अनुसार थर्ड पार्टी कार बीमा के मामले में संपत्ति क्षति कवर 7.5 लाख रुपये तक सीमित है और दोपहिया बीमा के मामले में 1 लाख रुपये है और थर्ड पार्टी के मृत्यु के मामले में कोई सीमा नहीं है। हालाँकि यह न्यायिक विषय बन जाता है की थर्ड पार्टी को हुए नुकसान का मुआवजा कितना मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 1 सितंबर 2018 से सभी नए टू-व्हीलर ओनर्स के लिए 5 साल का तथा कार व अन्य कमर्शियल व्हीकल्स के लिए कम से कम 3 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है, इसके तहत दोषी पाए जाने पर जुर्माने का प्रावधान है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के फायदे?
- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के फायदे की बात करें तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है की यह पालिसी आपके गाड़ी से किसी दुसरे को होनेवाले नुकसान की भरपाई करने में आपके वित्तीय बोझ को कम कर देता है क्योंकि आपके वाहन से किसी व्यक्ति को शारीरिक अथवा आर्थिक क्षति होने पर, उसके इलाज और आर्थिक क्षति का का खर्च पॉलिसी बेचने वाली बीमा कंपनी चुकाती है।
- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस काफी सस्ती मिल जाती है तथा IRDAI के अनुसार हर एक वाहन का 3rd पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है इसलिए इस इंश्योरेंस के रहने पर हम कानून के नजर में एक लीगल मालिक या चालक होते है और इसके तहत लगने वाले जुर्माना से बचते है।
- यह पालिसी सस्ती होने के कारण हर एक वाहन मालिक अपने वाहन के लिए कम से कम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराने में हमेशा समर्थ रहते है। साथ ही गाड़ी निजी होने के स्थिति में यदि सालाना उसकी रनिंग लिमिट कम भी है तो वाहन मालिक को ज्यादा बोझ नहीं लगता है।
- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत IRDAI के द्वारा तय किया जाता है जिससे इसकी रेट फिक्स होती है, जिस कारण इसके रेट में धोखाधड़ी होने के चांसेस नहीं होती है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के नुकसान?
- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के नुकसान की बात करें तो इसकी सबसे बड़ी नुकसान यह है इसके तहत केवल तीसरी पार्टी के हुए शाररिक और आर्थिक हानि की पूर्ति होती है जबकि खुद की आर्थिक हानि इसमें शामिल नहीं होती है।
- इसमें कोई अतिरिक्त ऐड-ऑन लेकर अपनी बीमा कवरेज बढ़ने के लिए वाहन मालिक के पास कोई आप्शन नहीं होता है साथ ही इसमें सम्पति नुकसान के मामले में कार के केस में 7.5 लाख और दो पहिया वाहन के केस में 1 लाख तक की ही भरपाई हो पाती है।
- चोरी या आग से होनेवाले नुकसान के मामले में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बेकार साबित हो जाता है क्योंकि गाड़ी चोरी हो जाने पर या गाड़ी में किसी कारण से आग लग जाने पर वाहन मालिक को कोई भी मुआवजा नहीं मिलता है।
वैसी कंडीशन जिसमे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम नहीं मिलती है?
कुछ कंडीशन ऐसी भी होती है जिसके तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस रहने पर भी दुर्घटना होने की स्थिति में मुआवजा नहीं मिलता है, वो कंडीशन है जैसे-
- दुर्घटना के वक्त गाड़ी नामित मालिक अथवा चालक के अलावा गाड़ी कोई और चला रहा हो।
- आपकी बीमा कंपनी जितनी भोगोलिक क्षेत्र तक की कवरेज देती है दुर्घटना उससे बहार हुई हो।
- यदि तीसरी पार्टी का नुकसान पहले से हुआ हो और वेवजह बिना कोई लीगल कारण आर्थिक फायदा उठाना चाहता हो।
- पालिसी की वैधता ख़त्म हो जाने पर।
- दुर्घटना के वक्त चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं रहने पर।
- किसी युद्ध में जाने पर या युद्ध में संलिप्त होने के कारण होनेवाले क्षति पर।
- किसी अवैध कारोबारी में संलिप्तता पाए जाने के कारण होने वाले क्षति पर।
यहाँ कुछ ही महत्वपूर्ण कारण लिखित है जिसके वजह से आपकी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम बहिष्कार हो सकता है। इसके अलावे और भी कारण हो सकते है अन्य कारण को जानने के लिए अपनी बीमा कंपनी के दस्तावेज या वेबसाइट के माध्यम से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बहिष्करण की सूचि देखें।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कैसे लें?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से खरीद सकते है, ऑनलाइन लेने के लिए आप इंश्योरेंस एग्रीगेटर कंपनी जैसे- Policybazaar, PolicyX, Bankbaazar के वेबसाइट या किसी बीमा कंपनी जो जनरल इंश्योरेंस देती हो, के ऑफिसियल वेबसाइट से बड़े ही आसानी से खरीद सकते है। इसके अलावा यदि आप ऑफलाइन लेना चाहते है तो आप अपने शोरूम या किसी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय या प्रतिनिधि से मिलकर 3rd Party Insurance खरीद सकते है।
इन्हें भी देखें:→
Conclusion (निष्कर्ष):
फ्रेंड हमें उम्मीद है की हमारे द्वारा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बारे में लखी गयी इस आर्टिकल के माध्यम से आपको समझ में आ गया होगा की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है। फिर भी किसी प्रकार की कोई समस्या हो तो कमेंट के माध्यम से बेझिझक पूछ सकते है साथ ही यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक कमेंट में जरुर दें। अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें। इस तरह की और भी आर्टिकल को पढने के लिए हमारे इस साईट से जुड़े रहें। Comtechinhindi.IN से जुड़े रहने के लिए....धन्यवाद!