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एमएस डॉस क्या है | MS DOS kya hai | What is MS DOS in hindi?

MS DOS क्या है? What is MS DOS in hindi?

फ्रेंड्स आज जो भी हम कंप्यूटर लैपटॉप देख रहे है और उसपर बड़े ही आसानी से काम कर पा रहे है क्या ये पहले भी इतना ही आसान था तो इसका जबाब है नहीं।

आज से कई सालों पहले जब कंप्यूटर का विकास हुआ था तो उस वक्त कंप्यूटर इतना User-Friendly नहीं था क्योंकि उस वक्त कंप्यूटर पर ग्राफिक्स का कोई भी कांसेप्ट नहीं था, उस वक्त कंप्यूटर पर सारे काम केवल Text के फॉर्म में ही होते थे यानि Input भी Text के फॉर्म में ही देना पड़ता था और उसका Output भी Text के फॉर्म में ही आता था। उस वक्त आज के विंडोज की तरह ग्राफिकल यूजर इंटरफेस ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं हुआ करता था और जिस ऑपरेटिंग सिस्टम का यूज़ किया जाता था वह था DOS. पर क्या आपको पता है यह DOS क्या होता है, DOS कैसे काम करता है, DOS का इतिहास क्या है।

अगर ऐसे ही सवालों का जबाब ढूंढते हुए यहाँ तक आये है तो आप सही जगह है क्योंकि आज हमलोग इस टॉपिक में DOS (MS-DOS) के बारे में ही चर्चा करने जा रहे है इसलिए आपके आग्रह है कि पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें....

वैसे DOS जिसे MS-DOS के नाम से जानते है, यह आज एक इतिहास बन चूका है क्योंकि आज इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है फिर भी इसे जानना जरूरी है क्योंकि आज भी कुछ ऐसे इम्पोर्टेन्ट कार्य है जिसके लिए DOS की जरुरत पड़ती है, इसलिए यह आज भी हमारे विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ एक प्रोग्राम के रूप में इनबिल्ट आते है जिसे Command Prompt या MS-DOS Prompt के नाम से जानते है, हालाँकि यह प्रॉपर DOS ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होता है बल्कि यह विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के सपोर्ट में एक प्रोग्राम की तरह होते है जो Windows Graphical User Interface में Textual User Interface प्रदान कराता है, जिसका उपयोग Advanced Administrative Functions को Run कराने के लिए तथा Windows की Problem को Troubleshooting करने के लिए किया जाता है। इसलिए आज भी यह हमारे कंप्यूटर विषय का एक हिस्सा बना हुआ है।

What is MS DOS in hindi?

MS DOS क्या है? MS DOS kya hai?

MS DOS जिसका पूरा नाम Microsoft Disk Operating System है, जो माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन के द्वारा बनाया गया सबसे पुराना TUI-Textual User Interface ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे Command Line Operating System भी कहा जाता है।
यह पूरी तरह यूजर पर निर्भर होकर कार्य करने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है क्योंकि DOS आधारित कंप्यूटर से जो भी कार्य करना होता है उसके लिए इनपुट के लिए सब कुछ टेक्स्ट के फॉर्म मैं लिखकर Command देना होता है और उसका आउटपुट भी हमारे सामने टेक्स्ट के फॉर्म में ही आता है। डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम आधारित कंप्यूटर पर कार्य करना कठिन होता क्योंकि हर एक कार्य को करने के लिए Command की जरुरत पड़ती है जिसके लिए User को बहुत सारे Command याद रखने होते है।

MS DOS को यूज़ करने के लिए हमें बहुत सारी Textual Command को याद रखने पड़ते है जैसे- कोई Folder Create करनी हो तो इसके लिए हमें “MD Space Folder Name” टाइप करनी पड़ती है तब एक फोल्डर बनता है साथ ही इसपर केवल Text Based वर्क को ही पूरा किया जा सकता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम से किसी भी कार्य को करवाने के लिए इसको दी जाने वाली कमांड में थोड़ी-बहुत भी गलती हो जाने पर उस कार्य को पूरा नहीं किया जा सकता है इसलिए इसपर कार्य करना बहुत ही कठिन होता है। परन्तु जिस समय हमारे पास आज की तरह ताकतवर कंप्यूटर तथा ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध नहीं थे उस समय MS DOS का ही उपयोग किया जाता था क्योंकि उस समय इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के फील्ड में इतनी विकास नहीं हुई थी, हमारे पास सुविधाएँ सिमित थी।

आज हमलोग जरुरत पड़ने पर DOS की जगह Windows Operating System में मोजूद Command Prompt Program की मदद लेते है जिसपर कार्य करने के लिए ठीक DOS की ही तरह बहुत सारे command याद रखने होते है तथा इसका इंटरफ़ेस भी ठीक DOS की ही तरह होता है।

MS-DOS Command क्या है?

डॉस कमांड एक छोटे-छोटे प्रोग्राम हैं जो किसी विशेष कार्य को करने के लिए बनाए जाते हैं। हर अलग-अलग DOS कमांड का अलग-अलग कार्य होता है। इन Command के बिना DOS आधारित कंप्यूटर पर कार्य कर पाना असंभव है।

DOS कमांड दो प्रकार की होती हैं:-

Internal Command:-
इंटरनल कमांड वे कमांड होते है COMMAND.COM यानि DOS की Main Program File में रहते हैं जो कंप्यूटर सिस्टम शुरू होने पर मेमोरी में लोड होता है। ये कमांड किसी फाइल के रूप में नहीं होता है बल्कि ये एक Special Word के रूप में होता है जिसको किसी स्पेसिफिक टास्क को परफॉर्म करवाने के लिए रन कराया जाता है। इंटरनल कमांड के कुछ उदहारण है- MD, CD, TIME, DATE, COPY, COPY CON, TYPE ETC.

External Command:-
एक्सटर्नल कमांड एक ऐसी फाइलें होती हैं जो डिस्क पर रहती हैं और उनमें .COM, .EXE, या .BAT का एक्सटेंशन लगा होता है। उदहारण के लिए सिस्टम के अन्दर यदि abc.exe नाम की कोई फाइल पहले से सेव है तो इस कमांड को रन कराने से वह फाइल ओपन हो जाएगी और अगर यदि उस नाम की फइलें सेव नहीं है तो एरर दिखायेगा क्योंकि यह एक बाहरी कमांड है यह तभी काम करेगा जब सिस्टम में abc.exe नाम की फइलें मोजूद हो। 

वैसे माइक्रोसॉफ्ट ने समय और जरुरत को ध्यान में रखते हुए MS-DOS के बदले Windows नमक GUI-Graphical User Interface ऑपरेटिंग सिस्टम का भी विकास बहुत ही पहले कर दिया जो काफी पोपुलर है क्योंकि ये एक यूजर फ्रेंडली ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसमे Text के साथ-साथ Graphic भी दिखाई देती है इसलिए इसको यूज़ करना बहुत ही आसान है।

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