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SOC क्या होता है? What is System on a Chip in hindi? यहाँ जाने?

SoC क्या होता है? What is SoC in hindi? जानिए System on a Chip के बारे में सब कुछ अपनी भाषा हिंदी में?

फ्रेंड्स हम में से जो भी लोग कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी से इंटरेस्ट रखते हैं उन्हें शायद प्रोसेसर और चीप इत्यादि के बारे में तो अच्छी तरह पता होता है परंतु जब SoC की बात आती है तब बहुत से लोग कन्फ्यूजन मैं पड़ जाते हैं की आखिर यह SoC क्या होता है। ऐसे में क्या आप भी उन्हीं में से एक हैं जिन्हें SoC नामक शब्द हमेशा दिमाग में कन्फ्यूजन क्रिएट करता है, तो कोई बात नहीं अभी आपकी कंफ्यूजन दूर होने वाली है क्योंकि आज हम लोग इस आर्टिकल में SoC के बारे में ही विश्लेषण करने जा रहे हैं इसलिए आपसे आग्रह है कि पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

फ्रेंड्स में बताते चलूँ कि मोबाइल फ़ोन या टेबलेट के केस में कुछ ऐसे नामों के बारे में सुनने को मिलता है जिसके बारे में शायद सब को पता नहीं होता है वे नाम है- Snapdragon, Tegra, Exynos इत्यादि, तो अब बात आती है की ये नाम होते क्या है और किससे रिलेटेड होते है, इसके लिए मैं बताते चलूँ की ये सभी नाम अलग-अलग कंपनियों के SoCs के नाम होते है जिसका इस्तेमाल मोबाइल फ़ोन, टेबलेट इत्यादि में मेन चिप के रूप में किया जाता है। इसके अलावा Intel, AMD जैसी बड़ी कंपनियां भी कंप्यूटर प्लेटफार्म के लिए SoCs बनती है जिसे आज के नए सिस्टम में शामिल किया जा रहा है। ऐसे में SoC आज के डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स के जमाने की सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है, इसलिए जो भी लोग कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी से संबंध रखते हैं उनके लिए इसके तकनीक के बारे में जानना एक महत्वपूर्ण विषय हो सकता है। वैसे आज हम लोग इस आर्टिकल में SoC क्या होता है, SoC कैसे काम करता है, SoC क्यों जरूरी है, SoC का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ किया जाता है इत्यादि को समझने का प्रयास करेंगे।

SoC क्या है? What is SoC?

SoC kya hai?

SoC जिसका पूरा नाम होता है System on a Chip, सामान्यतया यह एक IC यानि Integrated Circuit या कहें तो इलेक्ट्रॉनिक चिप होता है जिसके अंदर कंप्यूटर या किसी भी कंप्यूटराइज्ड डिवाइस के कई सारे महत्वपूर्ण पार्ट्स या कॉम्पोनेन्ट जैसे - CPU, GPU, IO Port, Memory, Analog Input और Output Block इत्यादि समाहित होते हैं। ये एक ऐसा इकलौता छोटा सा चिप होता है जो अकेले ही किसी भी डिवाइस को डाटा प्रोसेसिंग, सिग्नल प्रोसेसिंग, वायरलेस कम्युनिकेशन, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसी कई प्रकार के कार्यों को करवाने में सक्षम बनाता है। हालाँकि हर एक SoC का कार्य दायरा उसके Architecture पर निर्भर करता है क्योंकि इसको डिजाईन ही किया जाता है एप्लीकेशन को ध्यान में रखकर,। मोबाइल-टेबलेट के SoC में लगभग सभी प्रमुख घटक जैसे- CPU-Central Processing Unit, GPU-Graphical Processing Unit, MU-Memory Unit, ISP-Image Signal Processor, DSP-Digital Signal Processor, IO-Input Output Port, RTC-Real Time Clock इत्यादि इसी के अन्दर इंटीग्रेटेड होते है, इसलिए इसे System on a Chip यानि “एक चिप पर पूरी सिस्टम” कहा जाता है।

SoC किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का सबसे महत्वपूर्ण पार्ट होता है क्योंकि जहाँ SoC का कांसेप्ट यूज़ किया गया होता है वहाँ यह अकेले ही उस डिवाइस की सारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी जैसे- डाटा इनपुट- आउटपुट कण्ट्रोल करना, डाटा प्रोसेसिंग करना, मेमोरी मैनेजमेंट करना तथा पॉवर मैनेजमेंट करना इत्यादि जैसे कार्यों को संभालता है, हालाँकि इसके सपोर्ट में कई सारे अन्य पार्ट भी लगे होते है और यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के तालमेल से कार्य करता हैं तथा यह कम शक्ति का उपयोग करके बेहतर प्रदर्शन देता है। SoC को कम जगह की आवश्यकता होती है और Multichip System अर्थात एक से अधिक चिप वाली सिस्टम की तुलना में अधिक विश्वसनीय होती है।

आज से कई साल पहले की बात करें तो पहले के कंप्यूटर या किसी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में हर एक डिपार्टमेंट को कण्ट्रोल करने के लिए केवल एक SoC ना होकर कई सारे अलग-अलग चिपों का इस्तेमाल किया जाता था जिसका कार्य भी अलग-अलग होता था जैसे- डाटा प्रोसेसिंग के लिए- Processor, मेमोरी कण्ट्रोल करने के लिए- Memory Controller, इनपुट-आउटपुट सिस्टम को कण्ट्रोल करने के लिए- Input-Output Controller, ग्राफ़िक को कण्ट्रोल करने के लिए- Graphic Controller इत्यादि, ऐसे ही अलग-अलग डिपार्टमेंट को कण्ट्रोल करने के लिए अलग-अलग तरह के Chip का इस्तेमाल किया जाता था, इसे Multichip Technology कहा जाता है, इस टेक्नोलॉजी पर आधारित सर्किट भी काफी बड़ा हो जाता था तथा पॉवर की भी अधिक खपत होती थी, परन्तु जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होता गया वैसे-वैसे इन सब चीजों में भी काफी बदलाव आये और इन सब को एक ही पैकेज के अन्दर कंबाइंड करके एक Single Chip का विकास किया गया, इसी का एक उदाहरण SoC (System on a Chip) है और इन्ही चिप्स ने हमारे लिए कई तरह के छोटे-छोटे यूजर फ्रेंडली पोर्टेबल डिवाइस बनाना संभव बना दिया है। हालाँकि SoC को भी गलती से कुछ लोग CPU ही समझ बैठते है परन्तु वास्तव में ये CPU से भी Advance है और CPU इसका ही एक पार्ट है।

SoC और CPU में क्या अंतर है? Different between SoC & CPU?

जब SoC और CPU में अंतर की बात आती है तो इन दोनों में सबसे मुख्य अंतर यह हो जाता है की जहाँ CPU जिसका पूरा नाम होता है Central Processing Unit जिसे Brain of computer कहा जाता है, जिसका मुख्य काम होता है डाटा प्रोसेसिंग करना जो यूजर के निर्देशानुसार गणतीय तथा तार्किक गणना करने का काम करता है, वहीँ SoC केवल डाटा प्रोसेसिंग ना करके बल्कि ये कई तरह के कार्यों को करते है क्योंकि एक SoC के अन्दर कई सारे अलग-अलग डिपार्टमेंटल चिप जैसे- CPU, GPU, MCU, IO Controller इत्यादि होते इसलिए ये कई तरह के कार्यों जैसे- डाटा प्रोसेसिंग करना, मेमोरी कण्ट्रोल करना, इनपुट-आउटपुट कण्ट्रोल करना, ग्राफ़िक कण्ट्रोल करना जैसे अलग-अलग कार्यों को करने में सक्षम होते है। ऐसे में जो कार्य CPU कर सकता है वह कार्य SoC तो कर ही सकता है क्योंकि SoC के अन्दर Already CPU इंटीग्रेटेड होती है पर जो कार्य SoC कर सकता है वह कार्य केवल CPU नहीं कर सकता है क्योंकि CPU अकेला केवल एक प्रोसेसर है।

SOC की जरुरत क्यों पड़ी? Why the need for SOC?

जैसा की हम सब जान चुकें है की आज से कई सालों पहले SoC का कोई कांसेप्ट नहीं था और उस वक्त के कंप्यूटर या किसी भी कंप्यूटराइज्ड डिवाइस में Multichip Technology का यूज़ किया जाता था जिस कारण सर्किट काफी बड़े हो जाते थे जिससे डिवाइस भी बहुत ही ज्यादा बड़े हो जाते थे, साथ ही Multichip Technology पर निर्मित डिवाइस बहुत ही ज्यादा पॉवर खपत करती थी और सभी चिप अलग-अलग होने के कारण एक-दुसरे के बीच में कम्युनिकेशन करने में ज्यादा टाइम लगता था जिससे वे सिस्टम Slow Work करती थी।

और हम सभी को पता है की इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में हमेशा से एक लक्ष्य रहा है की उर्जा की बर्बादी को कम किया जाय और इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस को यूजर-फ्रेंडली, पोर्टेबल तथा फ़ास्ट बनाया जाय, जिस कारण इसमें हमेशा से विकास होता रहा है। इन्ही जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसे-ऐसे IC-Chip का विकास किया गया जो इन सारी समस्याओं को दूर कर सके और हमारी जरूरतें पूरा हो सके। ऐसे में हम कह सकते है की इन समस्याओं को दूर करने के लिए SoC को भी विकास किया गया है।

SoC आज के वैसे Multifunctional Devices के लिए वरदान साबित हो रहा है जिसके अन्दर जगह काफी कम होती है और डिवाइस को छोटा तथा स्लिम बनाना एक टारगेट होता है, वे डिवाइसेस है- Smartphones, Smartwatch, Notebook, Smart Television इत्यादि। ऐसे डिवाइसेस में पॉवर बैकअप को बढ़ाना भी एक प्रमुख लक्ष्य होता है जो SoC से संभव हो पाया है।

आज के लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक्स तथा कंप्यूटराइज्ड डिवाइस जैसे- Mobile, Laptop, Desktop, Tablet, Camera, IoT, Music System, Wireless Communication System इत्यादि को छोटा, फ़ास्ट तथा स्मार्ट बनाने में SoC की ही भूमिका है, हालाँकि ऐसे डिवाइस में हार्डवेयर के साथ-साथ सॉफ्टवेयर की भी बहुत ही बड़ी भूमिका है।

SoC का इस्तेमाल कहाँ किया जाता है? Where is the SoC used?

वैसे सामान्य रूप से कहें तो SoC का इस्तेमाल किसी भी कंप्यूटिंग सिस्टम में किया जा सकता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल ज्यादातर मोबाइल फोन, टैबलेट, स्मार्टवॉच, कैमरा, नेटबुक इत्यादि के साथ-साथ एम्बेडेड सिस्टम और उन अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं जहां पहले माइक्रोकंट्रोलर का उपयोग किया जाता था।

SoC की विशेषताएँ? Advantage of SoC?

SoC के विशेषताओं की बात करें तो इसके इस्तेमाल से हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में कई सारे एडवांटेज देखने को मिल सकते है, जैसे....
  • एसओसी के इस्तेमाल से बिजली की बचत होती है और जिस भी डिवाइस या गैजेट में बैटरी का कांसेप्ट होता है उसकी बैकअप Multichip Technology की तुलना में अच्छी होती है....
  • इसके इस्तेमाल से सर्किट काफी छोटा हो जाता है जिससे किसी भी डिवाइस को पोर्टेबल बनाना आसान हो जाता है....
  • Multichip Technology Based डिवाइस की तुलना में SoC Based डिवाइस की लागत कम हो जाती है....
  • चूँकि SoC में एक Single Chip के अन्दर ही सारी अलग-अलग डिपार्टमेंटल कंट्रोलर चिप को एम्बेड कर दिया जाता है तो एक दुसरे की दुरी कम हो जाती है जिससे ये सभी आपस में बहुत ही तेजी से कम्युनिकेशन कर लेते है जिस कारण SoC Based डिवाइस की स्पीड अच्छी होती है....
  • इसकी मदद से छोटे से छोटे आकर के कंप्यूटराइज्ड स्मार्ट कंट्रोलर मशीन को बनाने में सहायता मिलती है जिसका इस्तेमाल कई अलग-अलग तरह के इलेक्ट्रॉनिक तथा मेकेनिकल मशीन, व्हीकल इत्यादि को कण्ट्रोल करने में किया जाता है.... इसके अलावे SoCs के और भी कई सारे एडवांटेज हो सकते है जिसका यहाँ जिक्र नहीं किया है।

Conclusion (निष्कर्ष):
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की हमारे द्वारा System on a Chip (SoC) के बारे में लिखी गयी इस आर्टिकल को पढने के बाद आपको SoC से सम्बंधित कई सारे सवालों का जबाब मिल गया होता, फिर भी किसी प्रकार की कोई कंफ्यूजन रह गयी हो तो कमेंट के माध्यम से बेझिझक पूछ सकते है। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी उसकी फीडबैक कमेंट के माध्यम से देना ना भूलें क्योंकि आपकी फीडबैक ही आपके द्वारा पढ़े जानेवाले आर्टिकल की गुणवत्ता तय करती है, इसलिए आपसे आग्रह है की कमेंट सेक्शन में अपनी फीडबैक जरुर दें, साथ ही अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने सोशल प्लेटफार्म एक शेयर जरुर करें। इसी तरह की और भी आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए Comtechinhindi.IN से जुड़ें रहें....धन्यवाद!

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