Type Here to Get Search Results !

BIOS क्या है? BIOS Kya Hai? What is BIOS in hindi?

BIOS क्या होता है? What is BIOS in hindi? आइये जानते क्या होता है बायोस और क्या है हमारे कंप्यूटर सिस्टम में इसकी अहमियत?

फ्रेंड्स हम सभी जान रहे है आज का आधुनिक युग कंप्यूटर का युग हो गया है, अगर हम अपना नजर चारो तरफ दोड़ाकर किसी भी क्षेत्र जैसे- Education, Banking, Business, Railway, Engineering इत्यादि में देखें तो लगभग हर एक क्षेत्र में कंप्यूटर का ही उपयोग होता है. आज हमलोगों की दिन की शुरुवात ही कंप्यूटर और इन्टरनेट के साथ होता है. ऐसे में हम सभी लोग कंप्यूटर से अवगत है और शायद हम सभी को ये भी पता है की कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से चलता है जिनमे कई तरह के सॉफ्टवेयर होते है. इन्ही कई तरह के सॉफ्टवेयर में से एक है BIOS जिसके बिना कंप्यूटर On तक नहीं हो सकता. वैसे बायोस बारे में शायद में कुछ लोग जानते होंगे पर जो भी लोग इसके बारे में नहीं जानते है उनके लिए ये आर्टिकल हेल्पफुल होने वाली है क्योंकि आज हमलोग इस आर्टिकल में बायोस के बारे में ही चर्चा करने जा रहे है. तो चलिए शुरू करते है....

बायोस क्या है? BIOS Kya Hai?

BIOS Kya Hai?
BIOS जिसका Full Form होता है Basic Input Output System यह कंप्यूटर में पाए जानेवाला सबसे प्राइमरी सॉफ्टवेयर (Program) होता है जिसे Firmware भी कहते है. यह कंप्यूटर को शुरू करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है. BIOS मदरबोर्ड पर पाए जानेवाला ROM (Read Only Memory) नाम की Chip जो एक Non Volatile Memory होता है में Pre Loaded रहता है. इसके अन्दर कंप्यूटर के Power Logic का Instructions, पूरी कंप्यूटर मशीन के सारे पार्ट्स का Information तथा कुछ Basic System Driver मोजूद रहता है. इसमें सारे Instructions, Information तथा Driver Motherboard Manufacturer Company के द्वारा ही डाले गए होते है जिसमे हम आसानी से कोई बदलाव नहीं कर सकता है परन्तु इसे Update कर सकते है.

हालाँकि इसका कुछ बेसिक कण्ट्रोल यूजर के पास रहता है, इसका कण्ट्रोल जिस Setting में दिया गया होता है उसे BIOS Setting या CMOS Setting के नाम से जानते है. जिसमे यूजर अपनी जरूरत के अनुसार इसके डिफ़ॉल्ट सेटिंग में बदलाव भी कर सकता है. हालाँकि इसकी डिफ़ॉल्ट सेटिंग Motherboard Manufacturer Company के द्वारे ही तय किये गए होते है जिसे सामान्य रूप से बदलाव करने की जरुरत नहीं पड़ती है, परन्तु कुछ विशेष फंक्शन को Enable तथा Disable करने के लिए हमें इसमें बदलाव करने की जरुरत पड़ती है.

इसकी Setting की जिम्मेदारी CMOS (Complementary Metal Oxide Semiconductor) Chip के पास होती है. यह CMOS Chip ज्यादातर मदरबोर्ड के Chipset के अन्दर ही Inbuilt होते है. यह CMOS Chip मुख्य रूप से BIOS Setting तथा Date & Time को Manage करने का काम करता है. इसकी CMOS Setting हमेशा सुरक्षित रहे इसके लिए इसे हमेशा 24*7 Power की जरुरत होती है, जिसके लिए मदरबोर्ड पर एक छोटी सी Cell लगी होती है जिसे CMOS Cell कहा जाता है. यह सेल CMOS Circuit को कंप्यूटर के Power Off होने के बाद हमेशा Power देने का काम करता है. इस CMOS Cell की Life लगभग 4-5 साल होती है. जब कभी यह Cell कमजोर हो जाती है तो CMOS की Setting हमेशा सुरक्षित नहीं रह पाती है, इस दोरान BIOS Setting बार-बार सेट करने के बाद भी कंप्यूटर ऑफ होने के बाद इसकी Setting तथा Date & Time डिफ़ॉल्ट मोड में चले जाती है. ऐसे कंडीशन में हमें CMOS Cell को Change करने की जरुरत होती है.  

BIOS मुख्य रूप से कंप्यूटर को On करवाने का काम करता है अर्थात कंप्यूटर को ऑपरेटिंग सिस्टम से बूट करवाने का काम करता है. होता कुछ यूं है की हम जैसे ही कंप्यूटर को ऑन करने के लिए Power Button दबाते है तो BIOS सबसे पहले कंप्यूटर में लगे सभी इंटरनल एक्सटर्नल Peripheral Device जैसे- Hard Disk, RAM, Graphic Card, Keyboard, Mouse, Printer इत्यादि को OK होने के लिए कंडीशन चेक करता है जिसे POST (Power On Self Test) कहा जाता है, यह कुछ ही Micro Second की प्रोसेस होती है जिसमे सभी डिवाइस सही से काम कर रहा है की नहीं कंप्यूटर के द्वारा जाना जाता है. इस दोरान अगर यदि किसी डिवाइस में कोई प्रॉब्लम रहता है तो उसका Error Message हमारे स्क्रीन पर दिखाई देती है या Beep Code सुनाई देती है.

अगर यदि POST की कंडीशन OK होती है तो आगे बायोस अपने Setting में Configure किये गए Boot Priority के अनुसार Boot Device खोजता है, और जैसे ही उसे कोई Boot Device (जिसमे Operating System मोजूद हो) मिल जाता है तो उस ऑपरेटिंग सिस्टम से कंप्यूटर को बूट करा दिया जाता है. जिसके बाद हमारे सामने उस ऑपरेटिंग सिस्टम की Desktop Screen प्रस्तुत हो जाती है और आगे हम अपना कार्य शुरू करते है.

हालाँकि कंप्यूटर में POST होने के लिए भी Motherboard, RAM, Processor, BIOS तथा SMPS या Power Source की कंडीशन 100% OK होना जरुरी होता है.

बायोस के कार्य? Function of BIOS in hindi?

  • System Hardware की Information रखना.
  • System को एक Sequence में Proper On करवाना.
  • System के सभी पार्ट को POST के दोरान चेक करना.
  • System के किसी भी पार्ट में Fault आने पर Error Indicate करना.
  • System को Operating System से Boot करवाना.
  • Protection सुनाश्चित करना, इत्यादि.

बायोस अपडेट कैसे करें? How to update BIOS in hindi?

बायोस के Instructions में हम सीधे कोई बदलाव नहीं कर सकते पर इसे Update जरुर कर सकते. समय के साथ बेहतर Compatibility के लिए तथा Bug दूर करने के लिए Manufacturer Company के द्वारा बीच-बीच में Update दिए जाते है, जिसकी Update Version BIOS File को हम उस लैपटॉप, डेस्कटॉप या मदरबोर्ड बनाने वाली कंपनी के Site से Download कर सकते है. हालाँकि बायोस की अपडेट बहुत ही ज्यादा दिनों के बाद ही आते है या अगर यदि कंपनी को पुराने बायोस से सम्बंधित कोई त्रुटी का पता चलता है तो उस बायोस का Updated Version File कंपनी के द्वारा अपने ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलोड कर दिया जाता है जिसकी हेल्प से हम बायोस अपडेट करते है.

अगर यदि किसी भी लैपटॉप या डेस्कटॉप की BIOS को अपडेट करना हो तो सबसे पहले BIOS Setting में जाकर पुराने BIOS का Version पता करें....

उसके बाद लैपटॉप, डेस्कटॉप या मदरबोर्ड बनाने वाली कंपनी के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर अपने सिस्टम की Model No के अनुसार पता करें की उसके लिए BIOS का Update आया है या नहीं...

अगर वेबसाइट पर पुराने बायोस का Updated Version BIOS दिख रहा हो तो सबसे पहले उस File को Download कर लें...

उसके बाद दिए गए इंस्ट्रक्शन के अनुसार उस File को Run कराना है, जिससे BIOS Update की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह प्रक्रिया कम्पलीट होते ही आपके सिस्टम का बायोस अपडेट हो जायेगा.

नोट- BIOS Update के दोरान Suddenly Power Off कभी भी नहीं होने देना चाहिए, अगर ऐसा हो जाता है तो आपका BIOS Update के बजाय Corrupt भी हो सकता है. जिससे बेवजह आप उलझन में फंस सकते है.

बायोस सेटिंग को ओपन कैसे करें? How to open BIOS setting?

कंप्यूटर के बायोस सेटिंग को ओपन करने के लिए हमारे लिए कोई साधारण आप्शन नहीं दिया गया होता है, बल्कि इसके लिए अलग-अलग कंपनी के द्वारा अलग-अलग कोई Special Key या Function Key निर्धारित किये गए होते हैं जिसको हमें बूटिंग के दोरान ही दबाना पड़ता है. जिसके बाद बायोस सेटिंग ओपन होती है.

किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के BIOS Setting को ओपन करने के लिए सबसे पहले इन्टरनेट या किसी और की मदद से यह पता करें की उस सिस्टम के लिए BIOS को ओपन करने के लिए कोन सा Key निर्धारित है....

फिर अपने सिस्टम को Restart करें या Shut Down कर के ऑन करें....

इस दोरान ध्यान रहे की जैसे ही आपका सिस्टम ऑन हो रहा हो उसी समय निर्धारित BIOS Key को दबाना है....

अगर बिलकुल सही-सही सारी स्टेप्स को फॉलो किया जायेगा तो BIOS Key दबाते ही या कुछ ही सेकंड बाद आपके सामने BIOS Setting खुल जाएगी....


Conclusion:
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की हमारे द्वारा BIOS के बारे में लिखी गयी इस आर्टिकल को पढने के बाद आपको समझ में आ गया होगा की बायोस क्या होता है, फिर भी किसी प्रकार की कोई कंफ्यूजन रह गयी हो तो कमेंट के माध्यम से बेझिझक पूछ सकते है. यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी प्रतिक्रिया हमें कमेंट के माध्यम से जरुर दें क्योंकि आपकी फीडबैक ही हमारे द्वारा लिखी जा रही आर्टिकल की गुणवत्ता बताने में मदद करती है, साथ ही अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में अधिक से अधिक शेयर करें. Comtechinhindi.IN से जुड़े रहने के लिए....धन्यवाद!
Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Bottom Post Ad


Comtechinhindi.IN से जुड़े रहने के लिए नीचे दिए गए "JOIN" बटन को दबाकर टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन करें !

telegram join button