आइये जानते है कंप्यूटर के इतिहास के बारे में सरल भाषा हिंदी में?
फ्रेंड्स क्या आप जानते है की आज जिस कंप्यूटर का इस्तेमाल हम अपने रोजमर्रा के कामों के लिए कर रहे है उस कंप्यूटर का आविष्कार कैसे हुआ है, इसकी जरुरत लोगों को कब और क्यों पड़ी, इसकी नीव कब और किसने राखी थी, अगर ऐसे ही सवालों के बारे में जानना चाहते है तो आप सही जगह है क्योंकि आज हमलोग इस आर्टिकल में कंप्यूटर से जुड़ी इतिहास के बारे में ही जानने वाले है इसलिए आपसे आग्रह है की पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।कंप्यूटर की इतिहास की बात करें तो सबसे पहले हमें कंप्यूटर के विकास का उद्देश्य को जानना बहुत ही जरूरी हो जाता है ऐसा इसलिए कि आज के कंप्यूटर के कार्य को देखकर इसके शुरुआती जरूरत का पता लगाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है क्योंकि आज का कंप्यूटर तो काफी एडवांस हो चुका है यह किसी खास एक कार्य को नहीं बल्कि अनेकों कार्य कर सकता है। तो बात करें की कंप्यूटर की जरूरत मानव को कब पड़ी होगी तो इसका जवाब है जब से मनुष्य को गणना करने की जरूरत पड़ी और गणना करना तो शुरू से ही मनुष्य के लिए कठिन कार्य रहा है। बिना किसी भी साधन के सहायता लिए उस समय किसी भी प्रकार की गणना एक सीमित स्तर तक ही की जा सकती थी और उस समय मनुष्य के पास कोई भी साधन मौजूद नहीं थे जिससे कोई भी बड़ी गणना बड़े आसानी आसानी से किया जा सकता था। ऐसे में इन्ही सारी समस्याओं का हल ढूंढा गया और गणना करने के उद्देश्य से एक मशीन का निर्माण किया गया जिसका नाम Abacus था जो कंप्यूटर के इतिहास में सबसे पहला मशीन रहा है।
Abacus के बाद सन 1617 में John Napier ने एक नई मशीन का निर्माण किया जिसे Napier bones कहा जाता था। इस मशीन का उपयोग गुणा तथा भाग करने के लिए किया जाता था। जैसा हम लोग जानते हैं कि सर जॉन नेपियर एक स्काउट गणितज्ञ थे जो अपने Logarithms के अविष्कार के लिए प्रसिद्ध हुए हुए थे उनके Log फार्मूला के उपयोग से किसी भी बड़ी गुणा को कम समय में हल किया जा सकता था। उनकी बनाई गई नेपियर बोंस एक आयताकार छड़ के सेट जिसमें कुल 10 छड की सेट होती थी और ये आयताकार छड़ हाथी दांत के बने होते थे इसलिए इसे Bones कहा जाता था ।इस पर कुछ formulation number लिखे होते थे और इन्हीं पूरी Bones को Calculation Method के द्वारा हटाकर लगाकर गणना की जाती थी। इस प्रकार कंप्यूटर के विकास में सर जॉन नेपियर नेपियर का प्रभावशाली भूमिका रहा है। इसके बाद कंप्यूटर के इतिहास में एक और मशीन या कहे तो यंत्र का आविष्कार किया गया जिसका नाम पासक्लीन था।
Napier bones के बाद 1642 में Blaise Pascal नाम के फ्रांसीसी गणितज्ञ के द्वारा Mechanical Machine की तरह एक यंत्र का आविष्कार किया गया जिसका नाम Pascline था। यह एक आयताकार बक्सानुमा आकर में था इसके अन्दर Rotating Wheel लगी होती थी और इसके ऊपर Number लिखे गए होते होते थे इसके अतिरिक्त इसमें दांत (Cut) युक्त गियर भी लगे होते थे जिसकी सभी Cut (दांत) की एक Position Value होती थी, इसमें Rotate होनेवाली डायल लगी होती थी जिसको घुमा कर गुणा तथा भाग की क्रिया की जाती थी।
जैसा कि हम जान चुके हैं कि Pascline मशीन का आविष्कार ब्लेज पास्कल के द्वारा किया गया था ये पहले आधुनिक वैज्ञानिकों में से एक थे जिसने ऐसी Mechanical Calculator का विकास किया जो किसी भी संख्यां का गुना तथा भाग करने में सक्षम था उसके बाद Leibnitz Calculator आयी।
Leibnitz Calculator के बाद इंग्लैंड के वैज्ञानिक Charls Babbage के द्वारा सन 1822 में Difference Engine का आविष्कार किया गया जिसमें गियर और सॉफ्ट का प्रयोग किया गया था और यह भाप से चलती थी, इस मशीन के द्वारा कई प्रकार के मैथमेटिकल कैलकुलेशन की जा सकती थी।
इसके बाद Charls Babbage के द्वारा ही 1833 में Analytical Engine का विकास किया गया जो शुरुआती कंप्यूटर का एक मुख्य रूप है। इस मशीन में मुख्य रूप से पांच Unit थे Input, Storage, Processing, Control, Output. इसी मशीन से हमारे आधुनिक कंप्यूटर की रूपरेखा खींची गई थी जिसको चार्ल्स बैबेज ने मूर्त रूप दिया था इसलिए चार्ल्स बैबेज को आधुनिक कंप्यूटर का पितामह यानी जनक माना जाता है।
Conclusion:
फ्रेंड्स हमे उम्मीद है की हमारे द्वारा कंप्यूटर के इतिहास के बारे में लिखी गयी यह लेख आपको पसंद आई होगी और इससे आपको कंप्यूटर के इतिहास से जुड़ी तथ्यों के बारे में जानने को मिला होगा, फिर भी यदि इसमें आपको कोई कमी नजर आई हो या कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट के माध्यम से अवगत कराएं। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरूर दें ताकि हमे भी इसकी गुणवत्ता का पता हो और जरूरत रहने पर इसकी कमी सुधरने का मौका मिले जिससे अच्छी से अच्छी कंटेंट आपके सामने प्रस्तुत हो सके। साथ ही अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में अधिक से अधिक शेयर करें। Comtechinhindi.IN से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद!
Abacus:
Abacus का आविष्कार लगभग 3000 वर्ष पूर्व मैं ही चीन के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था इसकी बनावट एक आयताकार फ्रेम में सीधे छड़ो वाली ग्रिल जैसी थी इसके छड़ो में छोटे-छोटे गोलियों लगी होती थी जिसको ऊपर नीचे करके गिनती की जाती थी। इस प्रकार कंप्यूटर के इतिहास में कहा जाता है कि यही बिना बिजली के चलने वाला अबाकस मशीन के निर्माण से कंप्यूटर की नींव रखी गई थी। अबेकस के बाद एक और यंत्र का निर्माण किया गया जिसका नाम नैपियर बोन था।
Napier bones:
Abacus के बाद सन 1617 में John Napier ने एक नई मशीन का निर्माण किया जिसे Napier bones कहा जाता था। इस मशीन का उपयोग गुणा तथा भाग करने के लिए किया जाता था। जैसा हम लोग जानते हैं कि सर जॉन नेपियर एक स्काउट गणितज्ञ थे जो अपने Logarithms के अविष्कार के लिए प्रसिद्ध हुए हुए थे उनके Log फार्मूला के उपयोग से किसी भी बड़ी गुणा को कम समय में हल किया जा सकता था। उनकी बनाई गई नेपियर बोंस एक आयताकार छड़ के सेट जिसमें कुल 10 छड की सेट होती थी और ये आयताकार छड़ हाथी दांत के बने होते थे इसलिए इसे Bones कहा जाता था ।इस पर कुछ formulation number लिखे होते थे और इन्हीं पूरी Bones को Calculation Method के द्वारा हटाकर लगाकर गणना की जाती थी। इस प्रकार कंप्यूटर के विकास में सर जॉन नेपियर नेपियर का प्रभावशाली भूमिका रहा है। इसके बाद कंप्यूटर के इतिहास में एक और मशीन या कहे तो यंत्र का आविष्कार किया गया जिसका नाम पासक्लीन था।
Pascline:
Napier bones के बाद 1642 में Blaise Pascal नाम के फ्रांसीसी गणितज्ञ के द्वारा Mechanical Machine की तरह एक यंत्र का आविष्कार किया गया जिसका नाम Pascline था। यह एक आयताकार बक्सानुमा आकर में था इसके अन्दर Rotating Wheel लगी होती थी और इसके ऊपर Number लिखे गए होते होते थे इसके अतिरिक्त इसमें दांत (Cut) युक्त गियर भी लगे होते थे जिसकी सभी Cut (दांत) की एक Position Value होती थी, इसमें Rotate होनेवाली डायल लगी होती थी जिसको घुमा कर गुणा तथा भाग की क्रिया की जाती थी।
जैसा कि हम जान चुके हैं कि Pascline मशीन का आविष्कार ब्लेज पास्कल के द्वारा किया गया था ये पहले आधुनिक वैज्ञानिकों में से एक थे जिसने ऐसी Mechanical Calculator का विकास किया जो किसी भी संख्यां का गुना तथा भाग करने में सक्षम था उसके बाद Leibnitz Calculator आयी।
Leibnitz Calculator:
Pascline के बाद सन 1673 ईस्वी में जर्मनी के वैज्ञानिक Gottfried Leibnitz के द्वारा एक गणना मशीन का डिजाइन किया गया जिसे Leibnitz Calculator कहा जाता है। यह मशीन Pascline का ही विस्तार रूप था यह Calculator बार-बार जोड़कर और स्थानांतरण करके गुणा करने में सक्षम था। इसके बाद सन 1822 में Difference Engine नाम की एक मशीन का विकास किया गया जो कई तरह कैलकुलेशन करने में सक्षम था।Difference & Analytical Engine:
Leibnitz Calculator के बाद इंग्लैंड के वैज्ञानिक Charls Babbage के द्वारा सन 1822 में Difference Engine का आविष्कार किया गया जिसमें गियर और सॉफ्ट का प्रयोग किया गया था और यह भाप से चलती थी, इस मशीन के द्वारा कई प्रकार के मैथमेटिकल कैलकुलेशन की जा सकती थी।
इसके बाद Charls Babbage के द्वारा ही 1833 में Analytical Engine का विकास किया गया जो शुरुआती कंप्यूटर का एक मुख्य रूप है। इस मशीन में मुख्य रूप से पांच Unit थे Input, Storage, Processing, Control, Output. इसी मशीन से हमारे आधुनिक कंप्यूटर की रूपरेखा खींची गई थी जिसको चार्ल्स बैबेज ने मूर्त रूप दिया था इसलिए चार्ल्स बैबेज को आधुनिक कंप्यूटर का पितामह यानी जनक माना जाता है।
इन्हें भी देखें:→
फ्रेंड्स हमे उम्मीद है की हमारे द्वारा कंप्यूटर के इतिहास के बारे में लिखी गयी यह लेख आपको पसंद आई होगी और इससे आपको कंप्यूटर के इतिहास से जुड़ी तथ्यों के बारे में जानने को मिला होगा, फिर भी यदि इसमें आपको कोई कमी नजर आई हो या कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट के माध्यम से अवगत कराएं। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरूर दें ताकि हमे भी इसकी गुणवत्ता का पता हो और जरूरत रहने पर इसकी कमी सुधरने का मौका मिले जिससे अच्छी से अच्छी कंटेंट आपके सामने प्रस्तुत हो सके। साथ ही अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में अधिक से अधिक शेयर करें। Comtechinhindi.IN से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद!