कंप्यूटर का इतिहास | History Of Computer In Hindi:-
कंप्यूटर की इतिहास की बात करें तो सबसे पहले हमें कंप्यूटर के विकास का उद्देश्य को जानना बहुत ही जरूरी हो जाता है ऐसा इसलिए कि आज के कंप्यूटर के कार्य को देखकर इसके शुरुआती जरूरत का पता लगाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है क्योंकि आज का कंप्यूटर तो काफी एडवांस हो चुका है यह किसी खास कार्य को नहीं बल्कि अनेकों कार्य कर सकता है। तो बात करें की कंप्यूटर की जरूरत मानव को कब पड़ी होगी तो इसका जवाब है जब से मनुष्य को गणना करने की जरूरत पड़ी और गणना करना तो शुरू से ही मनुष्य के लिए कठिन रहा है बिना किसी भी साधन से सहता लिए उस समय किसी भी प्रकार की गणना एक सीमित स्तर तक ही किया जा सकता सकता था और उस समय कोई भी साधन मौजूद नहीं था जिससे कोई भी बड़ी गणना बड़े आसानी आसानी से किया जा सकता था तो ऐसे में गणना करने के उद्देश्य से एक मशीन का निर्माण किया गया जिसका नाम Abacus था।
Abacus:-
Abacus का आविष्कार लगभग 3000 वर्ष पूर्व मैं ही चीन के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था इसकी बनावट एक आयताकार फ्रेम में सीधे छड़ो वाली ग्रिल जैसी थी इसके छड़ो में छोटे-छोटे गोलियों लगी होती थी जिसको ऊपर नीचे करके गिनती की जाती थी। इस प्रकार कंप्यूटर के इतिहास में कहा जाता है कि यही बिना बिजली के चलने वाला अबाकस मशीन के निर्माण से कंप्यूटर की नींव रखी गई थी।
Napier bones:-
Abacus के बाद सन 1617 में सर John Napier ने एक नई मशीन का निर्माण किया जिसे Napier bones कहा जाता था। इस मशीन का उपयोग गुणा तथा भाग करने के लिए किया जाता था। जैसा हम लोग जानते हैं कि सर जॉन नेपियर एक स्काउट गणितज्ञ थे जो अपने Logarithms के अविष्कार के लिए प्रसिद्ध हुए हुए थे उनके Log फार्मूला के उपयोग से किसी भी बड़ी गुणा को कम समय में हल किया जा सकता था। उनकी बनाई गई नेपियर बोंस एक आयताकार छड़ के सेट जिसमें कुल 10 छड की सेट होती थी और ये आयताकार छड़ हाथी दांत के बने होते थे इसलिए इसे Bones कहा जाता था ।इस पर कुछ formulation number लिखे होते थे और इन्हीं पूरी Bones को Calculation Method के द्वारा हटाकर लगाकर गणना की जाती थी। इस प्रकार कंप्यूटर के विकास में सर जॉन नेपियर नेपियर का प्रभावशाली भूमिका रहा है।
Pascline:-
Napier bones के बाद 1642 में Blaise Pascal नाम के फ्रांसीसी गणितज्ञ के द्वारा Mechanical Machine की तरह एक यंत्र का आविष्कार किया गया जिसका नाम Pascline था। यह एक आयताकार बक्सानुमा आकर में था इसके अन्दर Rotating Wheel लगी होती थी और इसके ऊपर Number लिखे गए होते होते थे इसके अतिरिक्त इसमें दांत (Cut) युक्त गियर भी लगे होते थे जिसकी सभी Cut (दांत) की एक Position Value होती थी, इसमें Rotate होनेवाली डायल लगी होती थी जिसको घुमा कर गुणा तथा भाग की क्रिया की जाती थी।
जैसा कि हम जान चुके हैं कि Pascline मशीन का आविष्कार ब्लेज पास्कल के द्वारा किया गया था ये पहले आधुनिक वैज्ञानिकों में से एक थे जिसने ऐसी Mechanical Calculator का विकास किया जो किसी भी संख्यां का गुना तथा भाग करने में सक्षम था।
Leibnitz Calculator:-
Pascline के बाद सन 1673 ईस्वी में जर्मनी के वैज्ञानिक Gottfried Leibnitz के द्वारा एक गणना मशीन का डिजाइन किया गया जिसे Leibnitz Calculator कहा जाता है। यह मशीन Pascline का ही विस्तार रूप था यह Calculator बार-बार जोड़कर और स्थानांतरण करके गुणा करने में सक्षम था।Difference & Analytical Engine:-
Leibnitz Calculator के बाद इंग्लैंड के वैज्ञानिक Charls Babbage के द्वारा सन 1822 में Difference Engine का आविष्कार किया गया जिसमें गियर और सॉफ्ट का प्रयोग किया गया था और यह भाप से चलती थी, इस मशीन के द्वारा कई प्रकार के मैथमेटिकल कैलकुलेशन की जा सकती थी।
इसके बाद Charls Babbage के द्वारा ही 1833 में Analytical Engine का विकास किया गया जो शुरुआती कंप्यूटर का एक मुख्य रूप है। इस मशीन में मुख्य रूप से पांच Unit थे Input, Storage, Processing, Control, Output
इसी मशीन से हमारे आधुनिक कंप्यूटर की रूपरेखा खींची गई थी जिसको चार्ल्स बैबेज ने मूर्त रूप दिया था इसलिए चार्ल्स बैबेज को आधुनिक कंप्यूटर का पितामह यानी जनक माना जाता है।
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