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सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है? System software kya hai? जानिए सरल भाषा में ?

आइये जानते है क्या होता है सिस्टम सॉफ्टवेयर और क्या होती है इसकी हमारे कंप्यूटर सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका?

System software kya hai?
फ्रेंड्स आज हम सभी कंप्यूटर युग में जी रहे है क्योंकि आज हमलोग अपने हर एक कार्य के लिए कहीं न कहीं कम्प्यूटेशनल डिवाइस का ही इस्तेमाल कर रहे है, चाहे मोबाइल फ़ोन की बात हो या एक लैपटॉप-कंप्यूटर की या कोई कंप्यूटराइज्ड मशीन की ये हमारे जिन्दगी को बहुत ही आसान बना दिया है।

एक छोटी सी झलक से हर एक फील्ड को देखे तो आज एजुकेशन, हेल्थ, रेलवे, डीफेंस, इंजीनियरिंग जैसे कई सेक्टरों में ज्यादातर कंप्यूटर या कंप्यूटराइज्ड मशीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में कंप्यूटर की इम्पोर्टेंस को हम सभी समझ सकते है और जब किसी चीज की इम्पोर्टेंस ज्यादा हो तो उसे बारीकियों से समझना तो बनता है।

ऐसे में कंप्यूटर तो हम सभी हर जगह देखते है और हम में से ज्यादातर लोग ये भी जानते है की कंप्यूटर बनता तो है इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स से जिसे हार्डवेयर कहते है, पर चलता है यानि अपना वास्तविक कार्य करता है सॉफ्टवेयर की मदद से और जब सॉफ्टवेयर की बात आती है तो इससे सम्बंधित कई तरह के टर्म्स सुनने को मिलते है जिनमे से एक है “सिस्टम सॉफ्टवेयर”।

पर क्या आपको पता है की ये सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है, सिस्टम सॉफ्टवेयर का हमारे कंप्यूटर सिस्टम में क्या रोल है, सिस्टम सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते है, इत्यादि। अगर ऐसे ही सवालों का जबाब खोजते हुए यहाँ तक आये है तो आप सही जगह है क्योंकि आज हमलोग इस टॉपिक में सिस्टम सॉफ्टवेयर के बारे में ही विस्तार से चर्चा करने जा रहे है इसलिए आपसे आग्रह है की पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें....

सिस्टम सॉफ्टवेयर के बारे में जानने से पहले हमलोग संक्षिप्त में जान लेते है की सॉफ्टवेयर क्या होता है?

सॉफ्टवेयर हमारे कंप्यूटर सिस्टम का एक ऐसा चीज होता है जिसे हम फिजिकली छु कर अनुभव नहीं कर सकते बल्कि यह एक ऐसा चीज है जो हमारे कंप्यूटर मशीन में जान डालकर एक इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन को मनुष्य के समझने लायक बनता है। सॉफ्टवेयर वास्तव में कंप्यूटर की भाषा (Programming Language) में लिखा गया निर्देशों का समूह होता है जिसे एक आम इंसान आसानी से समझ नहीं सकता, परन्तु इसके पुरे इंस्ट्रक्शन सेट अर्थात निर्देशों के समूह से बनाये गए प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंप्यूटर को कमांड देकर कोई भी कार्य करवा सकता है।

कंप्यूटर को मनुष्य से तुलना करके समझा जाय तो कंप्यूटर का हार्डवेयर एक प्रकार से मनुष्य का शारीर है और सॉफ्टवेयर मनुष्य की आत्मा की तरह है। जिस प्रकार आत्मा के बगैर मनुष्य बेकार उसी तरह सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर बेकार है।

👉 सॉफ्टवेयर क्या होता है, विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें....

कंप्यूटर या कंप्यूटराइज्ड डिवाइस में उपयोग होनेवाले सॉफ्टवेयर को दो भागों में बांटा गया है:-
  • सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
  • एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)

सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है? System software kya hai

System software hierarchy

सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में उपयोग किये जाने वाले वे सॉफ्टवेयर होते है जिसका सम्बन्ध डायरेक्ट हार्डवेयर के साथ होता है तथा जो डायरेक्टली कंप्यूटर के हार्डवेयर के साथ कम्यूनिकेट करकर यूजर की भाषा और कमांड को कंप्यूटर के हार्डवेयर को समझाने का काम करता है उसे सिस्टम सॉफ्टवेयर कहा जाता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में हार्डवेयर के बाद सबसे पहले लेयर का सॉफ्टवेयर होता है जो यूजर यानि एक मनुष्य और कंप्यूटर सिस्टम के बीच एक कड़ी की तरह कार्य करता है तथा यूजर और कंप्यूटर मशीन के बीच तालमेल बनाने का काम करता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर ही किसी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस को यूजर फ्रेंडली अर्थात मनुष्य के चलाने के लायक बनाने का काम करता है, सिस्टम सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर केवल एक बेजान मशीन बनकर रह जायेगा जिसपर कुछ भी कर पाना संभव नहीं होगा।

हम सभी जानते है की कंप्यूटर या कोई कंप्यूटराइज्ड मशीन भी एक इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन है जो डायरेक्ट मनुष्य की भाषा या संकेत को नहीं समझ सकता बल्कि यह इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को ही समझ सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स सिग्नल लेवल पर काम करने वाली कंप्यूटर की एक भाषा है जिसे Machine Language (मशीनी भाषा) कहा जाता है जो 0 और 1 के कॉम्बिनेशन से बना होता है और यही मशीनी भाषा को ही दुनिया के कोई इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस समझ सकता है। Machine Language को Low Level Language कहा जाता है। इस मशीनी लैंग्वेज में 0 का मतलब होता है Off या Low और 1 का मतलब होता है On या High अर्थात यह Machine Language सिग्नल को High और Low करके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को अपनी अपनी बात समझाने का काम करता है।

आज से कुछ दशकों पहले जब Programing Language इतनी विकसित नहीं हुई थी उस समय कंप्यूटर के सारे प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर मशीनी भाषा में ही लिखे जाते थे जिस कारण उस वक्त प्रोग्राम लिखना काफी कठिन होता था परन्तु जैसे-जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का विकास होता गया वैसे-वैसे कई सारे High Level Language जैसे- Java, C, C++, Python इत्यादि, Programing Language का विकास हुआ जिसपर प्रोग्राम लिखना आसान हो गया क्योंकि ये सभी लैंग्वेज English Alphabet, Numeric Digit तथा Special Character के हेल्प से बनते है।

यहाँ ध्यान देने वाली बात है की High Level Language में केवल प्रोग्राम लिखे जाते है पर इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन तो केवल और केवल Machine Language को ही समझ सकता है इसलिए High Level Language में बनाये गए प्रोग्राम Low Level Language (Machine Language) में Self Translate होती है और इसे ट्रांसलेट करने का कार्य करता है उसे Compiler और Interpreter कहा जाता है जो एक प्रोग्राम (सिस्टम सॉफ्टवेयर) ही होता है पर इसका काम होता है प्रोग्राम ट्रांसलेट करना।

सिस्टम सॉफ्टवेयर के उदहारण है:- फर्मवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर, डिवाइस ड्राईवर। ये सभी सिस्टम सॉफ्टवेयर की श्रेणी में आते है क्योंकि ये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के हार्डवेयर को कण्ट्रोल, मैनेज तथा मेंटेनेंस करने का काम करता है।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है?

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वे सॉफ्टवेयर होते है जिसका सम्बन्ध डायरेक्टली यूजर के साथ होता है, जिसे किसी खास कार्य ध्यान में रखकर बनाया जाता है जिसपर यूजर अपना मूल काम करता है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का सम्बन्ध कंप्यूटर हार्डवेयर के साथ नहीं होता है बल्कि इसका सम्बन्ध यूजर और ऑपरेटिंग सिस्टम जो एक सिस्टम सॉफ्टवेयर के साथ होता है। यह एंड-यूजर सॉफ्टवेयर होता है जिसपर यूजर अपना वास्तविक कार्य करता है।

जैसे- एकाउंटिंग का काम करने के लिए Tally नाम की एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की जरुरत पड़ती है, फोटो एडिटिंग से सम्बंधित कार्य करने के लिए Adobe Photoshop की जरुरत पड़ती है, नया डॉक्यूमेंट बनाने, एडिट करने या टाइपिंग जैसे कामो को करने के लिए Word Processor Program (MS Word) की जरुरत पड़ती है। Tally, Adobe Photoshop, MS Word, MS Excel, Coral Draw, Calculator, Mobile Application etc। ये सभी एप्लीकेशन के उदाहरण है।

👉Application Software क्या है, विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें....

सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अंतर?

सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अंतर की बात करें तो इन दोनों के बीच कई सारे अंतर है जो निम्नलिखित है....

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के हार्डवेयर को मैनेज करने का काम करता है तथा कंप्यूटर मशीन को यूजर फ्रेंडली बनाने का काम करता है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूजर के किसी विशिष्ट कार्यों को करने के लिए बनाया जाता है।

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर का सम्बन्ध सीधे हार्डवेयर से रहता है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का सम्बन्ध हार्डवेयर से नहीं बल्कि इसका सम्बन्ध सिस्टम सॉफ्टवेयर से रहता है, सीधे तोर पर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का हार्डवेयर से कोई लेना देना नहीं होता है।

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर यूजर के लिए एक यूजर फ्रेंडली प्लेटफार्म देने का काम करता है जिसपर अलग-अलग तरह के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को स्थापित (Install) किये जाते है और चलाये जाते है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी कार्य विशेष को ध्यान में रखकर बनाया जाता है इसलिए यह किसी कार्य विशेष के लिए स्पेसिफिक टूल तथा आप्शन के साथ हमारे सामने एक विंडो के रूप में हमारे प्रस्तुत होता है।

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर आमतोर पर Low Level Language का उपयोग करके विकसित किये जाते है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर High Level Language का उपयोग करके बनाये जाते है।

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर के बगैर कंप्यूटर पर कोई भी कार्य कर पाना संभव नहीं नहीं जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बगैर कंप्यूटर के कार्य कर पाना तो संभव है पर वो कार्य कर पाना संभव नहीं है जिस कार्य को करने के लिए किसी विशेष एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की जरुरत पड़ती हो।

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के स्टार्ट होते ही स्वतः अपना कार्य प्रारंभ कर देते है और ये जरुरी भी है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को स्वतः स्टार्ट होने की जरूरत नहीं है इसे जरुरत पड़ने पर मनुअली स्टार्ट करना होता है तब यह अपना कार्य प्रारंभ करते है।

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर को स्थापित करना अनिवार्य होता है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर अनिवार्य नहीं होते है बल्कि इसे अपनी जरुरत के अनुसार स्थापित करते है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते है?

कंप्यूटर सिस्टम में मुख्य रूप से चार तरह के सिस्टम सॉफ्टवेयर होते है:-
  • ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
  • फर्मवेयर (Firmware)
  • डिवाइस ड्राईवर (Device Driver)
  • यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software)

ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) :

ऑपरेटिंग सिस्टम वे सॉफ्टवेयर होते है जो कंप्यूटर सिस्टम में एक यूजर फ्रेंडली प्लेटफार्म प्रदान करने का काम करता है तथा यूजर के आदेश (कमांड) को कंप्यूटर तक और कंप्यूटर से आ रही परिणाम को यूजर तक पहुँचाने का काम करता है। वास्तव में ऑपरेटिंग सिस्टम ही होता है जो हार्डवेयर से डायरेक्ट कम्युनिकेशन स्थापित करता है तथा यूजर और कंप्यूटर के बीच तालमेल बनाने का काम करता है। Microsoft Windows, Linux, Mac OS तथा स्मार्टफ़ोन में उसे होने वाला Android ऑपरेटिंग सिस्टम के उदहारण है।

फर्मवेयर ही कंप्यूटर सिस्टम में पाए जानेवाला सबसे पहला सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम होता है जो सबसे पहले एक्टिव होता है और कंप्यूटर को आत्मा देने का काम करता है तथा ऑपरेटिंग सिस्टम को इनस्टॉल करने की अनुमति देता है। फर्मवेयर कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर ROM नाम की Chip में मैन्युफैक्चरर के द्वारा ही इनस्टॉल किये गए होते है जिसे BIOS के नाम से जाना जाता है।

डिवाइस ड्राईवर किसी विशेष हार्डवेयर डिवाइस (माउस, कीबोर्ड, प्रिंटर, मॉनिटर, ग्राफ़िक कार्ड इत्यादि) तथा ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए इनस्टॉल किये जाते है। यह भी एक छोटा सा कंप्यूटर प्रोग्राम ही होता है जो किसी खास डिवाइस के बारे में ऑपरेटिंग सिस्टम को जानकारी देने के लिए तथा ऑपरेटिंग सिस्टम और उस डिवाइस के बीच में तालमेल बनाने के लिए इनस्टॉल किया जाता है। हालाँकि कुछ इम्पोर्टेन्ट डिवाइस जिसकी अनिवार्यता होती है उसकी ड्राईवर ऑपरेटिंग सिस्टम के अन्दर पहले से ही डाले होते है जिसको Plug In करते ही ऑपरेट किया जा सकता है जैसे- Mouse, Keyboard, Monitor etc। इसके अतिरिक्त बहुत सारे ऐसे डिवाइस होते है जिसके लिए अलग से ड्राईवर इनस्टॉल करने की जरुरत पड़ती है तभी वे डिवाइस कंप्यूटर के साथ काम कर पाते है।

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर को सर्विस प्रोग्राम के नाम से भी जाना जाता है, ये कंप्यूटर सिस्टम में उपयोग किया जानेवाला वह सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर को Configure, Analyze, Optimize तथा Maintain करने का काम करता है। Antivirus, Disk Cleaner, File Manager, Disk Defragmenter, Resource Monitor इत्यादि ये सभी यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के उदहारण है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर के कार्य?

सिस्टम सॉफ्टवेयर के कार्य की बात करें तो, अलग-अलग प्रकार सिस्टम सॉफ्टवेयर के अलग-अलग प्रकार के कार्य होते है जैसे:-
  • ऑपरेटिंग सिस्टम भी एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है जिसका मुख्य काम होता है कंप्यूटर और यूजर के बीच तालमेल बनाना, साथ ही इसके अलावे भी इसके बहुत सारे कार्य होते है जैसे, मेमोरी मैनेजमेंट करना, फ़ाइल मैनेजमेंट करना, यूजर के द्वारा किये जा रहे कार्य के अनुकूल रिसोर्सेज अलॉट करवाना, कंप्यूटर के सारे भागों को कंट्रोल करना इत्यादि।
  • फर्मवेयर जो कंप्यूटर का सबसे बेसिक सॉफ्टवेयर होता है जिसका काम होता है कंप्यूटर के हार्डवेयर को एक्टिव करवाना, सारे हार्डवेयर पार्ट्स की जानकारी रखना, कंप्यूटर को ऑपरेटिंग सिस्टम से बूट करवाना इत्यादि।
  • यूटिलिटी सॉफ्टवेयर जो ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक भाग है तथा जरूरत के अनुसार अलग से भी डाले जाते है, इसका मुख्य काम होता है कंप्यूटर को कॉन्फ़िगर, मैनेज तथा ऑप्टिमाइज़ करना।
  • डिवाइस ड्राइवर जो स्पेसिफिक किसी पार्ट्स या डिवाइस के लिए बनाये गए होते है, यह अलग-अलग प्रकार के हार्डवेयर पार्ट्स या डिवाइस को ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कम्यूनिकेट करवाने का काम करता है।
Conclusion (निष्कर्ष):
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको "System Software" के बारे में विस्तृत जानकारी मिल गयी होगी, अगर यदि फिर भी किसी प्रकार की कोई कंफ्यूजन रह गयी हो तो कमेंट के माध्यम से बेझिझक पूछ सकते है। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसके बारे में फीडबैक अपने स्तर से कमेंट के माध्यम से जरुर दें ताकि आप तक हम जो भी कंटेंट पहुंचा रहे है उसकी गुणवत्ता का पता लग सके और रह गयी कमी को दूर कर सकें। अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में अधिक से अधिक शेयर करें। Comtechinhindi.IN से जुड़े रहने के लिए....धन्यवाद !
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