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जाने कंप्यूटर कैसे कार्य करता है? Computer kaise karya karta hai?

आइये समझते है कि एक कंप्यूटर सिस्टम कैसे कार्य करता है? How computer system works in hindi?

फ्रेंड्स आज के ज़माने में हम में से शायद ही कोई लोग होगा जो कंप्यूटर सिस्टम से परिचित नहीं होगा। कंप्यूटर आज हमारे जिंदगी का एक अहम् हिस्सा बन चूका है क्योंकि आज के समय में हम सभी लोग हमेशा कहीं न कहीं कंप्यूटर से जुड़े रहते है। आज हर एक कार्य के लिए लगभग हर एक क्षेत्र में कंप्यूटर मशीन का सहारा लिया जा रहा है, आज कंप्यूटर के बिना हम अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते।

ऐसे में चाहे कंप्यूटर विषय के स्टूडेंट हो अथवा एक आम इंसान सभी के मन में कई बार यह प्रश्न आता है कि "कंप्यूटर कैसे काम करता है"। अगर आप भी ऐसे प्रश्न का जबाब ढूंढते हुए यहाँ तक आये है तो आप सही जगह है क्योंकि आज हमलोग इस टॉपिक में "कंप्यूटर कैसे कार्य करता है" "How computer works" के बारे में विस्तार से चर्चा करने जा रहे है, इसलिए आपसे आग्रह है कि पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें....

कंप्यूटर के कार्य प्रणाली को समझने से पहले हम लोग संक्षेप में जान लेते हैं कि कंप्यूटर क्या होता है:-

संक्षेप में कहें तो कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक मशीन होता है जो यूजर के द्वारा दिए गए किसी भी प्रकार के इनपुट पर Mathematical अथवा Logical कैलकुलेशन करके यूजर के इंस्ट्रक्शन के आधार पर ही आउटपुट देने का काम करता है उसे कंप्यूटर कहा जाता है?

कंप्यूटर मुख्य रूप से दो चीजों से मिलकर बना होता है:-

1. Hardware: कंप्यूटर के निर्माण में लगे वे सारे पार्ट जिसे हम फिजिकली छू तथा देख सकते हैं वे सभी हार्डवेयर कहलाते है। जैसे- Keyboard, Mouse, Monitor, CPU, Motherboard इत्यादि, ये सभी हार्डवेयर के उदहारण है।

2. Software: सॉफ्टवेयर कोई फिजिकल पार्ट नहीं होता है बल्कि यह कंप्यूटर की भाषा मैं लिखा गया इंस्ट्रक्शन सेट का समूह होता है जिसे सॉफ्टवेयर कहा जाता है। सॉफ्टवेयर ही कंप्यूटर के हार्डवेयर में जान डालकर उसे काम करने लायक बनाने का काम करता है तथा एक कंप्यूटर मशीन को यूजर फ्रेंडली अर्थात मनुष्य के समझने लायक बनाने का काम करता है। बिना सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर का कार्य कर पाना संभव नहीं है। Operating System (Windows, Mac, Linux, Android), Microsoft Office, Adobe Photoshop, Tally इत्यादि, ये सभी सॉफ्टवेयर के उदाहरण है।

कंप्यूटर के मुख्य भाग? Computer ke mukhy bhag?

Computer ke mukhy bhag?
कंप्यूटर के मुख्य भाग की बात करें तो कंप्यूटर में मुख्य रूप से 4 भाग होते हैं:-

1. Input Unit:

इनपुट यूनिट कंप्यूटर वह भाग होता है जिसके माध्यम से कंप्यूटर को किसी प्रकार का इनपुट (डाटा या कमांड) दिया जाता है।
जैसे जब भी हमें कोई फोल्डर खोलना होता है तो हम माउस के माध्यम से क्लिक करके कमांड देते है या जब भी हमें कोई डॉक्यूमेंट बनाना होता है हम कीबोर्ड के माध्यम से टाइप करते है या कोई Hard Copy Document को कहीं भेजना होता है अथवा किसी पोर्टल पर अपलोड करना होता है तो हम स्कैनर की मदद से उस डॉक्यूमेंट को स्कैन करके कंप्यूटर में Soft Copy के रूप में सेव करते है फिर उसे आगे भेजते है, यहाँ कंप्यूटर को जिस भी डिवाइस के माध्यम से कोई डाटा दिया जा रहा है वह डिवाइस इनपुट डिवाइस है।
इनपुट यूनिट के अंतर्गत आने वाले हार्डवेयर डिवाइस है- Mouse, Keyboard, Scanner, Touch Pad, Camera, Joystick, Graphic Pad, Mice इत्यादि।

2. Processing Unit:

प्रोसेसिंग यूनिट कंप्यूटर का वह भाग होता है जहां पर कंप्यूटर को दिए गए इनपुट पर मैथमेटिकल अथवा लॉजिकल ऑपरेशन (कैलकुलेशन) किया जाता। प्रोसेसिंग यूनिट कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है क्योंकि इसी यूनिट के अंदर डाटा प्रोसेसिंग का काम होता है तथा कंप्यूटर को दिए गए इनपुट पर निर्णय लेने का काम इसी यूनिट का होता है। प्रोसेसिंग यूनिट को ही कंप्यूटर का ब्रेन (दिमाग) कहा जाता है।
प्रोसेसिंग यूनिट के अंतर्गत आने वाले कंप्यूटर का केवल एक ही हार्डवेयर पार्ट होता है जिसे CPU अर्थात Central Processing Unit कहा जाता है।

3. Memory Unit:

मेमोरी यूनिट कंप्यूटर का वह भाग होता है जहां पर कंप्यूटर की सारी डाटा Save होती है। जिस प्रकार मनुष्य को कार्य करने के लिए अपनी स्मृति में बहुत प्रकार की बातों को याद रखना पड़ता है, ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर को भी कार्य करने के लिए अपनी स्मृति अर्थात मेमोरी मैं बहुत सारी डाटा तथा सॉफ्टवेयर इत्यादि सेव रखनी पड़ती है और कंप्यूटर के जिस यूनिट में सारी डाटा सेव यानि सुरक्षित रहता है उसे मेमोरी यूनिट कहा जाता है।
कंप्यूटर की मेमोरी यूनिट को दो भागों में बांटा गया है- i. Primary Memory ii. Secondary Memory

i. Primary Memory: प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर की सबसे मुख्य मेमोरी होती है जिसके अंतर्गत मुख्य रूप से तीन प्रकार की मेमोरी आती है- RAM, ROM और Cache.

RAM कंप्यूटर की सबसे मुख्य और महत्वपूर्ण मेमोरी होती है जिसका संबंध डायरेक्ट प्रोसेसिंग यूनिट के साथ रहता है। RAM ही कंप्यूटर को वर्किंग स्पेस अर्थात कार्य करने की जगह देने का काम करता है। इसमें केवल वे डाटा या सॉफ्टवेयर तत्काल रुप से सेव रहता हैं जिस पर करंट टाइम में यानी वर्किंग पीरियड में कार्य किया जा रहा होता है।
RAM कंप्यूटर की Temporary Memory होती है जिसमें कोई भी डाटा केवल उतनी ही देर तक सेव रहता है जब तक कंप्यूटर वर्किंग पीरियड में होता है, जब किसी डाटा या प्रोग्राम को सेव कर दिया जाता है तब वह डाटा या प्रोग्राम सेकेंडरी मेमोरी में जाकर परमानेंटली सेव हो जाता है। कंप्यूटर के Off हो जाने के पश्चात या किसी प्रोग्राम अथवा डाटा को क्लोज कर देने के पश्चात RAM की सारी डाटा मिट जाती है इसलिए RAM को Volatile Memory भी कहा जाता है।

ROM भले ही Primary Memory के अंतर्गत आता है परंतु इसमें डाटा Permanently सेव रहता है, ROM के अंदर एक Program डाला जाता है जिसमे कंप्यूटर हार्डवेयर के लिए कुछ जरुरी इनफार्मेशन तथा इंस्ट्रक्शन रहता है जिसे Firmware कहा जाता है।

Cache एक विशेष प्रकार की मेमोरी होती है जो CPU में पाया जाता है। यह CPU को Fastly Data Access कराने के लिए जिम्मेदार होते है, इसलिए इसे CPU Memory भी कहा जाता है।

ii. Secondary Memory: सेकेंडरी मेमोरी कंप्यूटर की वह मेमोरी होती है जिसमें कोई भी डाटा परमानेंटली अर्थात स्थाई रूप से Save रहता है। कंप्यूटर के अंदर वे सारे डाटा, ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ईत्यादि जो परमानेंटली सेव या इंस्टॉल किये गए होते हैं वे सेकेंडरी मेमोरी के अंदर ही Save (सुरक्षित) रहते हैं।
सेकेंडरी मेमोरी के उदाहरण है- Hard Disk, SSD

4. Output Unit:

आउटपुट यूनिट कंप्यूटर का वाह भाग होता है जहां यूज़र के द्वारा दिए गए किसी भी प्रकार के इनपुट का प्रोसेसिंग के पश्चात आउटपुट अर्थात परिणाम प्राप्त होता है।
जैसे जब हम कोई डॉक्यूमेंट बनाने के लिए Type कर रहे होते है या वीडियो चलाते है तो उसका आउटपुट हमें Display पर दिखाई देता है या जब हम कोई Audio Song प्ले करते है तो उसका आवाज हमें Speaker पर सुनाई देता है, या कोई Document Print करने के लिए कमांड देते है तो उसका आउटपुट Printer से Hard Copy के रूप में प्राप्त होता है। यहाँ किसी भी प्रकार के इनपुट का जिस भी डिवाइस पर आउटपुट प्राप्त हो रहा है वह आउटपुट डिवाइस है।
आउटपुट यूनिट के अंतर्गत आने वाले डिवाइस हैं- Monitor (Display), Printer, Speaker, Projector इत्यादि।

हम सभी को पता होना चाहिए की कंप्यूटर कोई भी कार्य स्वयं नहीं कर सकता बल्कि सॉफ्टवेयर के हेल्प से हमारे दिए गए इंस्ट्रक्शन के आधार पर ही कार्य करता है, और हम सभी जान रहे है कि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस है जो डायरेक्टली मनुष्य की भाषा को नहीं समझ सकता बल्कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस केवल इलेक्ट्रिक सिग्नल को ही समझ सकता है, ऐसे में इलेक्ट्रिक सिग्नल के आधार पर ही कार्य करने वाली कंप्यूटर की एक भाषा है जिसे मशीनी भाषा (Machine Language) कहां जाता है और यह मशीनी भाषा बाइनरी डिजिट 0 और 1 के कंबीनेशन (01001001) से बना होता है इसमें 0 का मतलब होता है Off (Signal Low) और 1 का मतलब होता है On (Signal High).

कंप्यूटर के अंदर कोई भी डाटा या इंस्ट्रक्शन सर्किट या किसी वायर में जब ट्रेवल कर रही होती है या प्रोसेसिंग हो रही होती है तो वह डिजिटल सिग्नल के रूप में होता है जो एक बाइनरी सिग्नल होता है।

कंप्यूटर वर्किंग कांसेप्ट (Computers working Concept):

कंप्यूटर के वर्किंग कांसेप्ट को टेक्निकली समझने का प्रयास करें तो होता कुछ यूं है कि कंप्यूटर में जब भी कोई इनपुट दिया जाता है तो उसका आउटपुट डायरेक्ट हमारे सामने प्रस्तुत नहीं होता बल्कि इंटरनली वे इनपुट कई चरणों से होकर गुजरते हुए हमारे सामने आउटपुट या परिणाम के रूप में प्रस्तुत होते हैं।

जब कंप्यूटर को किसी इनपुट साधनों जैसे Keyboard, Mouse, Scanner, Camera, Touchpad इत्यादि के माध्यम से इनपुट डाटा दिया जाता है तो सबसे पहले वह इनपुट डाटा Processing Unit में जाता है, जहाँ उस इनपुट पर यूजर के दिए गए इंस्ट्रक्शन्स के अनुरूप Mathematical अथवा Logical Operation की प्रक्रिया पूरी होती है फिर हमारे सामने उसका आउटपुट किसी आउटपुट साधनों जैसे Monitor, Printer, Speaker इत्यादि पर प्राप्त होता है, इस दौरान जिन डाटा तथा सॉफ्टवेयर पर कार्य किया जा रहा होता है उसको सुरक्षित रखने के लिए मेमोरी की जरुरत पड़ती है इसलिए उस डाटा को तत्काल रूप से Memory Unit (RAM) में स्टोर करके रखता है और वह डाटा तब तक RAM पर स्टोर रहता है जब तक उस डाटा को परमानेंटली यानि स्थाई रूप से सेकेंडरी मेमोरी में Save ना कर दिया जाता है। ये प्रक्रिया इंटरनली इतनी तीव्र गति से पूरी होती है कि हम उसका अनुभव भी नहीं कर सकते है और उसका आउटपुट हमें प्राप्त हो जाता है।

जैसे- जब कभी भी हम Keyboard पर Type कर रहे होते है तो उसका आउटपुट हमें सीधे ही Display पर दिखाई दे रहा होता है, परंतु वास्तव में वह सीधे ही दिखाई नहीं दे रहा होता है बल्कि ऊपर बताई गयी चरणों से होकर गुजरने के बाद ही दिखाई दे रहा होता है, साथ ही उस दौरान जिस भी सॉफ्टवेयर पर कार्य किया जा रहा होता है तथा जो कुछ भी Type किया जा रहा होता है वे सभी तत्काल रूप से RAM पर स्टोर रहते है।

कंप्यूटर कौन-कौन सा कार्य कर सकता है?

अगर बात करें की कंप्यूटर कौन-कौन सा कार्य कर सकता तो मैं यह स्पष्ट कर देना चाहूँगा की कंप्यूटर कोई एक सिमित कार्य नहीं कर सकता है बल्कि कंप्यूटर के कार्य असीमित है अर्थात ये अनेकों काम कर सकता है। कंप्यूटर के द्वारा वो हर कार्य किया जा सकता है जिसको इलेक्ट्रानिकली कण्ट्रोल किया जा सकता है, इसके लिए केवल जरुरत पड़ती है कार्य के अनुकूल सॉफ्टवेयर की तथा अलग-अलग तरह के इनपुट - आउटपुट डिवाइस की।

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Conclusion (निष्कर्ष):
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की हमारे द्वारा कंप्यूटर के कार्यप्रणाली के बारे में लिखी गयी यह आर्टिकल आपको पसंद आई होगी, फिर भी किसी प्रकार की कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से हमें सूचित करें। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरुर दें क्योंकि आपकी फीडबैक ही इस साईट पर आपके द्वारा पढ़े जा रहे कंटेंट की गुणवत्ता तय करती है। अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में शेयर जरुर करें। Comtechinhindi.IN से जुड़े रहने के लिए....धन्यवाद !
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