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एसईओ क्या है? SEO kya hai? जानिए SEO के बारे में सब कुछ हिंदी में?

SEO (Search Engine Optimization) क्या है?

फ्रेंड्स हम सभी आज डिजिटल युग में जी रहे है और इस डिजिटल युग में इंटरनेट से लोगों के व्यापार में फायदा ना मिले ऐसा हो नहीं सकता है। हम सभी जान रहे है की आज व्यापार करने का तरीका बदल चूका है क्योंकि लोग ज्यादातर इन्टरनेट पर निर्भर होते जा रहे है। ऐसे में जब लोगों की निर्भरता बड़ी है तो सभी व्यवसाय से जुड़े लोग भी यहीं पर टारगेट कर रहे है। इतना ही नहीं आज बहुत से लोग इन्टरनेट पर कई तरीके से पैसे भी कमा रहे है और बहुत से लोग अपना किस्मत अजमा रहे है, जिस कारण यहां लोगों की होड़ लगी हुई है।

हम सभी जान रहे है की इन्टरनेट पर किसी भी चीज की जानकरी को प्राप्त करने के लिए Google, Bing जैसे सर्च इंजन का इस्तेमाल करते है और यह सर्च इंजन हमारे प्रश्न यानि Query के अनुकूल हमारे सामने रिजल्ट दिखाता है जो की अलग-अलग वेबसाइट और ब्लॉग की इनफार्मेशन होती है।

साथ ही हम सभी देखते है की गूगल पर जब भी कोई क्वेरी डालकर सर्च करते है तो हमारे सामने एक नहीं बल्कि सेकड़ो, हजारों परिणाम की पेज वाइज लिस्ट दिखाई देती है, जिनमे से कुछ को ही हम महत्वपूर्ण समझते है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब किसी को Top 10 रिजल्ट में ही इनफार्मेशन मिल जाये तो वे और आगे क्यों जाए जो एक सच्चाई है, यहीं से समस्या खड़ी हो जाती है और सभी वेबसाइट ऑनर अपने वेबसाइट या ब्लॉग को Search Engine में Top में Rank कराने के लिए कई तरह के तरीके ढूंढने लगते है जिनमे से एक और सबसे महत्वपूर्ण है SEO यानि Search Engine Optimization जिसको खुद सर्च इंजन Allow करता है।

पर क्या आपको पता है की ये Search Engine Optimization क्या होता है, Search Engine Optimization कितने तरह के होते है, Search Engine Optimization ब्लॉग या वेबसाइट के लिए क्यों जरुरी है? अगर हाँ तो बहुत अच्छी बात है, यदि नहीं तो अभी आप जानने वालें है क्योंकि आज हमलोग इस आर्टिकल में SEO के बारे में ही चर्चा करने जा रहे है इसलिए आपसे आग्रह है की पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें….

एसईओ क्या होता है? SEO kya hota hai?

SEO kya hai?

SEO जिसका फुल फॉर्म Search Engine Optimization होता है, यह एक ऐसा प्रोसेस है जिसके माध्यम से वेबसाइट और वेब पेज की सर्च इंजन में रैंकिंग को बेहतर बनाया जाता है। SEO एक Organic और Unpaid तरीका है जो वेबसाइट की सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार करता है। SEO के द्वारा हम अपनी वेबसाइट को सर्च इंजन के अनुकूल ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं और अपनी वेबसाइट के विजिबिलिटी और ट्रैफिक को बढ़ा सकते हैं।

सर्च इंजन जैसे की गूगल, बिंग, याहू आदि के द्वारा वेबसाइट रैंकिंग तय करने के लिए बहुत सारे फैक्टर होते हैं जैसे कि वेबसाइट कंटेंट, वेबसाइट स्ट्रक्चर, वेबसाइट लोडिंग स्पीड, बैकलिंक्स, कीवर्ड्स, और भी बहुत कुछ। ऐसे में SEO के द्वारा हम इन सभी फैक्टर्स में को ऑप्टिमाइज करके अपनी वेबसाइट को सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार कर सकते हैं।

SEO का प्रयोग करके हम अपनी वेबसाइट और वेब पेज को टारगेट ऑडियंस तक पहुंचने के लिए ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं, इसके अलावा सर्च इंजन के लिस्ट में हम अपने कॉम्पिटिटर को बीट करके रैंकिंग में उससे आगे जा सकते हैं और अपनी वेबसाइट के ट्रैफिक और सेल्स को बढ़ा सकते हैं।

SEO का इस्तेमाल बहुत सारे ई-कॉमर्स, ब्लॉगर्स, कंटेंट क्रिएटर्स, और वेबसाइट ओनर्स द्वारा किया जाता है जिसका का मुख्य फ़ायदा ये है कि ये एक ऑर्गेनिक तारिके से वेबसाइट के ट्रैफिक और विजिबिलिटी को बढ़ाता है जिससे वेबसाइट के मालिकों को मार्केटिंग खर्च कम करने में मदद मिलती है।

SEO वेबसाइट के लिए क्यों जरुरी है?

इसको एक उदाहरण से समझने का प्रयास करें तो, मान लें कि आप एक छोटे से कैटरिंग सर्विस प्रोवाइडर हैं और आपने अभी नया-नया अपना कैटरिंग सर्विस आफिस और छोटा सा होटल खोला है, अब होटल नई है तो जाहिर सी बात है कि आपके यहाँ कस्टमर तो कम होंगे ही, साथ ही नए है तो कैटरिंग की बुकिंग भी कम होगा ही। ऐसे में अपने होटल और कैटरिंग सर्विस बुकिंग के लिए कस्टमर लाने के लिए आपको मार्केटिंग करना होगा, जिसके लिए कई तरह से प्रचार-प्रसार करना होगा ताकि लोगों को पता चले कि आप ये-ये सर्विस देते है, जिससे लोग आपके होटल में खाने के लिए आए और कैटरिंग बुकिंग के लिए भी कॉल ज्यादा से ज्यादा आये।

अब बात आती है कि यदि आप खूब प्रचार-प्रसार करेंगे तो आपके मार्केटिंग का बजट बहुत ही ज्यादा बढ़ जाएगा, इससे बचने के लिए और कम बजट में ज्यादा लीड जेनेरेट करने के लिए आप इंटरनेट की मदद लें सकते है। इसके लिए आप अपना एक वेबसाइट बना सकते है जहां अपनी सर्विस, मेनू, रेट, ऑफर इत्यादि के बारे में जिक्र कर सकते है, साथ ही उसपर रेसिपी ब्लॉग पोस्टिंग भी कर सकते है जो ऑर्गेनिकली आपके वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। साथ ही रेसिपी ब्लॉग होगी तो निश्चित ही जो भी विजिटर आपके ब्लॉग पेज पर आएंगे वे कुछ रेसिपी के बारे में जानना चाह रहे होंगे, ऐसे में उस विजिटर को आप अपने शब्दों से उसे कन्विंस कर सकते है कि आप जो भी फ़ूड आइटम बनाते है वो यूनिक और टेस्टी होती है। अब यदि जब भी आपके विजिटर में से कुछ लोगों को कैटरर की जरूरत होगी तो शायद से वे आपसे संपर्क करेंगे और साथ ही जब भी वे आपके होटल के एरिया में वे आएंगे तो आपके होटल पर जरूर खाना खाएंगे। यही होती है आज के युग मे बिज़नेस में ज्यादा से ज्यादा लीड जेनेरेट करने का तरीका।

अब बात आती है कि ब्लॉग पोस्ट इंटरनेट पर केवल आपका ही नहीं है बल्कि आपके तरह हजारों पेज रेसेपी से ही संबंधित बने हुए है जिनमे से कुछ टॉप में रैंक भी कर रहे होंगे जो एक तरह से आपका कॉम्पटीटर होगा जिससे आपको लड़ना होगा, यहीं पर आपके लिए हेल्पफुल होगी Search Engine Optimization, जो आपको मदद करेगी आपकी पेज को टॉप में रैंक करने में जिससे आपके ब्लॉग पोस्ट पर ज्यादा से ज्यादा लोग आएंगे और आपसे जुड़ पाएंगे।

ठीक यही लागू होता है ब्लॉगिंग के फील्ड में भी, अंतर केवल इतना होता है कि जो प्रोफेशनल ब्लॉगर होते है यानी जो ब्लॉग से ही डायरेक्ट पैसा कमाना चाहते है वे अपने ब्लॉग पेज को इसलिए रैंक करवाते है ताकि जितना ज्यादा उसके पेज और ब्लॉग पर विजिटर आएंगे उतना ज्यादा उसकी कमाई होगी, और जो बिज़नेस ऑनर होते है उसका उद्देश्य होता है की हम अपनी सर्विस को कम खर्चे में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा पाएं। हालाँकि ब्लॉग लिखने और उसको रैंक कराने की प्रोसेस एक ही होती है।

SEO कितने प्रकार के होते है?

SEO बेसिकली तीन तरह के होते है:
  • On Page SEO
  • Off Page SEO
  • Technical SEO

On Page SEO क्या है?

ऑन-पेज सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन में वे सभी फेक्टर आते है जो अपने वेबसाइट और पेज पर ही लागू किया जाता है जैसे- Title Tag, Meta Tag, Keyword, Internal Linking, Page Speed, Mobile friendliness, Content Quality, Headers Tag, Image Alt Text, Image Optimization, Navigation, URL Optimization, Schema Markup इत्यादि। ये सभी ऐसे फैक्टर होते है जिसको सर्च इंजन के अनुकूल बनाना होता है और ये सभी अपने पेज पर ही ऑप्टिमाइज़ करना होता है, इसके लिए किसी थर्ड पार्टी पर निर्भर नहीं रहना होता है। इन सभी का इस्तमाल करके और आप अपने ब्लॉग पोस्ट को और ज्यादा प्रभावशाली बना सकते हैं। इससे सर्च इंजन को लगता है की वेबसाइट या पेज हमारे अल्गोरिथम के अनुकूल बनाया गया है जिससे अच्छी रैंकिंग दी जाती है।

ON Page SEO के प्रकार?

ऊपर जो भी फैक्टर का जिक्र किया गया है वे सभी On Page SEO के प्रकार ही है जैसे-

Title Tag: यह किसी वेबसाइट और वेब पेज के लिए दिया जानेवाल टाइटल या कहें तो नाम होता है (जैसे- सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन क्या है) जो सर्च इंजन में शो होता है। यह SEO के नियम के मुताबिक आपके कीवर्ड के अनुकूल बनाया जाना चाहिए साथ ही इसकी लेंथ ज्यादा नहीं होना चाहिए।

Keyword: कीवर्ड का मतलब उस शब्द से होता है जिसे आप टारगेट कर रहें होतें है। SEO के लिहाज से आपको अपनी वेबसाइट के लिए सही कीवर्ड्स का चुनाव करना चाहिए। आपको उन की-वर्ड्स को चुनना चाहिए जो आपके बिजनेस से संबंध हो और लोगों के द्वार सर्च करने के अधिक से अधिक चांस हो। इसके साथ ही आपको अपने कीवर्ड्स को सही जगह पर ऑप्टिमाइज़ करना चाहिए।

Meta Tag: मेटा टैग वेबसाइट के एचटीएमएल कोडिंग के अंदर होता है। मेटा टैग्स का इस्तेमाल करके आप अपनी वेबसाइट के कंटेंट को सर्च इंजन के लिए सही तरीके से ऑप्टिमाइज कर सकते हैं। आपको अपने वेबसाइट के लिए सही मेटा- टाइटल टैग, डिस्क्रिप्शन टैग, और कीवर्ड टैग का चुनाव करना चाहिए।

Content Quality: यह सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है जिसे इग्नोर नहीं कर सकते है क्योंकि अन्य सभी फैक्टर को कितना भी ठीक कर लें परंतु यदि आपके कंटेंट में दम नहीं होगा तो कुछ क्षण के लिए तो रैंक कर भी सकते है पर लांग टर्म के लिए नहीं। इसलिए हमेशा एक यूनिक, बेहतर और सर्च इंजन ऑप्टीमाइज़्ड कंटेंट लोगों के सामने परोसना चाहिए, इससे आपके कंटेंट लोगों को पसंद आएंगे, वे ज्यादा से ज्यादा समय आपके पेज पर बिताएंगे, सकारात्मक कमेंट या सुझाव करेंगे, जो सर्च इंजन को पॉजिटिव सिग्नल देगा, इससे रैंकिंग में बहुत ही ज्यादा मदद मिलेगी।

URL Optimization: URL भी आपके वेबसाइट के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए आपको अपने पेज का यूआरएल को यूजर फ्रेंडली बनाना चाहिए और उसमें कीवर्ड्स का सही इस्तमाल करना चाहिए, साथ ही ध्यान रहे कि यूआरएल को कभी भी ज्यादा लंबी नही बनाना चाहिए।

Internal Linking: इंटरनल लिंकिंग का मतलब होता है कि अपनी एक ही वेबसाइट अलग-अलग पेज के एक पेज से दूसरे पेज पे लिंक करना। ये एक ऐसी फैक्टर है जो आपकी साइट और पोस्ट खुद ही आपके विजिटर को आपके साइट पर बांध कर रखता है तथा कमजोर रैंकिंग वाले पेज को बूस्ट करने का काम करता है। इंटरनल लिंकिंग किया जाना भी SEO के लिहाज से जरूरी होता है। इसमे ध्यान देने वाली बात यह होती है कि एक ही पेज पर बहुत ज्यादा लिंकिंग नहीं करना चाहिए साथ ही केवल फ्रेंडली अर्थात एक-दूसरे से मिलता-जुलता कंटेंट वाली पेज को ही लिंक करना चाहिए।

Mobile friendliness: आज के समय में बहुत से लोग अपने मोबाइल फोन से इंटरनेट एक्सेस करते हैं, इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि आपका वेबसाइट मोबाइल रेस्पॉन्सिव हो। आपकी वेबसाइट डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों पर सही तारिके से दिखाना चाहिए और आसानी से ओपन होना चाहिए।

Page Speed: ये भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर है क्योंकि यदि पेज स्पीड कम होगी तो लोगों को आपकी वेबसाइट खुलने में भी परेशानी होगी तथा सर्च इंजन को भी एक नेगेटिव सिग्नल देगा जससे आपकी रैंकिंग प्रभावित होगी, इसलिए आपके वेबसाइट की स्पीड बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए आपको अपनी वेबसाइट की स्पीड को ऑप्टिमाइज करना चाहिए।

Image Optimization: आपके वेबसाइट पर इमेज भी होनी चाहिए, लेकिन उनको ऑप्टिमाइज करना भी बहुत जरूरी है। आपको इमेज के लिए सही Alt Tag का इस्तमाल करना चाहिए, जिसे सर्च इंजन को पता चले कि आपकी इमेज किस विषय से संबंधित है। साथ ही उसकी साइज ज्यादा नहीं होनी चाहिए क्योंकि यदि साइज ज्यादा होगी तो लोडिंग टाइम बढ़ जाएगा जिससे पेज स्पीड कम हो जाएगी, इसलिए इमेज साइज अर्थात वेट कम रखना चाहिए।

Header Tag: हैडर टैग जो नाम से ही पता चलता है कि यह किसी भी टॉपिक या पैराग्राफ के लिए हेडिंग देने के काम में आता होगा। Heading Tag, H1, H2… से लेकर H6 तक होता है। आपको अपने वेबसाइट के लिए हेडर टैग्स को सही तरीके से ऑप्टिमाइज़ करना चाहिए। H1 Tag का इस्तेमल अपने पेज के मेन हेडिंग के लिए करना चाहिए और H2 Tag का इस्तेमल सबहेडिंग के लिए करना चाहिए। यानी एक सिस्टेमेटिक वे में कंटेंट और पेज को डिज़ाइन करना चाहिए।

Navigation: नेविगेशन यानी आपके पूरे साइट के हर एक पेज पर जाने की रूट या कहें तो रास्ता, जो ज्यादा लेंदी नहीं होना चाहिए। आपकी साइट की नेविगेशन बिल्कुल ही आसान होनी चाहिए ताकि यूजर के साथ-साथ सर्च इंजन के Crawler को भी आपके साइट के अलग-अलग पेज पर जाने में आसानी हो।

Schema Markup: स्कीमा मार्कअप एक Structured Data Vocabulary है जो सर्च इंजनों को आपकी वेबसाइट की जानकारी को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती है। जब सर्च इंजन आपके कंटेंट के पीछे के अर्थ और संबंधों को पहचानते हैं, तो वे Rich Results और Rich Snippets के रूप में भी परिणाम प्रस्तुत करते है।

Image Alt Text: वेबसाइट/ब्लॉग या पेज पर कहीं भी इमेज के लिए Alt Text देना जरूरी होता है क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो सर्च इंजन को उस इमेज के बारे में पता नहीं चल पाता है कि वे इमेज किससे संबंधित है, जो SEO के लिहाज से सही नहीं होता है।

Off Page SEO क्या है?

ऑफ-पेज SEO में वे सभी फैक्टर आते है जो अपने वेबसाइट और वेब पेज के बाहर रैंकिंग में सुधार करने के लिए एसईओ रणनीति को लागु किये जाते है। इन रणनीतियों में अक्सर Link Building (Backlink), Guest Posting, Social Media Marketing, Directory Submission, Guest Posting, Infographic Submission, Video Marketing, Influence Outreach इत्यादि शामिल होता है। ऑफ-पेज एसईओ का लक्ष्य सर्च इंजन और उपयोगकर्ताओं के लिए आपकी साइट को अधिक भरोसेमंद बनाना होता है। ये सभी फेक्टर सर्च इंजन के लिए साईट प्रमोशन की तरह कार्य करता है।

Off Page SEO के प्रकार?

Link Building: ऑफ पेज सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन में लिंक बिल्डिंग का संबंध बैकलिंक्स से है जो आपको दूसरे अलग-अलग वेबसाइट से लेने होते है जो SEO के लिहाज से वेबसाइट के लिए बहुत महत्व पूर्ण है। बैकलिंक्स का मतलब होता है कि दूसरे वेबसाइट्स से आपके वेबसाइट पर लिंक होते हैं। अगर आपके वेबसाइट पर अच्छी क्वालिटी के बैकलिंक होते हैं, तो सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को ज्यादा वैल्यू देती हैं जिससे रैंकिंग में फायदा मिलता है।

Social Media Marketing: आज के समय में मार्केटिंग में सोशल मीडिया का बहुत बड़ा रोल है ऐसे में आपको अपनी वेबसाइट को भी ग्रो कराने के लिए सोशल मीडिया पर प्रमोट करना चाहिए जो एक इफेक्टिव मेथड है। इसके लिए आपको सोशल मीडिया पर अपने कंटेंट को शेयर करना चाहिए और अपने ब्रांड को भी प्रमोट करना चाहिए साथ ही अपने वेबसाइट पर सोशल मीडिया शेयर बटन, सोशल मीडिया फॉलो बटन देना चाहिए।

Directory Submission: डायरेक्टरी सबमिशन एक ऑफ पेज एक्टिविटी है जिसका मतलब होता है कि आप अपनी वेबसाइट को ऑनलाइन Directory Submission Sites पर सबमिट करते हैं। इससे आपके वेबसाइट को बैकलिंक्स मिलते हैं और आपके वेबसाइट की सर्च इंजन रैंकिंग में भी सुधार होता है।

Guest Posting: गेस्ट पोस्टिंग का मतलब होता है कि आप दूसरे वेबसाइट्स पर अपने कंटेंट को पब्लिश करना। हालांकि गेस्ट पोस्टिंग में भी आपकी उद्देश्य होती है बैकलिंक बनाना जो एक गुड हैबिट है क्योंकि वैसे ही सामान्य तोर पर किसी को बेकलिंक के लिए अप्रोच करेंगे तो वे शायद आपको अनुमति नहीं दे, इसलिए आपको गेस्ट पोस्टिंग के लिए अप्रोच करना होता है जिसे बहुत से ब्लॉगर स्वीकार भी करते है। आप अलग-अलग वेबसाइट या ब्लॉग ऑनर को गेस्ट पोस्टिंग के लिए अप्रोच करें जहाँ से आप बेकलिंक भी जेनरेट करें।

Infographic Submission: इन्फोग्राफिक सबमिशन का मतलब होता है कि आप अपनी वेबसाइट के लिए इन्फोग्राफिक्स इमेज क्रिएट करते हैं और उन्हें इन्फोग्राफिक सबमिशन वेबसाइट पर सबमिट करते हैं। ऐसा करने से वेबसाइट के लिए बैकलिंक्स भी जेनरेट होती है जिससे आपके साईट की ट्रैफिक और वैल्यू बड़ने के साथ-साथ आपके बिजनेस के लिए विजिबिलिटी भी बनती है।

Video Marketing: वीडियो मार्केटिंग आजकल बहुत पॉपुलर हो रहा है। आपको अपने बिजनेस के लिए वीडियो बनाकर उन्हें यूट्यूब और दूसरे वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना चाहिए। इससे आपके बिजनेस और साईट की विजिबिलिटी और ट्रस्ट दोनों बनती है।

Influence Outreach: आपको अपने बिजनेस से सम्बंधित इन्फ्लुएंसर से संपर्क करना चाहिए। आपको उनसे संपर्क करके अपने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए अप्रोच करना चाहिए जो डिजिटल मार्केटिंग और ऑफ पेज सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के लिहाज से एक इफेक्टिव तरीका है।

Technical SEO क्या है?

टेक्निकल SEO सर्च इंजनों के लिए एक वेबसाइट को टेक्निकली अनुकूलित करने और यूजर एक्स्प्रिएंस को बेहतर करने की प्रक्रिया है, इसमें वे सभी टेक्निकल अस्पेक्ट आते है जिससे वेबसाइट यूजर फ्रेंडली तथा फ़ास्ट बनता है जैसे- सर्च इंजन के लिए क्रॉलिंग को आसान बनाना और खोज इंजनों के लिए समझने योग्य बनाना, साईट की स्पीड को बढ़ाने के लिए काम करना, नियमित रूप से और सर्च इंजन अपडेट के अनुसार सभी वेब पेज को अपडेट करना जैसे तकनीकी कार्य आते हैं।

इन सभी सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन तकनीकों को अच्छे से लागू करके आप अपनी वेबसाइट की सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन को बेहतर कर सकते हैं और अपने वेबसाइट की सर्च इंजन रैंकिंग को बढ़ा सकते हैं। वैसे SEO Factor केवल इतने में ही सीमित नहीं हो जाती है बल्कि इसकी बहुत ही बड़ी चेकलिस्ट है जिसे रिसर्च करते-करते समझा जा सकता है, हालांकि जो भी महत्वपूर्ण थी उसके बारे में जिक्र किया गया है।

SEO के फायदे?

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के फायदे की बात करें तो इसके हमारे साईट पर बहुत ही प्रभावी असर पड़ते है, जैसे-

Increase Traffic: SEO आपके वेबसाइट के सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार करता है, जिसे आपके वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक आता है।

Cost-effective: एसईओ एक लागत प्रभावी विपणन रणनीति है, जिस्मे आपको विज्ञापन और प्रचार के लिए बहुत कम पैसा खर्च करना पड़ता है।

Better User Experience: SEO आपके वेबसाइट की यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर करता है, जिसे यूजर्स आपके वेबसाइट पर ज्यादा टाइम खर्च करते हैं।

Brand Awareness: SEO आपके ब्रांड की अवेयरनेस को बढ़ाता है, जिसे आपके बिजनेस को और लोग जनने लगते हैं।

Competitive Advantage: अगर आपकी वेबसाइट के लिए एसईओ किया जाता है तो आपके प्रतियोगियों से आपको एक फायदा मिलता है, क्योंकि आपकी वेबसाइट सर्च इंजन रैंकिंग में उनसे ऊपर आती है।

Long-Term Benefits: SEO के फायदे लॉन्ग-टर्म होते हैं, मतलब की एक बार आपके वेबसाइट के लिए SEO किया जाए तो उसका फायदा आपको लंबी अवधि तक मिलता है।

Increased Conversion Rates: एसईओ अनुकूलित वेबसाइट उपयोगकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करती है, जिससे उनके ग्राहकों में परिवर्तित होने की संभावना बढ़ जाती है।

Targeted Traffic: एसईओ के थ्रू आप अपने बिजनेस के लिए टार्गेटेड ट्रैफिक जनरेट कर सकते हैं, जिसे आपके वेबसाइट पर विजिटर्स आते हैं जो आपके प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के लिए इंट्रेस्टेड है।

High ROI: एसईओ आपको अन्य मार्केटिंग रणनीतियों की तुलना में निवेश पर उच्च रिटर्न (आरओआई) प्रदान करता है।

Credibility: अगर आपकी वेबसाइट सर्च इंजन रैंकिंग में अच्छी स्थिति पर है तो आपके बिजनेस की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा बढ़ती है।

इन्हें भी देखें:→

Conclusion (निष्कर्ष):
फ्रेंड हम आशा करते है की हमने Search Engine Optimization के बारे में जो भी इनफार्मेशन दी है वो आपके लिए हेल्पफुल रही होती और आप अच्छी तरह से जान गए होंगे की Search Engine Optimization क्या होता है और यह क्यों जरुरी है। फिर भी किसी प्रकार की कोई कंफ्यूजन रह गयी हो तो कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी प्रतिक्रिया कमेंट के माध्यम से जरुर दें ताकि आपके लिए यह आर्टिकल क्या वैल्यू रखता है का हमें भी पता चल सके। साथ ही अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने सोशल हैंडल पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। इसी प्रकार की कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी से सम्बंधित आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए Comtechinhindi.IN से जुड़े रहें….धन्यवाद् !

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1 Comments
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