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डिजिटल मार्केटिंग क्या है? What is digital marketing in hindi? यहाँ जाने?

आइये जानते है आखिर ये डिजिटल मार्केटिंग होता क्या है?

फ्रेंड्स आज हम सभी का काम करने का तरीका बदल गया है, क्योंकि जब से इन्टरनेट और मोबाइल हर एक लोगों की पहुँच में आ गया है तब से हम में से जिन भी लोगों को कुछ भी जानकारी लेनी होती है तो हमलोग सबसे पहले उसे इन्टरनेट पर ही खोजते है और वे जानकारियाँ कुछ ही क्षणों में मिल भी जाती है. इसके अलावा आज Facebook, Twitter, Instagram, Youtube जैसे सोशल मीडिया से हर एक लोग जुड़े रहते है और उसपर ज्यादा टाइम बिताते है.

जब ज्यादातर लोग किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इन्टरनेट पर ही आते है और यहाँ ज्यादा टाइम बिताते है तो जाहिर सी बात है की यहाँ बहुत से लोग किसी प्रोडक्ट, सर्विसेज, कंपनी, स्कूल, कॉलेज इत्यादि के बारे में जानने के लिए भी आते होंगे.

हम सभी जानते है की कोई भी कंपनी या सर्विस प्रोवाइडर अपने प्रोडक्ट की Reach (लोगों तक पहुँच) बढ़ाने के लिए मार्केटिंग वृहत पैमाने पर करती है जिसके लिए अपने प्रोडक्ट की विज्ञापन, रिव्यु, ट्रायल इत्यादि करवाती है. इसलिए हम सभी को बहुत से जगहों पर जहाँ ज्यादा भीड़ लगती है वहां बहुत सी कंपनियों, स्कूल, कॉलेज, किसी प्रोडक्ट इत्यादि की बड़ी-बड़ी होर्डिंग, बैनर, पेम्पलेट इत्यादि देखने को मिलता है जो विज्ञापन के उदेश्य से ही लगाये गए होते है. ये एक ऑफलाइन मार्केटिंग सिस्टम है.

जबकि हम सभी जान रहे है कि आज ज्यादातर लोग अपना टाइम इन्टरनेट पर बिताते है या कुछ भी चीजों की जानकारी लेनी होती है तो वे इन्टरनेट पर खोजते है, तो सीधी से बात है की यदि उसी होर्डिंग, बैनर, पेम्पलेट का डिजिटल रूप को अगर इन्टरनेट पर ही लगा दिया जाय तो यहाँ भी विज्ञापन हो सकता है, साथ ही यहाँ विज्ञापन से डायरेक्ट बेनिफिट होने की सम्भावना ऑफलाइन के मुकाबले ज्यादा है क्योंकि यहाँ कोई भी लोग उसी विज्ञापन पर केवल एक क्लिक करके उससे सम्बंधित सारी जानकारी बड़े ही आसानी से प्राप्त कर सकता है.

इसी को देखते हुए आज छोटी से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियां भी पुराने ट्रेडिशनल मार्केटिंग सिस्टम से हटकर आज ऑनलाइन अर्थात इन्टरनेट पर आ गयी है. ऐसे में मार्केटिंग टर्म में एक वर्ड ऐसी है जिसके बारे में कई जगह सुनने को मिलता है वो शब्द है डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing), इसे ऑनलाइन मार्केटिंग भी कहा जाता है. पर क्या आपको पता है कि डिजिटल मार्केटिंग क्या होता है, अगर हाँ तो बहुत ही अच्छी बात है, यदि नहीं तो अभी आप जानने वाले है क्योंकि आज हमलोग इस टॉपिक में डिजिटल मार्केटिंग के बारे में ही विश्लेषण करके जा रहे है इसलिए आपसे आग्रह है कि पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें. तो चलिए शुरू करते है....

डिजिटल मार्केटिंग क्या है?

Digital marketing kya hai

अपनी कोई भी प्रोडक्ट और सर्विसेज की डिजिटल साधनो के माध्यम से मार्केटिंग अर्थात ब्रांड प्रमोशन करने की प्रक्रिया को डिजिटल मार्केटिंग कहा जाता है। डिजिटल मार्केटिंग में मदद ली जानेवाली साधनों में इंटरनेट और इन्टरनेट से जुडी चीजें (कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, वेबसाइट, ब्लॉग, सोशल मीडिया इत्यादि) शामिल है. डिजिटल मार्केटिंग का दूसरा नाम ऑनलाइन मार्केटिंग भी है.

डिजिटल मार्केटिंग किसी भी प्रोडक्ट या सर्विसेज को डायरेक्ट टार्गेटेड कस्टमर तक पहुँचाने का एक सबसे बढ़िया तरीका है, इसमें ROI (Return On Investment) भी अच्छा मिलता है. डिजिटल मार्केटिंग नए कस्टमर तक अपनी प्रोडक्ट या सर्विसेज को पहुँचाने का एक सरल तरीका है.

रेडियो, टेलीविज़न पर दिखाए और सुनाये जानेवाले विज्ञापन भी एक डिजिटल मार्केटिंग ही है क्योंकि ये विज्ञापन भी डिजिटल माध्यम से ही होते है, परन्तु इसमें कस्टमर एक्टिविटीज को एनालिसिस कर पाना संभव नहीं है, जबकि वे डिजिटल मार्केटिंग जो ऑनलाइन इन्टरनेट के माध्यम से किये जा रहे हो उसमे कस्टमर के एक्टिविटीज को एनालिसिस कर पाना संभव है. साथ ही इसका कण्ट्रोल भी एडवरटाइजर के पास ही होता है.

डिजिटल मार्केटिंग कैसे होती है?

वैसे तो डिजिटल मार्केटिंग के कार्यों को जो मैनेज करने का काम करता है उसे डिजिटल मर्केटर (Digital Marketer) कहा जाता है. डिजिटल मर्केटर को डिजिटल मार्केटिंग के बारे में अच्छी नॉलेज होती है क्योंकि वे एक प्रोफेशनल डिजिटल मर्केटर होते है. आज बहुत सी कंपनियां भी है जो डिजिटल मार्केटिंग सर्विस प्रदान करती है. ऐसे कंपनियों के पास एक से के डिजिटल मर्केटर एक्सपर्ट मोजूद होते है जो टीम में काम करते है.

कोई भी डिजिटल मार्केटिंग कंपनी या डिजिटल मर्केटर किसी कंपनी या सर्विस प्रोवाइडर की डिजिटल मार्केटिंग की जिम्मेदारी उठाती है तो वे उस कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस को लोगों तक पहुँचाने के लिए एक विज्ञापन के तौर पर इन्टरनेट पर अलग-अलग तरह से अलग-अलग प्लेटफार्म पर कई तरह के प्रमोशन कैंपेन चलाती जैसे-
  • Google जैसे Search Engine पर Ads दिखाना....
  • Social Media (Facebook, Instagram, Twitter Etc.) पर Ads दिखाना....
  • Video Platform (Youtube, Facebook Watch, Dailymotion Etc.) पर Ads दिखाना....
  • Sponsorship और Guest Posting के द्वारा अपने Product का प्रचार करना....
  • Email के द्वारा Marketing करना....
  • Affiliate Marketing करना....
  • Blogging करके प्रोडक्ट की Review करना....
हालाँकि ये सभी प्रमोशन मेथड मार्केटिंग कराये जानेवाली कंपनी के द्वारा लगाये जानेवाले मार्केटिंग बजट पर निर्भर करता है. कोई भी कंपनी अपने प्रोडक्ट या सर्विस का प्रमोशन किस-किस प्लेटफार्म पर कराएगी यह कंपनी के ऊपर ही निर्भर करता है.

डिजिटल मार्केटिंग कितने प्रकार के होते है?

अलग-अलग तरह के मार्केटिंग मेथड तथा कार्य के आधार पर इसे कई भागों में बाँट दिया गया है जैसे....

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (Search Engine Optimization):

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन एक ऐसा तरीका है जिसके तहत किसी कंपनी के ब्लॉग या वेबसाइट को सर्च इंजन (Google) के रैंकिंग लिस्ट में बेहतर स्थानों पर लाने की कोशिश किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा यूजर उस ब्लॉग या वेबसाइट पर विजिट करें जिससे लीड जनरेट हो. यह एक फ्री तरीका होता है.
हालाँकि इसमें Paid तरीका का भी इस्तेमाल किया जाता है जिसके लिए पैसे देकर Advertisement चलाकर ब्लॉग या वेबसाइट को सर्च इंजन के टॉप में दिखाया जाता है.

PPC एडवरटाइजिंग (PPC Advertising):

PPC का पूरा नाम होता है Pay Per Click, यह विज्ञापन का एक तरीका है जिसमे पैसे देकर अपने ब्रांड या प्रोडक्ट का प्रमोशन सर्च इंजन, वेबसाइट, ब्लॉग आदि पर विज्ञापन दिखाकर किया जाता है. इसमें प्रत्येक क्लिक के पैसे चुकाने पड़ते है. इसमें एडवरटाइजर को पैसे कितने चुकाने पड़ेंगे यह CPC अर्थात Cost Per Click पर निर्भर करता है.

सर्च इंजन मार्केटिंग (Search Engine Marketing):

सर्च इंजन मार्केटिंग अपने वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा विजिटर लाने के लिए किया जाता है इसलिए इसमें भी ठीक सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के Paid वाला मेथड यूज़ किया जाता है.

सोशल मीडिया मार्केटिंग (Social Media Marketing):

सोशल मीडिया मार्केटिंग के तहत Facebook, Instagram, Twitter, Youtube इत्यादि जैसे सोशल साईट पर पेड अर्थात पैसे देकर एडवरटाइजिंग करके अपने ब्रांड या प्रोडक्ट का प्रमोशन किया जाता है. हालाँकि इसमें भी कुछ फ्री मेथड का इस्तेमाल किया जाता है पर 100% Successful मेथड Paid वाला ही है.

ईमेल मार्केटिंग (Email Marketing):

ईमेल मार्केटिंग के तहत सबसे पहले एक बड़ी सी ईमेल लिस्ट तेयार किया जाता है और सभी को एक साथ किसी प्रोडक्ट या सर्विस का प्रमोशनल ईमेल भेजा जाता है.

एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing):

एफिलिएट मार्केटिंग में कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट या सर्विस का प्रमोशन करने का मोका किसी दुसरे पार्टी देती है, इसके तहत जो भी एफिलिएट मार्केटिंग ज्वाइन करके अपने ब्लॉग, सोशल साईट या किसी अन्य माध्यम पर उस कंपनी के प्रोडक्ट का प्रमोशन करता है उसे बदले में Conversion के अनुसार Commission दिया जाता है.

कंटेंट मार्केटिंग (Content Marketing):

कंटेंट मार्केटिंग के तहत टार्गेटेड ऑडिएंस को अपनी और खींचकर रखने के लिए अर्थात अपना कस्टमर बनाने के लिए इन्टरनेट पर Blog Post, eBook, Video, Podcasting जैसे कंटेंट को डाला जाता है जिससे लोगो की हेल्प या मनोरंजन भी होती है और कंपनी का फायदा भी. यह ऑडिएंस को अपनी और आकर्षित रखने का एक तरीका है.

इन्हें भी देखें:→

डिजिटल मार्केटिंग क्यों जरुरी है?

हम सभी जानते है की किसी भी बिज़नस को ग्रो करवाने में तथा अपनी एक पोपुलर ब्रांड बनाने में मार्केटिंग अहम् भुमाकी निभाती है क्योंकि कम्पटीशन के इस दौर में कोई बिज़नस वृहत पैमाने पर तभी ग्रो कर सकता है जब उसी मार्केटिंग अच्छी से की जाय.

बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए किसी भी माध्यम से चाहे टेलीविज़न विज्ञापन की बात हो या रोड पर लगे होर्डिंग, बैनर इत्यादि की, इनके लिए मार्केटिंग कराना आसान बात ही होता है क्योंकि बड़ी कंपनियों की बजट ज्यादा होती है. परन्तु एक छोटी कंपनी, सर्विस प्रोवाइडर या नए स्टार्टअप के लिए मार्केटिंग एक बड़ी बात होती है क्योंकि इनकी बजट कम होती है.

आज चाहे बड़ी कंपनी की बात हो या छोटी कंपनी की टेलीविज़न विज्ञापन और होर्डिंग, बैनर इत्यादि तरह की मार्केटिंग पालिसी उतनी बेनिफिट नहीं दे पाती है जितनी डिजिटल मार्केटिंग से लिया जा सकता है.

जैसा की हम सभी देख रहे है कि कुछ सालों से लोगों का रुझान इन्टरनेट की तरफ ज्यादा बढ़ गया है, ऐसे में वो पुरानी ट्रेडिशनल ऑफलाइन मार्केटिंग सिस्टम कंपनी को उतना फायदा नहीं दे पाती है जितना कंपनी का गोल होता है, क्योंकि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होता जा रहा है वैसे-वैसे लोगों का कार्य करने का तरीका भी बदलता जा रहा है. आज ज्यादातर लोग किसी भी प्रोडक्ट के बारे में इनफार्मेशन पहले इन्टरनेट पर ही सर्च करते है.

इसलिए आज जरुरी हो गया है की अपने बिज़नस मॉडल में मार्केट सिस्टम को भी डिजिटल कर दिया जाय. आज लोग इन्टरनेट पर ज्यादा समय बिताते है प्लेटफार्म चाहे कोई भी हो, इसलिए इन्टरनेट लोगो के साथ डायरेक्ट इंटरेक्ट करने का एक बढ़िया सोर्स बन चूका है. यहाँ पर अपनी प्रोडक्ट या सर्विस की रीच बड़े ही आसानी से बढाया जा सकता है.

जब इ-कॉमर्स की बात हो तो डिजिटल मार्केटिंग कैसे पीछे रह सकता है. आज हर एक कंपनी अपनी प्रोडक्ट की सेल ऑनलाइन करना चाहती है जिस कारन इनके लिए तो डिजिटल मार्केटिंग से बेहतर कोई मार्केटिंग विकल्प हो ही नहीं सकता क्योंकि उदहारण के तोर पर अगर कोई xyz नाम की कंपनी अपने प्रोडक्ट की Facebook Ads चला राखी है और हमें वो Ads फेसबुक पर दिखा और हम उसपर क्लिक किये और पहुँच गए उसके साईट पर फिर खरीद लिए वो प्रोडक्ट. बस दो क्लिक में सारा खेल समाप्त.

डिजिटल मार्केटिंग के तहत किसी एक प्रोडक्ट का विज्ञापन भी हम वैसे लोगो को दिखा सकते है जो उस प्रोडक्ट की खोज कर रहा हो. क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग के लिए जो भी प्लेटफार्म होते है वे हर एक यूजर के एक्टिविटीज का रिकॉर्ड रखता है इसलिए कस्टमर टारगेट कर पाना आसान होता है.

डिजिटल मार्केटिंग सिस्टम हर तरह के छोटे बड़े कंपनी, फर्म, सर्विस प्रोवाइडर, दुकानदार इत्यादि को अपना बिज़नस को आगे ले जाने का मोका देती है. इसमें बजट भी अपने क्षमता के आधार पर लगाया जा सकता है और जब चाहे कैंपेन चलाया जा सकता है. साथ ही डिजिटल मार्केटिंग के अंतर्गत बहुत ऐसे भी साधन है जिसकी मदद से फ्री मार्केटिंग की जा सकती है.

डिजिटल मार्केटिंग के फायदे तथा विशेषताएं?

  • डिजिटल मार्केटिंग के फायदे की बात करे तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है की इस तरह की मार्केटिंग सिस्टम में हम उस कस्टमर तक डायरेक्ट पहुँच जाते है जैसी हमारी प्रोडक्ट है.
  • डिजिटल मार्केटिंग सिस्टम में इन्वेस्टमेंट पर अच्छा रिटर्न भी मिलने का चांसेस रहता है.
  • डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम नए बिज़नस को भी कम समय में ग्रो करवाया जा सकता है.
  • डिजिटल मार्केटिंग को अपनाकर नए कस्टमर तक अपनी प्रोडक्ट या सर्विसेज बहुत ही आसानी से पहुँचाया जा सकता है.
  • इसमें प्रोडक्ट के बारे में कस्टमर से फीडबैक लेना भी आसन होता है जिसके आधार पर प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर नजर रखा जा सकता है.
  • इस मार्केटिंग प्रणाली में कुछ ही दिनों में ग्राहकों की फीडबैक तथा एक्टिविटीज के आधार पर ग्राहकों की रुझानो को समझा जा सकता है जिसके आधार पर आगे की मार्केटिंग सिस्टम में बदलाव भी किया जा सकता है.
  • डिजिटल मार्केटिंग में कोई भी छोटी या बड़ी कंपनी, सर्विस प्रोवाइडर, दुकानदार इत्यादि इवेंट आधारित कैंपेन चला सकती है और अच्छी लीड प्राप्त कर सकती है.
  • डिजिटल मार्केटिंग प्रणाली में ऑफलाइन मार्केटिंग की तुलना में मार्केटिंग का बजट भी कम उठता है. साथ ही इसमें मार्केटिंग पर पूरा कण्ट्रोल कंपनी के पास होता है.

डिजिटल मार्केटिंग में कैरिएर?

जैसा की अब हम सभी जान चुके है कि आज हर एक छोटी से लेकर बड़ी कंपनी, सर्विस प्रोवाइडर, दुकानदार के लिए मार्केटिंग करना आसान हो गया है तो जाहिर सी बात है की Competition के इस दौर में सब कोई अपने ब्रांड या प्रोडक्ट का प्रमोशन डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से करवाना चाहेगी.

ऐसे में यदि Carrier की बात हो तो इस फील्ड में काफी स्कोप दिख रहा है और अंदाजा लगाया जा रहा है की भविष्य में डिजिटल मार्केटिंग सेक्टर और भी ग्रो करेगी इसलिए Digital Marketer की डिमांड बढ़ने वाली है.

आज भी बहुत से लोग है जो इस फील्ड में अपना Carrier बना चुके है. और आगे जो भी लोग इस फील्ड में आना चाह रहे है उनके लिए शायद ये एक बेहतरीन Carrier option होगा.

आप डिजिटल मार्केटिंग के फील्ड में इन पदों पर नौकरी पा सकते हैं: डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर, कंटेंट मार्केटिंग मैनेजर, सोशल मीडिया मार्केटिंग स्पेशलिस्ट, वेब डिजाइनर, ऐप डेवलपर, कंटेट राइटर, सर्च इंजिन मार्केटर, इनबाउंड मार्केटिंग मैनेजर, एसईओ एग्जीक्यूटिव आदि.

वैसे इस फील्ड में Job Opportunities के साथ-साथ Other Source से भी इनकम करने का अच्छा मोका मिलाता है जिसमे अच्छी कमाई भी हो जाती है. जैसे- Blogging, Affiliate Marketing, Freelancing, E-Commerce Business Etc.

हालाँकि डिजिटल मार्केटिंग भी कोई आसान फील्ड नहीं है क्योंकि एक Expert लेवल पर पहुँचने के लिए बहुत सारी चीजों की जानकारी लेनी पड़ती है और हमेशा अपडेटेड रहना पड़ता है. तभी कोई एक सक्सेसफुल डिजिटल मर्केटर बन पता है.
 

Conclusion (निष्कर्ष):
हमें उम्मीद है की हमारे द्वारा डिजिटल मार्केटिंग के बारे में लिखी गयी इस आर्टिकल से आपको बहुत अच्छी जानकारी मिली होगी, फिर भी किसी प्रकार की कोई समस्या रह गयी हो तो कमेंट के माध्यम से बेझिझक पूछ सकते है. यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरुर दें क्योंकि आपकी फीडबैक हमारे लिए महत्वपूर्ण है और वास्तव में यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में एक शेयर जरुर करें. इसी प्रकार की और भी Knowledgeable आर्टिकल पढने के लिए Comtechinhindi.IN से जुड़े रहे. धन्यवाद!

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