ई-रुपी क्या है? What is e-RUPI in hindi ? आइये समझते है यहाँ e-RUPI के कांसेप्ट को?
फ्रेंड्स जैसा की हम सब जान रहे है कि भारत सरकार डिजिटल इंडिया मिशन के तहत हर तरह के फंड ट्रान्सफर में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रही है और तकनीक का सहारा लेकर अवैध गतिविधि को रोकने का प्रयास कर रही है। ऐसे में इसी के लिहाज से 2 अगस्त 2021 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक नई डिजिटल पेमेंट सिस्टम लॉन्च किया है जिसका नाम है ‘ई-रुपी' (e-RUPI ) जो एक इलेक्ट्रॉनिक वाउचर (e-voucher) आधारित Person & Purpose Specific Digital Payment Solution है। पर क्या आपको पता है कि ये e-RUPI क्या है?, e-RUPI का उद्देश्य क्या है?, e-RUPI कैसे काम करता है?, e-RUPI के फायदे क्या है?, अगर ऐसे ही सवालों के जबाब को ढूंढते हुए यहाँ तक आये है तो आप सही जगह है क्योंकि आज हमलोग इस टॉपिक में e-RUPI के बारे में ही विश्लेषण करने जा रहे है, तो चलिए शुरू करते है....
ई-रुपी क्या है? e-RUPI kya hai?
ई-रुपी डिजिटल इंडिया के तहत विकसित किया गया ई-वाउचर आधारित कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस डिजिटल पेमेंट सिस्टम है जिसको नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपने UPI प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है।
ई-रूपी कोई डिजिटल करेंसी नहीं है बल्कि यह QR Code अथवा SMS String आधारित ई-वाउचर पेमेंट सिस्टम है जो एक प्रीपेड वाउचर की तरह कार्य करता है, जिसका जिस भी योजनाओं में इम्प्लीमेंट किया जायेगा उसमे दिए जा रहे फन्ड या सब्सिडी Cash (नकदी) अथवा Digital Money के रूप में ना देकर एक स्पेसिफिक यानि विशिष्ट उद्देश्य से QR Code अथवा SMS String के रूप में ई-वाउचर (डिजिटल वाउचर) लाभार्थी के मोबाइल पर दिया जायेगा जिसका इस्तेमाल टार्गेटेड होगा और लाभ केवल उसी व्यक्ति विशिष्ट को मिलेगा जिसको दिया जाना है।
ई-रूपी पेमेंट सिस्टम के तहत लाभार्थी बिना बैंक खाता, डेबिट कार्ड, डिजिटल पेमेंट एप या इंटरनेट बैंकिंग के ही वाउचर की राशि को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
साधारण शब्दों में कहें तो ई-रूपी एक गिफ्ट वाउचर की तरह है जिसको फिलहाल कुछ चुनिंदा बैंक जिनसे NPCI का Tie Up होगा वही जारी करेगी जिसका कण्ट्रोल NPCI के पास होगा और जहाँ यह स्वीकार होगा वहाँ ही इससे भुगतान कराया जा सकता है। आने वाले समय में बहुत सारे बैंक और आर्गेनाइजेशन इससे जुड़कर जारी और भुगतान करने में सक्षम होने की उम्मीद है।
ई-रूपी कोई डिजिटल करेंसी नहीं है बल्कि यह QR Code अथवा SMS String आधारित ई-वाउचर पेमेंट सिस्टम है जो एक प्रीपेड वाउचर की तरह कार्य करता है, जिसका जिस भी योजनाओं में इम्प्लीमेंट किया जायेगा उसमे दिए जा रहे फन्ड या सब्सिडी Cash (नकदी) अथवा Digital Money के रूप में ना देकर एक स्पेसिफिक यानि विशिष्ट उद्देश्य से QR Code अथवा SMS String के रूप में ई-वाउचर (डिजिटल वाउचर) लाभार्थी के मोबाइल पर दिया जायेगा जिसका इस्तेमाल टार्गेटेड होगा और लाभ केवल उसी व्यक्ति विशिष्ट को मिलेगा जिसको दिया जाना है।
ई-रूपी पेमेंट सिस्टम के तहत लाभार्थी बिना बैंक खाता, डेबिट कार्ड, डिजिटल पेमेंट एप या इंटरनेट बैंकिंग के ही वाउचर की राशि को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
साधारण शब्दों में कहें तो ई-रूपी एक गिफ्ट वाउचर की तरह है जिसको फिलहाल कुछ चुनिंदा बैंक जिनसे NPCI का Tie Up होगा वही जारी करेगी जिसका कण्ट्रोल NPCI के पास होगा और जहाँ यह स्वीकार होगा वहाँ ही इससे भुगतान कराया जा सकता है। आने वाले समय में बहुत सारे बैंक और आर्गेनाइजेशन इससे जुड़कर जारी और भुगतान करने में सक्षम होने की उम्मीद है।
नोट- ई-रूपी Issuer और Acquirer पार्टनर बैंक के बारे में जानकारी NPCI के वेबसाइट से ले सकते है।
ई-रूपी का उद्देश्य?
इसका मुख्य उद्देश्य Targeted, Transparent तथा Leakage free पेमेंट सिस्टम प्रदान करना तथा सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के दुरुपयोग को रोकना है। इसके तहत डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा और बिचोलिया मुक्त आम नागरिक तक योजनाओं का लाभ पहुँचाना संभव होगा।
जैसा की भारत सरकार का कहना है की यह Person & Purpose Specific Digital Payment Solution है, इसका मतलब है कि किसी भी योजना के तहत ई-रूपी के माध्यम से जिस व्यक्ति को जिस उद्देश्य से फन्ड या सब्सिडी सहायता दिया जायेगा वह फन्ड या सब्सिडी वही व्यक्ति उसी कार्य के लिए उपयोग कर पायेगा जिस कार्य के लिए वह फंड या सब्सिडी दिया जायेगा।
इसके जरिए यह सुनिश्चित होगा कि जिस योजनाओं के तहत जिस व्यक्ति को लाभ या सहायता दिया जा रहा है वह लाभ उस व्यक्ति तक पहुँच गया और उसका गलत उपयोग नहीं हुआ है।
जैसा की भारत सरकार का कहना है की यह Person & Purpose Specific Digital Payment Solution है, इसका मतलब है कि किसी भी योजना के तहत ई-रूपी के माध्यम से जिस व्यक्ति को जिस उद्देश्य से फन्ड या सब्सिडी सहायता दिया जायेगा वह फन्ड या सब्सिडी वही व्यक्ति उसी कार्य के लिए उपयोग कर पायेगा जिस कार्य के लिए वह फंड या सब्सिडी दिया जायेगा।
इसके जरिए यह सुनिश्चित होगा कि जिस योजनाओं के तहत जिस व्यक्ति को लाभ या सहायता दिया जा रहा है वह लाभ उस व्यक्ति तक पहुँच गया और उसका गलत उपयोग नहीं हुआ है।
ई-रूपी पेमेंट सिस्टम कैसे काम करता है?
जैसा की हम सब जान चुके है की यह Person & Purpose Specific Digital Payment Solution है और इसमें लाभ या सहायता कैश या डिजिटल मनी के रूप में ना देकर एक डिजिटल वाउचर के रूप में देगी और वो वाउचर भी केवल उसी कार्य के लिए भुगतान हो सकेगा जिस कार्य के लिए वाउचर दिया जायेगा।
ई-रुपी मूल रूप से एक प्रीपेड डिजिटल वाउचर है जो एक लाभार्थी को उसके फोन पर QR Code अथवा SMS String के रूप में मिलता है जिसे इसको स्वीकार करने वाले केंद्र पर जाकर उसका उपयोग कर सकता है।
उदहारण के तौर पर इस प्रकार से समझ सकते है की यदि गवर्मेंट किसी व्यक्ति को इलाज हेतु सहायता वहन करना चाहती है तो हो सकता है की कहीं उस पैसे को रिलीज़ करने के लिए कोई घुस मांगे इसके अलावा ये भी हो सकता है की वो व्यक्ति उस पैसे को कुछ इलाज में खर्च कर ले और कुछ बचा ले और उसका व्यर्थ खर्च कर ले, इसलिए इससे बचने के लिए और सहायता फंड का केवल वास्तविक खर्च करने के लिए गवर्मेंट पैसे ना देकर उतने ही पैसे का उस व्यक्ति के नाम से बैंकों के माध्यम से एक वाउचर जारी कराएगी और उक्त व्यक्ति के मोबाइल पर QR Code अथवा SMS String के रूप में भेज दिया जायेगा, जिसका इस्तेमाल वह निर्दिष्ट अस्पताल में जाकर उसकी सेवाओं का लाभ उठायेगा और अपने फोन पर प्राप्त ई-रुपी वाउचर से भुगतान कर सकेगा बांकी जगह वह वाउचर मान्य नहीं होगा, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा और सरकारी धन का जायज और वास्तविक खर्च होगा साथ ही इससे सीधा लाभ उसी व्यक्ति विशेष को मिल पायेगा।
यदि किसान को उर्वरक खरीदने के सरकार बैंकों के माध्यम से वाउचर प्रदान कराती है वो वह वाउचर केवल उर्वरक वितरण केन्द्रों पर ही मान्य होगा।
इसी तरह यदि कोई सरकारी अथवा प्राइवेट कंपनी अपने कर्मचारी के लिए खाना के लिए फंड देती है तो कंपनी के द्वारा उसका पैसा ना देकर बैंक द्वारा वाउचर जारी करवा देगी जिसका उपयोग कोई भी कर्मचारी केवल खाना खाने के लिए ही कर पायेगी।
इस तरह से जाहिर सी बात है की हर एक सेक्टर में जिस भी योजना में ई-रूपी का इम्प्लीमेंट किया जायेगा उसमे धोखाधड़ी और पैसे का दुरूपयोग रुकेगा।
ई-रुपी मूल रूप से एक प्रीपेड डिजिटल वाउचर है जो एक लाभार्थी को उसके फोन पर QR Code अथवा SMS String के रूप में मिलता है जिसे इसको स्वीकार करने वाले केंद्र पर जाकर उसका उपयोग कर सकता है।
उदहारण के तौर पर इस प्रकार से समझ सकते है की यदि गवर्मेंट किसी व्यक्ति को इलाज हेतु सहायता वहन करना चाहती है तो हो सकता है की कहीं उस पैसे को रिलीज़ करने के लिए कोई घुस मांगे इसके अलावा ये भी हो सकता है की वो व्यक्ति उस पैसे को कुछ इलाज में खर्च कर ले और कुछ बचा ले और उसका व्यर्थ खर्च कर ले, इसलिए इससे बचने के लिए और सहायता फंड का केवल वास्तविक खर्च करने के लिए गवर्मेंट पैसे ना देकर उतने ही पैसे का उस व्यक्ति के नाम से बैंकों के माध्यम से एक वाउचर जारी कराएगी और उक्त व्यक्ति के मोबाइल पर QR Code अथवा SMS String के रूप में भेज दिया जायेगा, जिसका इस्तेमाल वह निर्दिष्ट अस्पताल में जाकर उसकी सेवाओं का लाभ उठायेगा और अपने फोन पर प्राप्त ई-रुपी वाउचर से भुगतान कर सकेगा बांकी जगह वह वाउचर मान्य नहीं होगा, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा और सरकारी धन का जायज और वास्तविक खर्च होगा साथ ही इससे सीधा लाभ उसी व्यक्ति विशेष को मिल पायेगा।
यदि किसान को उर्वरक खरीदने के सरकार बैंकों के माध्यम से वाउचर प्रदान कराती है वो वह वाउचर केवल उर्वरक वितरण केन्द्रों पर ही मान्य होगा।
इसी तरह यदि कोई सरकारी अथवा प्राइवेट कंपनी अपने कर्मचारी के लिए खाना के लिए फंड देती है तो कंपनी के द्वारा उसका पैसा ना देकर बैंक द्वारा वाउचर जारी करवा देगी जिसका उपयोग कोई भी कर्मचारी केवल खाना खाने के लिए ही कर पायेगी।
इस तरह से जाहिर सी बात है की हर एक सेक्टर में जिस भी योजना में ई-रूपी का इम्प्लीमेंट किया जायेगा उसमे धोखाधड़ी और पैसे का दुरूपयोग रुकेगा।
ई-रूपी का उपयोग कहाँ-कहाँ किया जायेगा?
जैसा की जानकारी मिल पा रही है उसके आधार पर कहें तो इसका उपयोग फिलहाल गवर्मेंट सेक्टर के मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जायेगा।
साथ ही ई-रूपी पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल केवल सरकारी योजनाओं में ही नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल निजी क्षेत्र में भी कोई कंपनी या आर्गेनाइजेशन अपने कर्मचारी या किसी विशेष सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों में कर सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में ई-रुपी का उपयोग व्यापक होने की उम्मीद है।
साथ ही ई-रूपी पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल केवल सरकारी योजनाओं में ही नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल निजी क्षेत्र में भी कोई कंपनी या आर्गेनाइजेशन अपने कर्मचारी या किसी विशेष सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों में कर सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में ई-रुपी का उपयोग व्यापक होने की उम्मीद है।
ई-रूपी के फायदे?
ई-रूपी के फायदे की बात करें तो इसके कई फायदे हो सकते है जैसे -
- इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा तथा फ्रॉड की गुंजाईश नहीं रहेगी।
- वाउचर भुगतान को जारीकर्ता द्वारा ट्रैक किया जा सकता है और होनेवाले खर्च पर नजर रखा जा सकता है।
- इस पेमेंट सिस्टम में किसी भी सरकारी अथवा प्राइवेट योजनाओं में त्वरित, सुरक्षित और संपर्क रहित वाउचर वितरण करके संस्था के कर्मचारी अथवा नागरिकों को लाभ दिया जा सकता है।
- ई-रूपी पेमेंट सिस्टम में वाउचर को भुगतान कराने वाले उपभोक्ता के पास किसी भी तरह का डिजिटल पेमेंट एप्लीकेशन या बैंक खाता होने की आवश्यकता नहीं है।
- इसके तहत नागरिक को सरकार या किसी आर्गेनाइजेशन द्वारा दिया जानेवाला फंड का पूरा-पूरा लाभ मिल पायेगा।
- सरकार की योजनाओं का उदेश्य पूरा होगा तथा सरकारी धन का वास्तविक खर्च होगा।
- जिस भी योजना में इसका इम्प्लीमेंट किया जायेगा वह योजना बिचोलिया मुक्त हो जायेगा।
- गरीबों को अपना वास्तविक लाभ मिलने में कठिनाई नहीं होगी, इत्यादि....
इन्हें भी देखें:→
Conclusion (निष्कर्ष):
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढने के बाद आपको e-RUPI के बारे में सारी जानकारी मिल पाई होगी फिर भी किसी प्रकार का कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से बेझिझक पूछ सकते है। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरुर दें क्योंकि आपकी फीडबैक ही इस साईट पर अपलोड की जानेवाली सारी आर्टिकल की गुणवत्ता निर्भर करता है. साथ ही अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में अधिक से अधिक इसे शेयर करें. Comtechinhindi.IN से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद!