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फ़ास्टैग क्या है? Fastag kya hai? जानिए बिलकुल आसान भाषा में?

फ़ास्टैग क्या होता है? What is fastag in hindi? आइये करते है फ़ास्टैग के बारे में विश्लेषण हिंदी में?

फ्रेंड्स हम सभी को पता है की भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) पर दो पहिया और तीन पहिया वाहन को छोड़कर हर तरह के वाहन को चलने के लिए एक निश्चित दुरी के बाद टैक्स देना पड़ता है जिसे टोल टैक्स कहा जाता है, जिसके लिए जगह-जगह पर टैक्स वसूलने के लिए टोल प्लाजा बनाये गए होते है, जिससे होकर गुजरने के दोरान आपको निर्धारित टोल टैक्स देना पड़ता है. हालाँकि ये टोल टैक्स की राशि पहले टोल प्लाजा पर Cash के रूप में लिया जाता था जिसमे जाम, धोखाधड़ी, लूट-पाट जैसे कई तरह की परेशानियाँ थी जिस कारण इससे निपटने के लिए National Electronic Toll Collection (NETC) सिस्टम को लाया गया है जिसका नाम Fastag दिया गया है.

आपको पता होना चाहिए की इसकी शुरुआत 2016 में की गयी थी पर उस वक्त ये सुविधा हर एक टोल प्लाजा पर उपलब्ध नहीं होने के कारन इसकी अनिवार्यता नहीं थी, परन्तु अब 15 फरवरी 2021 से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार (NHAI) द्वारा पुरे देश में दो पहिया वाहन को छोड़कर हर एक वाहन के लिए Fastag अनिवार्य कर दिया है.

ऐसे में क्या आपको पता है की Fastag क्या है, Fastag कैसे कार्य करता है, Fastag कहाँ से लें. अगर ऐसे ही सवाल आपके मन में है तो आप सही जगह है क्योंकि आज हमलोग इस टॉपिक में फ़ास्टैग के बारे में ही चर्चा करने जा रहे है, तो चलिए शुरू करते है....

फ़ास्टैग क्या है? Fastag kya hai?
FAStag kya hai

Fastag भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई National Electronic Toll Collection (NETC) सिस्टम के तहत सभी गाड़ियों पर लगाने वाला एक टैग है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी (RFID) पर आधारित कार्य करता है.
National Electronic Toll Collection (NETC) सिस्टम, NPCI- National Payment Corporation Of India के द्वारा Developed किया गया है।

Fastag रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करके टोल कलेक्शन सिस्टम में मानवीय हस्तक्षेप को समाप्त करके ऑटोमेटिकली टोल टैक्स लेने की एक डिजिटल तकनीक है, जो नेशनल हाईवे पर गाड़ी चालक को टोल प्लाजा पर कैशलेस और बिना रुके टोल टैक्स देने की सुविधा देता है. इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए प्रत्येक गाड़ी मालिक को निर्धारित शुल्क देकर Fastag लेना पड़ता है, फिर आप अपने अनुसार फ़ास्टैग को रिचार्ज कराकर उपयोग में ले सकते है.

Fastag तकनीक के तहत टोल प्लाजा पर लगने वाले टैक्स देने के लिए मैनुअली कुछ भी नहीं करना पड़ता है बल्कि टोल प्लाजा पार करते ही फ़ास्टैग के खाते से ऑटोमेटिकली टैक्स कट जाता है.

फ़ास्टैग कैसे काम करता है?
How FAStag work in hindi

हम सभी जान चुके है की Fastag रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर कार्य करता है, ऐसे में इसकी पूरी वोर्किंग कांसेप्ट को समझने का प्रयास करें तो इसमें मुख्य रूप से दो भाग होगे है जिनमे से एक Transmitter और एक Receiver, ट्रांसमीटर Fastag के रूप में गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगायी जाती है जो एक स्टीकर के सामान होता है जिसमे गाड़ी के बारे में सारी जानकारी सुरक्षित रहती है और रिसीवर टोल प्लाजा के पास गेट के ऊपर लगी होती है जो हमेशा रेडियो फ्रीक्वेंसी छोडती है.

अब होता कुछ यूँ है की जब कोई गाड़ी टोल प्लाजा की गेट पास करती है तो ऊपर लगी Receiver की Radio Frequency के कवरेज में जैसे ही गाड़ी आती है तो Tag की इनफार्मेशन रिसीवर द्वारा डिटेक्ट करके Identify कर ली जाती है फिर रिसीवर उस डाटा को आगे भेज देती है और NCPI के बनाये गए अल्गोरिथम के अनुसार फ़ास्टैग प्रीपेड अकाउंट से पैसा कट जाती है.

👉रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) क्या होता है, जानने के लिए यहाँ क्लिक करें....

फ़ास्टैग कैसे बनता है, फ़ास्टैग कैसे प्राप्त करें?

जैसा की हम सभी जान चुके है की 15 फरवरी 2021 से सभी गाड़ियों के लिए फ़ास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है तो सीधी सी बात है की सभी गाड़ी मालिक को अपने गाड़ी के लिए एक Fastag रजिस्टर कारना होगा इसके लिए आपके पास कई आप्शन मोजूद है.

आप देश के लगभग सभी बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंक जैसे SBI, ICICI, HDFC, AXIS BANK इत्यादि को मिलकर वर्तमान में 31 Bank Fastag की सुविधा दे रही है, वहाँ से ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन करके फास्टैग मंगवा सकते है. Bank की लिस्ट आप NCPI की वेबसाइट पर आप देख सकते है।

आप Amazon या Paytm से भी Fastag खरीद सकते है जिनमे से Paytm Fastag काफी पॉपुलर है. वर्तमान में लगभग 100 में से 45% Paytm Fastag ही यूज़ किया जा रहा है।

इसके अलावा आप Fastag को नेशनल हाइवे टोल प्लाजा, रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस, कॉमन सर्विस सेंटर और पेट्रोल पंपों के 28,000 प्वाइंट ऑफ सेल लोकेशन यानी (POS) से ले सकते हैं.

फ़ास्टैग खरीदने के लिए आपको KYC डॉक्यूमेंट, आरसी, पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होती है.

फ़ास्टैग रिचार्ज कैसे करें?

जब आपके फ़ास्टैग का बैलेंस ख़त्म हो जाये तो आप इसे बड़े ही आसानी से Debit/ Credit Card/ NetBanking/ UPI से स्वयं ही रिचार्ज कर सकते है.

इसके अलावा आपको टोल प्लाजा पर भी मोजूद फास्टैग काउंटर पर फ़ास्टैग रिचार्ज कराने की सुविधा मिलती है. ऐसे में अगर किसी वाहन का फास्टैग रिचार्ज नहीं है तो चालक टोल पर ही इसे रिचार्ज भी करा पाएंगे.

हालाँकि Fastag को जहाँ से ख़रीदा गया हो वहीं से रिचार्ज कराना बेहतर होता है. यानी जिस बैंक से आपने फास्टैग लिया है वहीं से उसे रिचार्ज कराना चाहिए. क्योंकि अगर आप दूसरे बैंक से Fastag रीचार्ज कराता है तो उसे 2.5 परसेंट लोडिंग चार्ज देना होता है.

फास्टैग के वॉलेट में बैलेंस रखने की सीमा Minimum 100₹ और Maximum 100000 है, जिसका इस्तेमाल E-Tolling में ही किया जा सकता है। हालाँकि फास्टैग को डायरेक्ट बैंक अकाउंट से भी लिंक किया जा सकता है, ऐसा कर देने से बार-बार रिचार्ज करने के झंझट से मुक्ति मिल जाती है क्योंकि टैक्स सीधे आपके लिंक्ड बैंक अकाउंट से कटने लगते है।

फ़ास्टैग के फायदे?

  • Fastag के फायदे की बात करें तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है की आपके गाड़ी में Fastag रहने पर आप टोल प्लाज़ा जल्दी क्रॉस कर जाते हैं क्योंकि आपको पेमेंट के लिए रुकना नहीं होता है जिस कारन हाईवे पर टोल नाके के पास जाम लगने की समस्या उत्पन्न नहीं होती है.
  • जब टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ता है तो जाहिर सी बात है की इंधन और समय की भी बचत होती है.
  • जब इंधन और टाइम की बचत होगी तो ये भी सही है की गाड़ियों से होनेवाले प्रदुषण की स्तर में भी गिरावट आएगी.
  • चूंकि यह कैशलेस और आटोमेटिक पेमेंट होता है इसलिए इसमें धोखाधड़ी, लूट-पाट इत्यादि होने की गुंजाइश नहीं है.
  • गाड़ी मालिक अपनी गाड़ी की ट्रैकिंग का सकता है, क्योंकि जब भी गाड़ी टोल प्लाजा पार करेगी तो Fastag से टोल टैक्स कटेगा जिसका Message (SMS) रजिस्टर नंबर पर प्राप्त होगा, जिससे पता लग जायेगा की गाड़ी अभी कहाँ से गुजरी है.

फ़ास्टैग कैसे लगायें?

जब आपको फ़ास्टैग मिल जाये और आपका फ़ास्टैग एक्टिवेट हो जाये तो आप अपने गाड़ी के विंडस्क्रीन पर ऊपर साइड सेंटर में ग्लास को क्लीन करके अन्दर से चिपका दें.

फास्टैग कितने प्रकार के होते है?

फास्टैग जारीकर्ता के आधार पर इसके प्रकार को देखें तो यह दो प्रकार के होते है जिनमे से पहला है NHAI Tag और दूसरा है Bank Specific Tag जो बैंक द्वारा प्रदान की जाती है.

Vehicle Classification के आधार पर देखें तो इसे सात अलग-अलग रंगों में बाँट दिया गया है और सभी अलग-अलग रंगों के फास्टैग अलग-अलग तरह के गाड़ियों के लिए आवंटित किए जाते है जैसे:- 
  • Private Car के लिए Violet Color का फास्टैग जारी किया जाता है.
  • Small Commercial Vehicle के लिए Orange Color का फास्टैग जारी किया जाता है.
  • 2 Axle Vehicle के लिए Green Color का फास्टैग जारी किया जाता है.
  • 3 Axle Vehicle के लिए Yellow Color का फास्टैग जारी किया जाता है.
  • 4,5,6 Axle Vehicle के लिए Pink Color का फास्टैग जारी किया जाता है.
  • 7 Axle Vehicle के लिए Sky Blue Color का फास्टैग जारी किया जाता है.
  • Machinery Vehicle (Ex. JCB Machine) के लिए Black Color का फास्टैग जारी किया जाता है.
यहाँ 2 Axle, 3 Axle, 4,5,6,7 Axle से मतलब है गाड़ी के पहिए की Axle (धुरी) की संख्यां।


Conclusion (निष्कर्ष):
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की फ़ास्टैग के बारे में लिखी गयी इस आर्टिकल को पढने से आपको फ़ास्टैग से जुडी बहुत से प्रश्नों का उत्तर मिल गया होगा, फिर भी आपके मन में किसी प्रकार की कोई कंफ्यूजन रह गई हो तो कमेंट में पूछ सकते है. यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरुर दें क्योंकि आपकी फीडबैक ही आपके द्वारा पढ़ें जा रहे आर्टिकल की गुणवत्ता तय करती है. साथ ही अगर यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो सोशल साईट पर अधिक से अधिक शेयर करें. Comtechinhindi.IN से जुड़ें रहने के लिए....धन्यवाद! आपका दिन शुभ हो !

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