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कोडिंग क्या है? Coding kya hai? जानिए बिल्कुल आसान शब्दों में?

कोडिंग क्या है? What is coding in hindi?

फ्रेंड्स जैसा की हम सभी देख रहे है कि आज जमाना बहुत ही तेजी से विकास कर रहा है जिसमे महत्वपूर्ण स्थान टेक्नोलॉजी का है। आज जितनी तेजी से टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है उतनी ही तेजी से सब कुछ कंप्यूटराइज्ड और डिजिटल होता जा रहा है जिसने हमारी जिंदगी को भी बहुत ही आसान बना दिया है।

आज हम अपने इर्द-गिर्द देखें तो हमारे हर तरफ स्मार्ट मशीनें तथा स्मार्ट डिवाइसेज देखने को मिलते हैं जिसे हम बड़े हैं आसानी से यूज़ तथा कंट्रोल कर पाते हैं क्योंकि इन सभी डिवाइसेज में कई तरह के फंक्शन तथा फीचर दिए गए होते हैं।

ऐसे में शायद हम में से ज्यादातर लोगों यह पता होगा कि इन सभी डिवाइसेज तथा मशीनों में इतने अच्छे-अच्छे फीचर तथा कंट्रोलिंग सिस्टम जो भी दिया गया होता है वह सॉफ्टवेयर की देन है जिस कारण आज सॉफ्टवेयर की दुनिया में क्रांति सी आई हुई है और जब सॉफ्टवेयर की बात आती है तो तभी नाम आता है "कोडिंग" का, इसके साथ-साथ जब से नई शिक्षा निति में कोडिंग जैसे शिक्षाओं को अनिवार्य करने की बात कही गयी है तब से तो कोडिंग और भी चर्चाओं में है, पर क्या आपको पता है की आखिर ये कोडिंग है क्या? अगर हां तो बहुत अच्छी बात है नहीं तो अभी आप जानने वाले हैं क्योंकि आज हम लोग इस टॉपिक में कोडिंग के बारे में ही विश्लेषण करने जा रहे हैं इसलिए आपसे आग्रह है कि पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें....

कोडिंग क्या है? Coding kya hai?

Coding kya hai?

फ्रेंड्स हम सभी को पता है कि चाहे कंप्यूटर हो, मोबाइल हो, टीवी हो, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट हो, रोबोटिक मशीनें हो या कोई अन्य कंप्यूटराइज्ड डिवाइस ये सभी मुख्य रूप से दो चीजों से मिलकर बना होता है जिनमें से एक होता है हार्डवेयर और एक होता है सॉफ्टवेयर।

हार्डवेयर किसी भी डिवाइस में लगे सारे फिजिकल पार्ट को कहते हैं जबकि सॉफ्टवेयर कोई फिजिकल पार्ट नहीं होता बल्कि सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में लिखा गया इंस्ट्रक्शन सेट का एक समूह होता है जो हार्डवेयर को यूजर की कमांड समझाने का काम करता है। बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर हमारे कमांड को नहीं समझ सकता है ना ही कोई काम कर सकता है।

जिस प्रकार मनुष्य से कोई कार्य करवाने के लिए अपने शब्दों में बोलकर या लिखकर उसे समझाना होता है ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर या किसी अन्य कंप्यूटराइज्ड डिवाइस से भी कार्य करवाने के लिए सारे निर्देश उसे उसकी भाषा में समझने की जरुरत होती है और कंप्यूटर को जिस भाषा में कोई भी इंस्ट्रक्शन समझाया जाता है उसे कंप्यूटर की भाषा या Programming Language कहा जाता है।

कोई भी कंप्यूटर मनुष्य की भाषा को डायरेक्ट नहीं समझ सकता है क्योंकि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन है, इसलिए कंप्यूटर को मनुष्य की भाषा यानि कंप्यूटर को दी जानेवाली कमांड को समझाने के लिए एक विशेष प्रकार की भाषा का विकास किया है जिसे प्रोग्रामिंग भाषा कहा गया है जो मनुष्य के द्वारा दी जानेवाली कमांड को एक इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन को समझाने के साथ-साथ उससे कार्य करवाने का काम करता है।

कुछ महत्वपूर्ण Programming Language के नाम है- C, C++, Python, Java, Html, CSS इत्यादि। इन्ही सारी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में कोडिंग करके कोई भी सॉफ्टवेयर, प्रोग्राम, मोबाइल एप्लीकेशन इत्यादि बनाये जाते है।

संक्षेप में कोडिंग के बारे में हम इस प्रकार कह सकते है....

सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम को बनाने के क्रम में प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में इंस्ट्रक्शन लिखने की क्रिया को कोडिंग कहा जाता है और कोडिंग के दौरान लिखे जाने वाले सभी इंस्ट्रक्शन को सोर्स कोड कहा जाता है। Coding सॉफ्टवेयर बनाने की सबसे पहली क्रिया होती है क्योंकि किसी भी सॉफ्टवेयर का फाइनल प्रोडक्ट की तरह तैयार करने से पहले बहुत सारे Code लिखकर इंस्ट्रक्शन बनाने होते है फिर एक सॉफ्टवेयर तैयार होता है।

इन्हें भी देखें:→

प्रोग्रामिंग क्या होता है? Programming kya hai?

किसी विशेष कार्य उद्देश्य से कोडिंग करके लिखे गए इंस्ट्रक्शन को प्रोग्रामिंग कहा जाता है। हालाँकि साधारण तौर पर प्रोग्रामिंग और कोडिंग दोनों को एक ही चीज माना जाता है पर इन दोनों में थोड़ा सा समझने का अंतर जरुर होता है क्योंकि कोडिंग का सीधा मतलब हो जाता है कोई भी प्रोग्राम तेयार करने की क्रिया जबकि प्रोग्रामिंग का मतलब हो जाता है कोई प्रोग्राम बनाना जिसके आधार पर आगे सिस्टम से कार्य करवाना है, हालाँकि कोई भी प्रोग्राम कोडिंग करके ही बनाई जाती है।

कोडिंग और प्रोग्रामिंग में क्या अंतर है? Coding or Programming me kya antar hai?

कोडिंग और प्रोग्रामिंग में कोई विशेष अंतर नहीं है बल्कि इन दोनों में केवल इतना अंतर है जितना अंतर किसी के लिए कोई निर्देश लिखकर उससे उस निर्देश के अनुकूल कार्य करवाने में है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी ऑफिस में कोई सीनियर ऑफिसर अपने चपरासी को एक निर्देश लिखकर देता है कि “तुम गेट पर देख करके आओ की वहां कौन आया है”। यहाँ निर्देश में जो भी लिखा गया है वह एक “कोडिंग” और इस निर्देश के अनुरूप चपरासी को जो भी काम दिया गया है वह एक “प्रोग्रामिंग” है क्योंकि यहाँ चपरासी को लिखकर एक प्रोग्राम दिया गया और उस प्रोग्राम के अनुरूप चपरासी गेट पर जाता है और देख करके आकार ऑफिसर को बता देता है कि गेट पर कौन है। बस इतना ही अंतर है कोडिंग और प्रोग्रामिंग में।

कोडिंग क्यों जरूरी है? Coding kyon jaruri hai?

आज के बदलते टेक्नोलॉजी के इस दौर में तथा सॉफ्टवेयर की महत्ता को देखते हुए आज हर एक स्टूडेंट के लिए कोडिंग सीखना एक अनिवार्य विषय बनता जा रहा है क्योंकि कोडिंग एक ऐसी स्किल है जिससे स्टूडेंट की लॉजिकल थिंकिंग केपेसिटी बढ़ने के साथ-साथ आज के इस टेक्नोलॉजी के ज़माने में रोजगार की भी संभावनाएं बढ़ती है।

जैसा की हम सभी जान चुके है की New Education Policy - 2020 के अनुसार अब हमारे भारत देश में कक्षा 6 से ही सभी बच्चों को कोडिंग जैसे Vocational Education का भी ज्ञान दिया जायेगा, इसलिए ऐसा उम्मीद है की आने वाले दिनों में इसके फायदे जरुर देखने को मिलेगा, और एक बात तो सत्य है की जिसकी डिमांड बढ़ेगी उसमे रोजगार की भी संभावनाएँ बढ़ेगी।

कोडिंग कैसे सीखें? Coding kaise sikhen?

जब बात आती है कोडिंग सीखने की तो आज हम सभी के पास कोडिंग या कहे तो प्रोग्रामिंग सीखने के लिए कई सारे विकल्प मौजूद हैं जिन्हें हमलोग दो माध्यम में विभाजित कर सकते है पहला ऑनलाइन माध्यम दूसरा ऑफलाइन माध्यम।

जैसा की अब हमलोग देख रहे है की लगभग सारी एजुकेशन सिस्टम ऑफलाइन के साथ-साथ अब अपनी ऑनलाइन प्लेटफार्म भी विकसित कर रही जहाँ पर स्टूडेंट घर बैठे भी पढाई कर पा रहे है, ऐसे में कई सारी एजुकेशन कंपनिया आज ऑनलाइन ही Coding जैसे Courses भी करा रही है, जहाँ से आप घर बैठे ही कोडिंग सिख सकते है और कोर्स कम्पलीट करने के पश्चात आप Completion Certificate भी प्राप्त कर सकते है।

इसके अलावा आपके पास दूसरा आप्शन है ऑफलाइन माध्यम, यानि किसी Education Institution को ज्वाइन करके जो एक कोडिंग सिखने का सबसे बढियां विकल्प है, क्योंकि ऑफलाइन माध्यम में आप जिस भी College, Institute या University से कोडिंग सीखते है वहाँ पर आपको अपने टीचर से डायरेक्ट कम्युनिकेशन करने का मोका मिलता है साथ ही कोर्स कम्पलीट करने के पश्चात आपको Certificate भी दिया जाता है जो हर जगह वैध होता है। इसलिए बेहतर होगा की आप किसी Institute को ज्वाइन करके Coding सीखें।

कोडिंग सिखने के फायदे? Coding sikhne ke fayde?

कोडिंग सिखने के फायदे की बात करें तो, यह एक ऐसा स्किल है जिसके कई फायदे हो सकते....
  • कोडिंग सिखने से आपकी Problem Solving Capacity बढती है।
  • कोडिंग सिखने से बच्चों में Logical Thinking कैपेसिटी बढती है।
  • इस स्किल से बच्चों में Creativity Improve होती है।
  • कोडिंग सिखने पर छोटे से लेकर बड़े-बड़े सॉफ्टवेयर, मोबाइल एप्लीकेशन, वेबसाइट इत्यादि बना सकते है।
  • कोडिंग से करियर की भी संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं।
इन्हें भी देखें:→

Conclusion (निष्कर्ष):
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की हमारे द्वारा “कोडिंग क्या है” के बारे में लिखी गयी यह आर्टिकल आपको पसंद आई होगी फिर भी किसी प्रकार की कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरुर दें क्योंकि आपकी फीडबैक हमारे लिए महत्वपूर्ण है साथ ही अगर यदि या आर्टिकल आपको पसंद आई हो तो अपने फ्रेंड सर्किल में अधिक से अधिक इसे शेयर करें। Comtechinhindi.IN से जुड़ें रहने के लिए....धन्यवाद!

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